Pakistan Education System: भारत और पाकिस्तान देशों की सीमाएं भले ही अलग-अलग हैं, लेकिन पड़ोसी देश में क्या चल रहा है, यह जानने में सभी की उत्सुकता रहती है. शिक्षा, हर समाज की संजीवनी होती है. दोनों देशों में शिक्षा को लेकर अलग-अलग नीतियां हैं. भारत के एजुकेशन सिस्टम से आप वाकिफ होंगे तो आइए जानते हैं कि पाकिस्तान में किस तरह से पढ़ाई कराई जाती है.
पाकिस्तान में पढ़ाई करवाने का तरीका बेहद अलग है. पाकिस्तान में 6 स्तर के आधार पर पढ़ाई करवाई जाती है, जिसमें प्री-स्कूल, प्राइमरी, मिडिल, हाई, इंटरमीडिएट और यूनिवर्सिटी स्कूलिंग शामिल है. वहीं, भारतीय शिक्षा प्रणाली को प्री-प्राथमिक (नर्सरी और केंद्रीय विद्यालय), प्राथमिक (कक्षा 1 से 5 तक), माध्यमिक (कक्षा 6 से 10 तक) और उच्च माध्यमिक (कक्षा 11 और 12), इसके बाद यूनिवर्सिटी में बांटा गया है.
प्री स्कूल- 3 से 5 चाल तक के बच्चे
प्राइमरी पढ़ाई- क्लास एक से क्लास पांच तक की पढ़ाई
मि़डिल एजुकेशन- ग्रेड 6 से कक्षा 8 तक की पढ़ाई
सेकेंडरी एजुऐशन- ग्रेड 9 से 12 तक की पढ़ाई
टेरटिरी एजुकेशन- 12वीं के बाद की पढ़ाई
पाकिस्तान में पढ़ाई प्री स्कूल से शुरू हो जाती है. हालांकि, प्री स्कूल में बेहद छोटे बच्चे जाते हैं. 3 साल की उम्र से प्री स्कूल में दाखिला करवा सकते हैं. 5 साल तक का होने में इसमें पढ़ाई होती है. इसके बाद बच्चा मिडिल एजुकेशन में आ जाता है. इसमें कक्षा एक में एडमिशन होता है. मिडिल स्कूल कक्षा पांच तक चलता है. इसमें उर्दू, इंग्लिश, गणित, आर्ट्स, साइंस, सोशल स्टडीज, इस्लामिक स्टडीज की पढ़ाई करवाई जाती है. वहीं पंजाबी, सिंधी, पश्तो की भी पढ़ाई करवाई जाती है.
टेरटिरी एजुकेशन
सेकेंडरी एजुऐशन में कक्षा 9 से लेकर कक्षा 12 तक की पढ़ाई होती है. भारत की तरह ही पाकिस्तान में भी 12वीं के बाद कॉलेज में एडमिशन होता है. यहां यूनिवर्सिटी की पढ़ाई को टेरटिरी एजुकेशन कहा जाता है.
सिंगल जेंडर एजुकेशन
पाकिस्तान में लड़के और लड़कियों को एक साथ नहीं पढ़ाया जाता है. बड़ी कक्षा में आने के बाद लड़कियों की पढ़ाई अलग हो जाती है और लड़कों की पढ़ाई अलग हो जाती है. इसके अलावा लड़कियों के अलग और लड़कों के कई अलग स्कूल भी हैं.