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दोस्ती के नाम पर कहीं इस्तेमाल तो नहीं हो रहे आप? ऐसे करें सच्चे दोस्त की पहचान

Psychological Tips To Identify True Friends: आप जिन्हें दोस्त कहते हैं क्या वो वाकई आपके दोस्त हैं? आज के वक्त में लोग आसानी से दोस्त होने का दावा कर देते हैं, लेकिन बहुत कम लोग ही आपके सच्चे दोस्त होते हैं. आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बता रहे हैं जिनसे आप अपने सच्चे दोस्तों की पहचान कर सकते हैं.

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How To Identify Fake Friends (Representational Image)
How To Identify Fake Friends (Representational Image)

दोस्त बनाना, उनसे बातें करना सबको अच्छा लगता है. हालांकि, कई बार होता है कि हम जिन्हें अपना दोस्त कहते हैं, वो हमारे बारे में वैसा महसूस नहीं करते हैं. हैक स्पिरिट में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक स्टडी में दावा किया गया है कि हम जिन्हें दोस्त कहते हैं, उनमें से आधे से ज्यादा लोग शायद हमें दोस्त नहीं मानते हैं या हमारे जैसा महसूस नहीं करते. ऐसे में कई बार आपके मन में सवाल आता होगा कि हम जिनके साथ वक्त बिता रहे हैं क्या वो वाकई हमारे दोस्त हैं या नहीं? आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताएंगे जिनसे आप ये पता लगा सकते हैं कि क्या आपके दोस्त आपको सच में पसंद करते हैं या नहीं. 

केवल मदद मांगने के लिए नहीं करते कॉन्टेक्ट: अगर आपके दोस्तों की लिस्ट में ऐसे नाम शामिल हैं, जो केवल जरूरत पड़ने पर ही आपसे बात करते हैं तो मुमकिन है कि वो आपके सच्चे दोस्त नहीं हैं. दोस्तों की मदद करना दोस्ती के रिश्ते में जरूरी होता है, लेकिन अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं या दोस्त कहते हैं जो केवल काम के वक्त ही आपको याद करता है, उसके अलावा आपसे बातचीत नहीं करता तो आपको सोचना चाहिए. 

सच्चे दोस्तों के सामने दिखावा करने की जरूरत नहीं होती: जिन लोगों के सामने या साथ में आपको बिल्कुल दिखावा करने की जरूरत नहीं पड़ती है, वही आपके सच्चे दोस्त होते हैं. अगर आप ऐसे दोस्तों के ग्रूप में बैठे हैं जहां आपको चेहरे पर किसी तरह का मास्क पहनना पड़े, झूठ बोलना पड़े तो आप सच्चे दोस्तों के बीच नहीं हैं. आप उन लोगों के सामने ही दिखावा करते हैं या झूठ बोलते हैं, जहां आपको लगता है कि सामने वाला व्यक्ति आपको जज कर सकता है, और सच्चे दोस्त कभी आपको जज नहीं करते. 

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मिलने के लिए हमेशा आपको ही प्लान करना पड़ता है: जब दो दोस्त एक दूसरे लिए एक जैसी भावना रखते हैं तो दोनों ही लोग एक दूसरे के लिए प्रयास करते हैं. दोनों ही लोग एक दूसरे के लिए चीजें करते हैं. हालांकि, अगर किसी दोस्त के साथ हमेशा आपको ही चीजें करनी पड़ती हैं या हमेशा आप ही सामने वाले से मिलने का प्लान करते हैं तो मुमकिन है कि आपको अपनी दोस्ती पर विचार करने की जरूरत है. 

बुरे वक्त में बात करने से पहले सोचना नहीं पड़ता है: अगर आपके दोस्त सच्चे हैं तो आपको कभी भी अपने बुरे वक्त में उन्हें कॉल करने से पहले सोचना नहीं पड़ता. आपके सच्चे दोस्त आपके आसपास ऐसा माहौल बना देते हैं जिसकी वजह से आप उनपर भरोसा कर पाते हैं और अपनी सभी बातों को शेयर कर पाते हैं. हालांकि, अगर कोई दोस्त केवल अच्छा दोस्त होने का सिर्फ दावा करता है तो वो कभी आपको कंफर्टेबल फील नहीं करा पाएगा और आप चाह के भी उससे अपने मन की बात शेयर नहीं कर पाएंगे. 

एक्शन पर दें ध्यान: लोगों के लिए दावा करना आसान होता है कि वो आपके सच्चे दोस्त हैं. हालांकि, आपके सच्चे दोस्त सिर्फ बातों में ही नहीं, बल्कि एक्शन से अपनी दोस्ती दिखाते हैं. किसी के लिए बोलना आसान है कि वो आपके लिए हर वक्त उपलब्ध रहेगा, लेकिन आपको ये ध्यान रखना चाहिए कि जब आपको दोस्तों की जरूरत थी तो असल में आपके साथ कौन मौजूद था.

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