गोवा के सीएम प्रमोद सावंत ने घोषणा की है कि राज्य के स्कूल 21 नवंबर से कक्षा 10 और 12 के लिए फिर से खुलेंगे. सीएम ने कहा कि सर्वसम्मति से यह फैसला किया गया था कि कोविड -19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए कक्षाएं इसी तारीख को फिर से शुरू होंगी.
अक्टूबर की शुरुआत में, सीएम ने कहा था कि राज्य सरकार स्कूलों को फिर से तब तक नहीं खोल सकती है जब तक कि सभी हितधारक स्कूल, अभिभावक, टीचर, स्टूडेंट्स आदि इसके लिए सहमत नहीं होंगे. वहीं जब केंद्र सरकार ने 15 अक्टूबर को अलग-अलग चरणों में स्कूल खोलने की अनुमति दी थी तो राज्य के शिक्षक संघ ने भी स्कूलों को फिर से खोलने का विरोध किया था.
सावंत ने कहा कि राज्य में बच्चों की सुरक्षा का सबसे अधिक महत्व दिया जा रहा है और अगर अब जब स्कूल फिर से खुलते हैं, तो संभवतः कक्षा 10 और 12 के लिए ऐसा किया जाएगा. अब, कक्षा 10 और 12 के लिए 21 नवंबर से स्कूलों को फिर से खोलने का निर्णय स्कूल प्रबंधन, अभिभावक-शिक्षक संघों और शिक्षक निकायों से परामर्श के बाद लिया गया है.
इसके लिए सरकार ने अपनी एसओपी तैयार की है. यहां कंटेनमेंट जोन से बाहर के स्कूल खोले जाएंगे. अभिभावकों की अनुमति से ही बच्चे स्कूल में आ सकेंगे. महाराष्ट्र सरकार ने दिवाली के बाद इस बारे में विचार करने की बात कही है इसलिए वहां स्कूल फिलहाल बंद ही रहेंगे. यहां कोरोना के हालातों की समीक्षा करने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा. इसके अलावा राज्य सरकार ने ऑनलाइन क्लास सुचारू रूप से चलाने को कहा है.
हरियाणा की बात करें तो यहां 9वीं से 12वीं कक्षा तक के लिए 21 सितंबर से ही राज्य में इसकी अनुमति दे दी गई थी. फिलहाल यहां 15 अक्टूबर से छठी से 12वीं तक की कक्षाओं को शुरू किया गया है. लेकिन इसमें अभिभावकों की अनुमति को ही विशेष तरजीह दी जा रही है, जोकि केंद्र सरकार की गाइडलाइन में भी दिया गया है.
स्कूल के लिए ये होंगे नियम
फर्नीचर, स्टेशनरी, कैंटीन, लैब के साथ ही पूरा परिसर और क्लास रूम का रोज सैनिटाइजेशन होगा. एक क्लास में एक दिन 50 फीसदी ही बच्चे ही बैठेंगे. दूसरे दिन बाकी के बच्चों की पढ़ाई होगी. दो स्टूडेंट्स के बीच 6 फीट की दूरी अनिवार्य होगी. इसके अलावा सबसे सख्त नियम ये है कि कोई भी स्टूडेंट अपने अभिभावक की बिना लिखित अनुमति के स्कूल नहीं आ सकेगा.