NEET Controversy Live Updates NEET UG 2024 Student's Protest: नीट यूजी रिजल्ट जारी होने के बाद से छात्रों का गुस्सा एनटीए पर फूट रहा है. मेडिकल स्टूडेंट्स ने परीक्षा आयोजित कराने वाली एजेंसी एनीटए पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. छात्रों का मानना है कि इस बार परीक्षा में कोई ना कोई गड़बड़ी हुई है. इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि 67 स्टूडेंट्स को फुल मार्क्स आए हैं. इसके अलावा एक ही सेंटर से कई टॉपर निकलना भी नीट को शक के घेरे में खड़ा कर रहा है, जिसको लेकर सोशल मीडिया और सड़कों पर स्टूडेंट्स प्रोटेस्ट कर रहे हैं.
लखनऊ की नीट छात्रा के वीडियो पर NTA का जवाब
लखनऊ की नीट छात्रा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल है. छात्रा का कहना है कि एनटीए ने उसका रिजल्ट इसलीए रोक दिया, क्योंकि ओएमआर शीट फटी हुई थी. छात्रा का दावा है कि इसमें उसका कोई हाथ नहीं है. रिजल्ट के दिन छात्रा ने जब एनटीए से जवाब मांगा तो उन्होंने फटी हुई ओएमआर शीट का फोटो भेज दिया. अब एनटीए का कहना है कि उन्होंने ऐसा कोई मेल नहीं भेजा है.
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NTA ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या कहा?
नीट परीक्षा मेडिकल स्टूडेंट्स के बीच एक बड़ मुद्दा बनी हुई है. नीट यूजी गड़बड़ी मामले में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने शनिवार, 8 जून को प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की थी. जिसमें नीट रिजल्ट को लेकर उठ रहे सवालों का जवाब देने के लिए एनटीए के डायरेक्टर जनरल सुबोध कुमार ने कई सवालों को जवाब दिए. इसके बाद एनटीए ने नीट के री एग्जाम को लेकर कहा कि सभी स्टूडेंट्स का री एग्जाम नहीं होगा, जिन कैंडिडेट्स को ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं, उनको लेकर एक कमेठी गठित की गई है. कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर एक हफ्ते बाद फैसला सामने आ जाएगा.
नीट परीक्षा में धांधली को लेकर फिजिक्स वाला के फाउंडर अलक पांडे ने आवाज उठाई है. उनका कहना है कि यह गलत हो रहा है. कहीं भी ट्रांसपेरेंसी नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट में आज नीट परीक्षा को लेकर सुनवाई होनी है. यह सुनवाई नीट परीक्षा के री-एग्जाम को लेकर होगी.
एनटीए का कहना है कि उन्होंने छात्रा को ई-मेल पर फटी हुई ओएमआर शीट नहीं भेजी है. हालांकि aajtak.in से बातचीत के दौरान छात्रा ने अपने लैपटॉप पर दिखाया था कि एनटीए की तरफ से उसको फटी हुई ओएमआर शीट का मेल भेजा हुआ है.

NEET परीक्षा को लेकर लखनऊ की एक छात्रा का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह दावा कर रही है कि फटी ओएमआर शीट होने की वजह से एनटीए ने उसका परिणाम रोक दिया है. छात्रा का कहना है कि आंसर की में उसके 720 में से 715 नंबर आ रहे हैं, ओएमआर शीट कैसे फटी, इससे उसका कोई लेना देना नहीं है. अब एनटीए ने वायरल वीडियो पर जवाब दिया है.
विरोध प्रदर्शन स्थल पर आयोजित सार्वजनिक बैठक में जेएनयूएसयू अध्यक्ष धनंजय ने कहा कि आज पूरे देश में छात्र और युवा एनटीए के अपमानजनक घोटालों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं जबकि शिक्षा मंत्रालय चुप है. AISA दिल्ली राज्य सचिव नेहा ने कहा कि पिछले 7 वर्षों में NTA द्वारा 70 से अधिक घोटाले, विसंगतियां और लीक के मामले सामने आ चुके हैं. MoE ने देश में लगभग हर एक परीक्षा आयोजित कराने की खुली छूट दी है और अब यह युवाओं के लिए एक मुसीबत बन चुका है.

NEET 2024 में बड़े पैमाने पर घोटाले के खिलाफ दिल्ली के छात्रों ने शिक्षा मंत्रालय पर विरोध प्रदर्शन किया. छात्रों ने एनटीए से तत्काल पुनर्परीक्षा की मांग की. सोमवार को जेएनयू छात्र संघ के आह्वान पर दिल्ली के छात्रों ने नीट 2024 में अपमानजनक घोटाले के खिलाफ शिक्षा मंत्रालय पर विरोध प्रदर्शन किया. छात्रों ने नीट 2024 की तत्काल पुनर्परीक्षा और एनटीए को पूर्ण रूप से भंग करने की मांग की है.
नीट यूजी परीक्षा परिणाम के विरोध में प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट पर विरोध जताया है.
यह याचिका तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के मूल निवासी अब्दुल्ला मोहम्मद फैज और डॉ. शेख रोशन मोहिद्दीन द्वारा दायर की गई है, जो छात्रों के लिए काम करते हैं और अनुग्रह अंक देने में विसंगतियों का आरोप लगाते हुए कहते हैं कि 718 और 719 के उच्च अंक सांख्यिकीय रूप से असंभव हैं.
अंडर ग्रेजुएट मेडिकल कोर्स में दाखिले के लिए राष्ट्रीय प्रवेश सह पात्रता परीक्षा (NEET) के घोषित परिणामों में विसंगतियों का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक नई याचिका दायर की गई है. नई याचिका में NEET-UG 2024 के नतीजों को वापस लेने और नई परीक्षा आयोजित करने की मांग की गई है.
नई दिल्ली में स्थित एनटीए कार्यालय के बाहर एबीवीपी के छात्रों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है.
राजधानी दिल्ली में शिक्षा मंत्रालय के बाहर मेडिकल के छात्र कुछ ही देर में नीट परीक्षा को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू करने जा रहे हैं. यहां आंदोलन स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) आयोजित करवा रहा है.
NEET-UG 2024 के कुछ टॉपर्स के एक ही केंद्र से होने के जवाब में एनटीए सूत्रों का कहना है कि उन उम्मीदवारों के NEET-UG परिणाम को लेकर कुछ गलतफहमी रही है जिन्होंने 720/720 अंक हासिल किए हैं और वे एक ही केंद्र से हैं. साथ ही यह स्पष्ट किया कि हालांकि इस परीक्षा केंद्र के उम्मीदवारों को प्रतिपूरक अंक दिए गए थे, लेकिन ये विशिष्ट उम्मीदवार नॉर्मलाइजेशन के माध्यम से अपने अंकों के एडजस्टमेंट से पहले ही हाई स्कोरर थे. इसके अलावा, बोनस अंकों ने उनके अंकों को आर्टिफिशयल रूप से नहीं बढ़ाया, बल्कि एक स्टेस्टिक फॉर्मूले का उपयोग करके परीक्षा के समय के नुकसान पर नंबर दिए गए हैं.
मेडिकल स्टूडेंट्स के आरोपों पर नेशनल टेस्टिंंग एजेंसी ने अपनी सफाई पेश करते हुए खुद को नीट एंड क्लीन बताया है. पंजाब एवं हरियाणा, दिल्ली और छत्तीसगढ़ की अदालत में एनटीए ने परीक्षा में लॉस ऑफ टाइम पर चिंता जताई. इसमें पांच मई को नीट यूजी के आयोजन के दौरान कुछ परीक्षा केंद्रों पर छात्रों को देरी हुई. एनटीए को प्रस्तुत की गई इन शिकायतों के निवारण के लिए सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद निर्णय लिया गया. एनटीए ने परीक्षा और शिक्षा के क्षेत्र के प्रतिष्ठित विशेषज्ञों से मिलकर एक शिकायत निवारण समिति का गठन किया गया, ताकि ऐसी शिकायतों/अभ्यावेदनों पर विचार किया जा सके और अपनी सिफारिशें प्रस्तुत की जा सकें.
4 जून को देर शाम जब आयुषी ने ऑनलाइन रिजल्ट देखा तो उसमें NTA की तरफ से जवाब आया कि आपकी ओएमआर शीट फटी हुई थी लिहाजा रिजल्ट जारी नहीं किया जा सकता है. इसके बाद एनटीए ने छात्रा को मेल पर फटी हुई ओएमआर शीट भेजी, लेकिन छात्रा का कहना है कि इसमें उनकी कोई गलती नहीं है. इस मामले में बुधवार को सुनवाई होनी है.
नीट यूजी परीक्षा में धांधली का आरोप लगाते हुए नई दिल्ली में शाम 5 बजे मेडिकल स्टूडेंट्स प्रदर्शन करने वाले हैं. आम आदमी पार्टी की छात्र युवा संघर्ष समिति ने अपने एक्स अकाउंट पर ट्वीट करके निमंत्रण दिया है.
लखनऊ में एक छात्रा ने NTA की परीक्षा प्रणाली पर ही सवाल खड़े करते हुए हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका डाल दी है. लखनऊ की रहने वाली आयुषी पटेल ने भी लाखों छात्रों की तरह इस बार नीट की परीक्षा दी, लेकिन 4 जून को जब रिजल्ट आया तो आयुषी का रिजल्ट देने से मना कर दिया गया. वजह यह बताई की आपकी ओएमआर शीट फटी हुई थी. ओएमआर शीट कैसे फट गई आयुषी को नहीं पता, लेकिन नीट परीक्षा के बाद जो आंसर की जारी हुई उसमें आयुषी को 720 में 715 नंबर आ रहे हैं.
याचिकाकर्ताओं ने इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. उनके संज्ञान में पेपर लीक के कई मामले आए थे. उम्मीदवारों का तर्क है कि नीट का कथित पेपर लीक संविधान के अनुच्छेद 14 में वर्णित समानता के अधिकार का उल्लंघन है क्योंकि इस हरकत ने कुछ उम्मीदवारों जिन्होंने निष्पक्ष तरीके से परीक्षा देने का विकल्प चुना था, उनके मुकाबले दूसरों को अनुचित लाभ मिला. सिर्फ पेपरलीक ही नहीं परीक्षा को लेकर अभ्यर्थियों ने और भी कई तरह के आरोप लगाए हैं. इन सभी आरोपों पर नेशनल टेस्टिंंग एजेंसी ने अपनी सफाई पेश करते हुए खुद को नीट एंड क्लीन बताया है. हालांकि, तमाम विचारों के बाद जांच के कमेटी का गठन किया गया है.
नीट मुद्दे पर एनटीए के महानिदेशक सुबोध कुमार सिंह ने कहा, "हमने सभी चीजों का सावधानीपूर्वक विश्लेषण किया है और परिणाम जारी किए हैं. 4750 केंद्रों में से यह समस्या 6 केंद्रों तक सीमित थी. और 24 लाख छात्रों में से केवल 1600 छात्रों को इस समस्या का सामना करना पड़ा. पूरे देश में इस परीक्षा की अखंडता से समझौता नहीं किया गया. कोई पेपर लीक नहीं हुआ. पूरी परीक्षा प्रक्रिया बहुत पारदर्शी रही."
प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब पूछा गया कि नीट 2024 परीक्षा दोबारा आयोजित की जाएगी या नहीं? इसके जवाब में शिक्षा सचिव ने कहा कि 'कमेटी जांच कर रही है, उसके बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा, लेकिन जो भी फैसला होगा उससे किसी भी स्टूडेंट का कोई नुकसान नहीं होने दिया जाएगा.
नीट यूजी 2024 परीक्षा करीब 24 लाख बच्चों ने दी थी, जिनमें से सिर्फ 1563 को ग्रेस मार्क्स मिले हैं. इसपर एनटीए का कहा है कि 'Loss of Time' क्राईटीरिया के आधार पर ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं. स्टूडेंट्स को अलग-अलग ग्रेस अंक दिए गए हैं जो उनकी आंसर लिखने की क्षमता समेत अन्य कई फैक्टर्स के आधार पर निर्धारित किए गए हैं.
कमेटी की जांच के बाद जिन सेंटर्स पर गड़बड़ी सामने आएगी उनपर एक्शन लिया जाएगा. नीट की जांच कमेटी जो सिफारिश देगी, उस अनुसार कदम उठाए जाएंगे.
नीट परीक्षा को लेकर एनटीए ने जांच कमेटी का गठन किया है. कमेटी एक हफ्ते के अंदर अपनी रिपोर्ट एजेंसी को सब्मिट करेगी, जिसके बाद एनटीए अपना अंतिम फैसला सुनाएगा. बता दें कि नीट परीक्षा का आयोजन 4750 सेंटर्स पर किया गया था, इनमें से 6 सेंटर ऐसे हैं, जिनमें गड़बड़ी सामने आई है.
नीट परीक्षा को लेकर मेडिकल स्टूडेंट्स का प्रदर्शन जारी है. सोशल मीडिया पर लगातार नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं तो वहीं, सड़कों पर हाथ में बैनर लिए स्टूडेंट्स री-एग्जाम की मांग कर रहे हैं.