
देश भर में 21 सितंबर से स्कूल खोलने की तैयारी हो रही है. कई राज्यों ने भी स्कूल खोलने की तैयारी कर ली है. लेकिन इस बीच बड़ी संख्या में पेरेंट्स कह रहे हैं कि वो अपने बच्चों को कोरोना संकट के बीच स्कूल भेजने को तैयार नहीं हैं.
दिल्ली पेरेंट्स ऐसोसिएशन ने इसे लेकर एक सर्वे किया था. इस सर्वे में पूछा गया था कि क्या आप सितंबर में स्कूल खोले जाने पर अपने बच्चे को भेजने के लिए तैयार हैं. इस सर्वे में देश भर से करीब 3000 अभिभावकों ने हिस्सा लिया था. इस सर्वे में 99 प्रतिशत के करीब अभिभावकों का जवाब नहीं था.
दिल्ली पेरेंट्स ऐसोसिएशन की अध्यक्ष अपराजिता गौतम ने aajtak.in से बातचीत में कहा कि अभिभावक बच्चों को रिस्क में डालने को बिल्कुल भी तैयार नहीं है. देश में जिस तरह से कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं, ऐसे में पेरेंट्स को सबसे ज्यादा चिंता अपने बच्चों और बुजुर्गों की होती है. अपराजिता ने कहा कि उनसे जो भी पेरेंट्स संपर्क कर रहे हैं, उनका कहना है कि वो जब तक कोरोना की कोई वैक्सीन या दवा नहीं बन जाती या फिर हर्ड इम्युनिटी डेवलेप नहीं हो जाती है, तब तक वो बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे.
यहां देखें सर्वे की एक तस्वीर

बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बीते सप्ताह स्कूलों में बच्चों की हेल्थ को लेकर गाइडलाइंस की घोषणा कर दी है. केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने अपने ट्विटर हैंडल पर गाइडलाइंस साझा की.स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्किल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट, उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोजीसर (SOP) जारी कर दिया है. टेक्निकल प्रोग्राम्स में कोर्स कराने वाले इन संस्थानों को 21 सितंबर से लैब खोलने की भी इजाजत मिल गई है.
गाइडलाइन में बताया गया है कि कक्षा में सिटिंग अरेंजमेंट भी बदला जाएगा. यहां छात्र एक दूसरे से छह फिट की दूरी में बैठेंगे. इसलिए कुर्सी-मेज की दूरी 6 फीट होनी चाहिए. कक्षा में अन्य जरूरी गतिविधियों के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना होगा.
टीचिंग फैकल्टी को इस बात का ध्यान रखना होगा कि पढ़ाई-लिखाई के दौरान छात्र और अध्यापक मास्क पहने हुए हों. छात्रों को आपस में लैपटॉप, नोटबुक, स्टेशनरी शेयर करने की इजाजत नहीं होगी.
किस-किसको मिलेगी स्कूल जाने की इजाजत
अभी नये नियम के अनुसार सभी को तत्काल परिसर में वापस नहीं बुलाया जाएगा. फिलहाल 9वीं से 12वीं कक्षा के छात्रों को स्कूल जाने का विकल्प दिया गया है, वैसे उनके पास ऑफलाइन कक्षाओं में पढ़ने का भी ऑप्शन है. स्कूल केवल उन छात्रों के लिए खुलेंगे जिनके पास ऑनलाइन शिक्षा की पहुंच नहीं है या दूसरी प्रॉब्लम्स का सामना कर रहे हैं.