मध्यप्रदेश के रायसेन में एक स्कूल में उस समय भारी बवाल मच गया. जब बच्चों को 'न' से नमाज और 'म' से मस्जिद पढ़ाया गया. ये सब स्कूल से मिली एक किताब में लिखा था. इसके बाद बच्चों के अभिभावक स्कूल पहुंच गए और इसको लेकर आपत्ति जताई और जमकर हंगामा किया. मामला रायसेन के बेबी कान्वेंट स्कूल का है.
मामले की जानकारी लगते ही विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता भी बच्चों के अभिभावक स्कूल पहुंचे और हंगामा शुरू कर दिया. इस घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मामले को शांत कराया.
क्या है पूरा मामला
रायसेन के बेबी कान्वेंट स्कूल में छोटे-छोटे बच्चों की किताब में 'न' से नमाज, 'म' से मस्जिद लिथा था. वहां 'औ' से औरत लिखा हुआ था, जिसके चित्र में हिजाब पहने एक महिला थी. पूरे मामले का खुलासा नर्सरी में पढ़ने वाले बच्चे की किताब से हुआ जब उसके परिजन घर पर उसे पढ़ाने बैठे.
इस दौरान 'औ' से औरत जब आया तो देखा कि चित्र में हिजाब पहने एक महिलाको दिखाया गया था. घरवालों ने जब पन्ना पलटा तो आगे 'न' से नमाज़, 'म' से मस्जिद और 'क' से काबा लिखा हुआ और उनके चित्र थे.
स्कूल से बच्चों को मिली थी किताब
पूछने पर बच्चे ने बताया कि पट्टी पहाड़ा वाली किताब स्कूल से मैडम ने दिया है. इसके बाद बच्चों के परिजन और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के लोग स्कूल पहुंचे और उर्दू शब्द पढ़ाने पर हंगामा किया. हंगामा बढ़ता देख कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और मामले को शांत कराया.
प्रिंसिपल ने मानी गलती
स्कूल की प्रिंसिपल आईए कुरैशी ने गलती मानते हुए कहा कि उन्होंने पट्टी पहाड़े की सामग्री देखे बगैर बच्चों में बांट दी. प्रिंसिपल के मुताबिक उन्होंने यह पट्टी पहाड़ा भोपाल से बुलवाया था और विवाद के बाद सभी अभिभावकों से पट्टी पहाड़ा वापस स्कूल में जमा कराने को कहा गया है.
मामले को लेकर कोतवाली थाना प्रभारी, नरेंद्र गोयल ने बताया कि स्कूल में हंगामे की सूचना मिली थी. इसके बाद मैं पुलिस दल के साथ वहां पहुंचा और हंगामे को शांत कराया. पुलिस द्वारा पूछने पर प्रिंसिपल ने स्वीकार किया कि किताब उन्होंने बांटी थी. हंगामा बढ़ता देख परिजनों और विद्यार्थी परिषद को कहा है कि वो जिला शिक्षा अधिकारी को इस मामले का आवेदन दें.