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'आप भारत के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते...', तुर्की की यूनिवर्सिटी से समझौता खत्म करने पर बोलीं JNU कुलपित

JNU ने अपने आधिकारिक एक्स (X) हैंडल पर एक पोस्ट में लिखा, 'राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से, JNU और तुर्की के इनोनू विश्वविद्यालय के बीच हुआ MoU अगली सूचना तक स्थगित किया गया है. इसपर जेएनयू की कुलपति का बयान सामने आया है.

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Jawaharlal Nehru University (JNU)
Jawaharlal Nehru University (JNU)

JNU Cancelled MOU With Turkey University: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) ने राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी चिंताओं के चलते तुर्की के इनोनू (Inonu) विश्वविद्यालय के साथ अपने अकादमिक सहयोग को स्थगित कर दिया है. यह फैसला दोनों संस्थानों के बीच हुए समझौता ज्ञापन (MoU) की दोबारा समीक्षा के बाद लिया गया. यह कदम तब उठाया गया जब तुर्की के भारत-पाकिस्तान संघर्ष से जुड़ने की खबरें सामने आई हैं. जेएनयू के कुलपति शांतिश्री धूलिपुरी पंडित ने तुर्की के इनोनू विश्वविद्यालय के साथ जेएनयू के समझौते को तोड़ने पर Aajtak.in से बातचीत की है.

तुर्किए के साथ समझौता तोड़ने पर जेएनयू के कुलपति शांतिश्री धूलिपुरी पंडित ने कहा, 'हमने इनोनू विश्वविद्यालय के साथ अपने समझौते को तोड़ दिया है, समझौते के लिए छह महीने पहले नोटिस देना जरूरी है, जिसकी शुरुआत हो चुकी है. वर्तमान सेना प्रमुख और नौसेना प्रमुख जेएनयू के पूर्व छात्र हैं. उन पर गर्व है. ऑपरेशन सिंदूर के मद्देनजर हम अपने सशस्त्र बलों के साथ खड़े हैं.'

कुलपित ने आगे कहा, 'जेएनयू ने रास्ता दिखाया है,  राष्ट्रीय हित पहले आता है, शिक्षाविदों की भी राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी है. अगर कोई हमारे खिलाफ काम करता है, हमारे देश पर हमला करता है. तो जेएनयू उसके खिलाफ है. बाकी विश्वविद्यालों को भी ऐसा करना चाहिए. पीएम मोदी ने राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाई है. यह एक रणनीतिक बदलाव है, पहले भारत प्रतिक्रियात्मक हुआ करता था, अब हमने दिखाया है कि आप भारत के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते. भारत की शक्ति का परिचय  सटीक हमला है. हमारी स्वदेशी तकनीक से वैज्ञानिक विजय, निर्णायक कार्रवाई में प्रधानमंत्री मोदी की राजनीतिक इच्छाशक्ति की झलक है.'

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JNU ने अपने आधिकारिक एक्स (X) हैंडल पर एक पोस्ट में लिखा, 'राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से, JNU और तुर्की के इनोनू विश्वविद्यालय के बीच हुआ MoU अगली सूचना तक स्थगित किया जाता है. JNU राष्ट्र के साथ खड़ा है.' इस समझौता ज्ञापन पर 3 फरवरी 2025 को साइन किए गए थे और इसकी वैधता 2 फरवरी 2028 तक थी. इस समझौते का उद्देश्य दोनों विश्वविद्यालयों के बीच अकादमिक सहयोग और एक्सचेंज को बढ़ावा देना था. हाल ही में देश के कई हिस्सों में 'बायकॉट तुर्की' अभियान को भी काफी बल मिला है क्योंकि तुर्की और पाकिस्तान के बीच बढ़ती नजदीकियां भारतीय हितों को नुकसान पहुंचा रही हैं.

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