कोरोना के कारण स्थगित चल रही यूनिवर्सिटीज परीक्षाओं को लेकर संशय अब दूर हो चुका है. सरकार ने उत्तर प्रदेश में विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं को लेकर निर्देश जारी किए गए हैं. अब 15 अगस्त तक विश्वविद्यालय की परीक्षाएं संपन्न कराने के निर्देश दिए हैं.
इसके अलावा 2021-22 सत्र में न्यूनतम समान पाठ्यक्रम लागू किए जाने के निर्देश भी दिए हैं. इसके अलावा अगस्त अंतिम सप्ताह तक रिजल्ट घोषित करने के निर्देश भी जारी हुए हैं. कोरोना संकट के दौर में हो रही स्नातक और स्नातकोत्तर की ऑनलाइन परीक्षाएं डेढ़ घंटे में कराई जाएंगी. विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में 15 अगस्त से प्रवेश प्रारंभ करने होंगे. इसके अलावा सितंबर माह से शैक्षणिक सत्र 2021 22 को शुरू करने को लेकर सहमति हुई है.
इससे पहले बोर्ड परीक्षाओं को लेकर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा था कि जुलाई तक नतीजे जारी कर दिए जाएंगे, जिसकी डेट पहले ही बता दी जाएगी. उन्होंने कहा कि सब कुछ एक अच्छी तरह से परिभाषित फॉर्मूले पर तैयार किया गया है और अब विश्वविद्यालयों में प्रवेश परीक्षा आयोजित करने पर काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हम पूरे सत्र में छात्रों का मूल्यांकन करने और ऑनलाइन माध्यम से शिक्षा प्रदान करने में सफल रहे हैं.
हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के छात्रों की कोरोना के चलते परीक्षा नहीं होने के कारण उन्हें प्रमोट करने की घोषणा पहले ही हो चुकी है और फॉर्मूला भी तैयार हो गया है. इस बार मेरिट लिस्ट घोषित नहीं की जाएगी. बुधवार को विधान भवन के पारिजात हॉल में उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में बैठक हुई जिसमें यूपी शिक्षा सेवा चयन आयोग को जल्द लागू करने पर मंथन किया गया है.
इससे पहले उत्तर प्रदेश की16 यूनिवर्सिटी में फाइनल ईयर और लास्ट सेमेस्टर की परीक्षाओं की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं. हाल ही में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने यूनिवर्सिटी एग्जाम (University Exam 2021) को लेकर कहा था कि राज्य में यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के फर्स्ट ईयर के छात्रों को बिना परीक्षा के प्रमोट किया जाएगा. साथ ही बताया था कि लास्ट ईयर के छात्रों के लिए अगस्त के मध्य तक परीक्षा कराई जाएंगी.