Mother-Son 10th Exam: कई बार जिन्दगी ऐसे मोड़ पर चली जाती है कि हमारे सपने पीछे छूट जाते हैं. कई लड़कियों के पढ़ाई-लिखाई करके कुछ बनने के सपने शादी होने के साथ-साथ खत्म हो जाते हैं. ज्योसना के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ लेकिन अंत तक उन्होंने हार नहीं मानी.
15 साल पहले छोड़ी थी पढ़ाई
पुजारीपुत गांव की रहने वाली ज्योसना का भी सपना था कि वह पढ़ाई करे, परीक्षा में बैठे और कुछ बनकर निकले, लेकिन समय से पहले शादी होने के कारण उनका सपना तब पूरा नहीं हो पाया. इसीलिए ज्योसना ने 15 साल बाद अपनी पढ़ाई दोबारा शुरू की और अपने ही बेटे के साथ एक ही परीक्षा देकर मिसालें कायम कर दीं.
लॉकडाउन में शुरू करी ऑनलाइन क्लासेस
दरअसल, साल 2002 में ज्योसना के परिवार की परेशानियों के कारण उन्हें अपना स्कूल, पढ़ाई सब छोड़नी पड़ी. उसके बाद शादी और बाल बच्चे में ज्योसना की जिन्दगी बीत रही थी, लेकिन कोरोना में लगने वाला लॉकडाउन ज्योसना के लिए सवेरा बनकर आया.
बेटे के साथ दी 10वीं की परीक्षा
जब उनका बेटा अपनी 10वीं कक्षा की ऑनलाइन पढ़ाई किया करता था. तब ज्योसना के मन में पढ़ाई करने का जुनून वापस जागा और वह बेटे के पास बैठ धीरे-धीरे पढ़ाई करने लगीं. हालांकि, शुरुआत में उन्हें ये मुश्किल लगा, लेकिन ज्योसना ने ठान ली थी कि वह अपनी पढ़ाई पूरी करके रहेंगी. शुरुआत में परिवार और पढ़ाई दोनों को एक साथ संभालने में ज्योसना को दिकक्त आई, लेकिन परिवार के बाकि सदस्य और ज्योसना के पति ने उनका पूरा साथ दिया.