तमिलनाडु सरकार ने फैसला किया है कि सरकारी स्कूल के छात्रों के लिए प्रोफेशनल कोर्सेज की फीस का भुगतान करेगी. इसे लेकर एक नया कानून पारित करते हुए, DMK सरकार ने राज्य सरकार के स्कूलों में 6वीं से 8वीं तक पढ़ने वाले छात्रों के लिए इंजीनियरिंग प्रवेश में 7.5% कोटा निर्धारित किया है.
राज्य के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने आज कहा कि यह द्रमुक सरकार थी जिसने पहली बार इंजीनियरिंग प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा प्रणाली को रद्द कर दिया था और राज्य में नीट के खिलाफ कानूनी लड़ाई भी लड़ रही है. उन्होंने कहा कि इस स्तर तक आने के लिए, मुझे पता है कि आपके और आपके माता-पिता ने कितना त्याग किया होगा. वो भविष्य में आपके महान बनने का सपना देखते हैं और मैं आपसे एक भाई के रूप में उनके सपनों को पूरा करने का अनुरोध करता हूं.
एमके स्टालिन ने यह भी कहा कि छात्रों का लक्ष्य न केवल नौकरी हासिल करना होना चाहिए, बल्कि नौकरी देने वाला भी होना चाहिए. सीएम स्टालिन ने कहा कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 69% छात्र ग्रामीण क्षेत्रों से हैं और उनकी सरकार ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों के लिए अवसर पैदा करने की इच्छुक है. उन्होंने आगे कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों के लिए इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई के लिए प्रवेश परीक्षा एक बाधा के रूप में खड़ी थी, जिसे रद्द कर दिया गया था.
सीएम स्टालिन ने बताया कि जब वो समारोह में शामिल होने के लिए तैयार हो रहे थे, तभी उन्होंने टेलीविजन देखा जहां एक छात्र कह रहा था कि उन्हें प्रवेश मिल गया है. लेकिन उन्हें इस बात की चिंता थी कि वो अपनी फीस कैसे देगी. उन्होंने अपना भाषण समाप्त करते हुए कहा, "मैं यहां यह घोषणा करने के लिए आया हूं कि जिन लोगों ने 7.5% कोटा के तहत प्रवेश प्राप्त किया है, उनकी शिक्षा शुल्क, छात्रावास शुल्क और यहां तक कि परामर्श शुल्क भी सरकार द्वारा भुगतान किया जाएगा. राज्य सरकार के स्कूल में पढ़ने वाले 10,000 से अधिक छात्र नई कोटा प्रणाली और उनकी फीस का भुगतान करने के राज्य के फैसले से लाभान्वित होंगे.