MPPSC Exams: मध्य प्रदेश में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण पर फंसा पेच लगातार बरकरार है. एक नई याचिका पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने 27 फ़ीसदी ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी है. दरअसल, एक याचिका एमपीपीएससी 2019 की छात्रा निहारिका त्रिपाठी की ओर से दायर की गई थी जिसने हाल ही में जारी हुए एमपीपीएससी 2019 के परीक्षा परिणामों के बाद भर्ती प्रक्रिया में भी 27 फ़ीसदी ओबीसी आरक्षण देने के प्रक्रिया को चुनौती दी है.
याचिकाकर्ता की ओर से सुनवाई के दौरान तर्क दिया गया कि एमपीपीएससी भर्ती प्रक्रिया में अलग-अलग वर्गों को दिया जा रहा आरक्षण का कुल प्रतिशत 63 फ़ीसदी होता है यानी एमपीपीएससी 2019 मेंस के रिजल्ट में ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग को 63 फ़ीसदी रिजर्वेशन दिया जा रहा है. इसके पूर्व से ही कई मामलों पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा 27 फ़ीसदी OBC आरक्षण पर रोक लगाई गई है.
वहीं, सुप्रीम कोर्ट के कई न्याय दृष्टांत भी यह कहते हैं कि किसी भी हालत में आरक्षण का प्रतिशत 50 फ़ीसदी से अधिक नहीं हो सकता. मामले की सुनवाई कर रही मध्य प्रदेश हाई कोर्ट चीफ जस्टिस आर वी मलिमथ की डिवीजन बेंच ने नोटिस जारी करते हुए यह निर्देश दिए हैं कि एमपीपीएससी 2019 भर्ती प्रक्रिया में ओबीसी वर्ग को सिर्फ 14 फ़ीसदी आरक्षण ही दिया जाए इसके साथ ही साथ सरकार और एमपीपीएससी को नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण मांगा है कि आखिर किस आधार पर अभ्यर्थियों को भर्ती प्रक्रिया में 27 फ़ीसदी आरक्षण का लाभ दिया जा रहा था.
इस याचिका को भी हाई कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण संबंधी अन्य याचिकाओं के साथ तलब किया है. वहीं अगली सुनवाई 21 फरवरी के लिए नियत की है.