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विदेश से MBBS की डिग्री पाना आसान, मगर भारत में प्रैक्टिस के लिए 25 फीसदी से कम पास कर पाते हैं एग्‍जाम

Medical Education in India: विदेशी यूनिवर्सिटी से डिग्री लेकर लौटे छात्रों को भारत में मेडिकल प्रैक्टिस करने के लिए FMGE की परीक्षा पास करना अनिवार्य है. यह परीक्षा साल में 2 बार आयोजित की जाती है मगर इसमें सफलता की दर बेहद कम है. 

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Medical Education in India:
Medical Education in India:
स्टोरी हाइलाइट्स
  • साल में 2 बार होती है FMGE परीक्षा
  • भारत में प्रैक्टिस के लिए है जरूरी

Medical Education in India: भारत में डॉक्‍टर बनने की इच्‍छा रखने वाले युवाओं की राह बेहद मुश्किल है. NEET परीक्षा में कड़ी प्रतिस्‍पर्धा और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की बेहिसाब फीस के चलते छात्र विदेश से MBBS की डिग्री पाना पसंद करते हैं. मगर यहां भी मुश्किल खत्‍म नहीं होती. विदेशी यूनिवर्सिटी से डिग्री लेकर लौटे छात्रों को भारत में मेडिकल प्रैक्टिस करने के लिए FMGE की परीक्षा पास करना अनिवार्य है. यह परीक्षा साल में 2 बार आयोजित की जाती है मगर इसमें सफलता की दर बेहद कम है. 

क्‍या है FMGE एग्‍जाम?
FMG यानी फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट के लिए NBE एक परीक्षा आयोजित करता है. यह एक स्‍क्रीनिंग टेस्‍ट है जिसमें 50 प्रतिशत नंबर लाना जरूरी होता है. अलग-अलग देशों की यूनिवर्सिटी के मेडिकल कोर्सज़ के डिफरेंस के कारण यह परीक्षा आयोजित की जाती है. इसे क्‍वालिफाई करने के बाद ही उम्‍मीदवारों को भारत में प्रैक्टिस की अनुमति मिलती है.

25 फीसदी से कम कर पाते हैं पास
आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद बीते वर्षों के एग्‍जाम रिजल्‍ट पर नज़र डालें तो पता चलता है कि इस एग्‍जाम में छात्रों के पास होने का प्रतिशत बेहद कम है. कुछ आंकड़ें यहां देखें. 

December 2021 Exam

कुल उम्‍मीदवार पास उम्‍मीदवार
23,691 5,665

June 2021 Exam

कुल उम्‍मीदवार पास उम्‍मीदवार
18,048 4,283

June 2020 Exam

कुल उम्‍मीदवार पास उम्‍मीदवार
17,789 1,697

सीमित होते हैं मौके
बता दें कि परीक्षा पास करने के लिए छात्रों के पास मौके सीमित होते हैं. MBBS कोर्स में एडमिशन लेने के बाद कुल 10 सालों के भीतर परीक्षा पास करनी जरूरी होती है. यूक्रेन या रूस में MBBS कोर्स की औसतन अवधि 6 साल की है. इसके बाद छात्रों को 12 महीने की इंटरर्नशिप अपने कॉलेज से पूरी करनी होती है और 12 महीने की इंटर्नशिप भारत लौटने के बाद करनी होती है. इसे मिलाकर 8 साल का समय पूरा हो जाता है. छात्रों को अपने कोर्स के अनुसार 10 साल की अवधि में एग्‍जाम पास करना जरूरी होता है. हालांकि, परीक्षा साल में 2 बार आयोजित होती है जिसके चलते पर्याप्‍त मौके मिल जाते हैं. 

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मौजूदा हालातों में यूक्रेन से लौटे भारतीय छात्रों के लिए NBE के नियमों के चलते काफी समस्‍याएं आ सकती हैं. छात्रों को अभी अपना कोर्स पूरा होने को लेकर भी स्‍पष्‍टीकरण नहीं है. स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय जल्‍द ही छात्रों की राहत के लिए नियमों में बदलाव कर सकता है. हालांकि, तब तक जारी संघर्ष के बीच हजारों भारतीय छात्रों की मेडिकल की पढ़ाई अधर में लटकी रहेगी.

 

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