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NEET ऑनलाइन होगा या पेन-पेपर मोड में, इस पर जल्द आएगा फैसला: धर्मेंद्र प्रधान

NEET: नीट कई अनियमितताओं जिसमें कथित लीक भी शामिल है, इसके कारण जांच के घेरे में था. वहीं यूजीसी-नेट को रद्द कर दिया गया क्योंकि मंत्रालय को सूचना मिली थी कि परीक्षा की शुचिता से समझौता किया गया है. दोनों मामलों की जांच सीबीआई द्वारा की जा रही है.

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शिक्षा मंत्रालय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ बातचीत कर रहा है ताकि यह तय किया जा सके कि NEET UG ऑनलाइन मोड में शिफ्ट होगा या नहीं, जल्द ही इस पर फैसला होने की उम्मीद है। (फोटो: पीटीआई)
शिक्षा मंत्रालय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ बातचीत कर रहा है ताकि यह तय किया जा सके कि NEET UG ऑनलाइन मोड में शिफ्ट होगा या नहीं, जल्द ही इस पर फैसला होने की उम्मीद है। (फोटो: पीटीआई)

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य मंत्रालय इस बात पर विचार कर रहे हैं कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी का आयोजन पेन और पेपर मोड में किया जाए या ऑनलाइन मोड में. इस संबंध में जल्द ही निर्णय होने की उम्मीद है. शिक्षा मंत्रालय ने केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा के नेतृत्व में स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ दो दौर की वार्ता की है.

वर्तमान में, NEET-UG का आयोजन ऑफलाइन - पेन और पेपर मोड में किया जाता है जिसमें छात्रों को OMR शीट पर बहुविकल्पीय प्रश्न हल करने होते हैं. राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवारों की संख्या के मामले में देश की सबसे बड़ी प्रवेश परीक्षा है. 2024 में रिकॉर्ड 24 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने परीक्षा दी.

प्रधान ने मीड‍िया से कहा कि नीट का प्रशासनिक मंत्रालय स्वास्थ्य मंत्रालय है और इसलिए हम उनके साथ इस बारे में बातचीत कर रहे हैं कि नीट को पेन और पेपर मोड में या ऑनलाइन मोड में आयोजित किया जाना चाहिए. जेपी नड्डा के नेतृत्व में स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ हमारी दो दौर की बातचीत हुई है. परीक्षा आयोजित करने के लिए जो भी विकल्प सबसे उपयुक्त माना जाएगा, एनटीए उसे करने के लिए तैयार है.

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धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि इस संबंध में निर्णय जल्द ही होने की उम्मीद है और ये सुधार परीक्षा के 2025 एड‍िशन में लागू किए जाएंगे. नीट की कार्यप्रणाली क्या होगी, प्रोटोकॉल क्या होगा. जल्द ही इस पर निर्णय होने की उम्मीद है. हम जल्द ही इसे अधिसूचित करेंगे.

एनटीए हर साल मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए NEET आयोजित करता है. एमबीएसएस कोर्स के लिए कुल 1,08,000 सीटें उपलब्ध हैं. MBBS कोर्स के लिए उपलब्ध सीटों में से लगभग 56,000 सीटें सरकारी अस्पतालों में और लगभग 52,000 सीटें निजी कॉलेजों में हैं. दंत चिकित्सा, आयुर्वेद, यूनानी और सिद्ध में स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए भी NEET के परिणामों का उपयोग किया जाता है.

NEET के लिए कंप्यूटर आधारित टेस्ट (CBT) मोड पर स्विच करने का विचार नया नहीं है. इस पर पहले भी कई बार विचार-विमर्श किया जा चुका है. हालांकि, इस साल की शुरुआत में पेपर लीक विवाद के बाद परीक्षा सुधारों पर जोर दिया गया. नीट और पीएचडी प्रवेश परीक्षा एनईईटी में कथित अनियमितताओं को लेकर आलोचनाओं के बीच केंद्र ने एनटीए द्वारा परीक्षाओं का पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष संचालन सुनिश्चित करने के लिए जुलाई में पैनल का गठन किया था.

पूर्व इसरो प्रमुख आर राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाले उच्च स्तरीय पैनल के अनुसार, NEET-UG के लिए बहु-चरणीय परीक्षण एक व्यवहार्य संभावना हो सकती है, जिस पर आगे काम करने की आवश्यकता है. पैनल ने अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की है कि प्रत्येक चरण पर स्कोरिंग और रैंकिंग के लिए सीमा और परीक्षण उद्देश्यों तथा प्रयासों की संख्या आदि के साथ एक स्वीकार्य ढांचा विकसित किया जा सकता है.

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नीट कई अनियमितताओं जिसमें कथित लीक भी शामिल है, इसके कारण जांच के घेरे में था. वहीं यूजीसी-नेट को रद्द कर दिया गया क्योंकि मंत्रालय को सूचना मिली थी कि परीक्षा की शुचिता से समझौता किया गया है. दोनों मामलों की जांच सीबीआई द्वारा की जा रही है. दो अन्य परीक्षाएं – CSIR-UGC NET और NEET PG को एहतियात के तौर पर अंतिम समय में रद्द कर दिया गया.

पैनल में एम्स दिल्ली के पूर्व निदेशक रणदीप गुलेरिया, हैदराबाद केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति बी.जे. राव, आईआईटी मद्रास के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर एमेरिटस के. राममूर्ति, पीपल स्ट्रॉन्ग के सह-संस्थापक और कर्मयोगी भारत बोर्ड के सदस्य पंकज बंसल, IIT दिल्ली के छात्र मामलों के डीन आदित्य मित्तल और शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव गोविंद जायसवाल भी शामिल हैं.

समिति को विभिन्न परीक्षाओं के लिए प्रश्नपत्रों और अन्य प्रक्रियाओं से संबंधित मौजूदा सुरक्षा प्रोटोकॉल की जांच करने और प्रणाली की मजबूती बढ़ाने के लिए सिफारिशें करने का भी काम सौंपा गया था. पैनल ने आईआईटी कानपुर के दो शिक्षाविदों कम्प्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग के प्रोफेसर अमेय करकरे और सहायक प्रोफेसर देबप्रिया रॉय को भी सदस्य के रूप में चुना था.

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