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निशंक बोले- घर में सेफ रहना ही था समय की मांग, अब CBSE 12th र‍िजल्ट पर है नजर

Education Minister Exclusive: देश में 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं रद्द होने और खुद कोरोना संक्रमण की चपेट में आकर अस्‍वस्‍थ होने के बाद, केंद्रीय शिक्षामंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने पहली बार Aajtak से बात की. उन्‍होंने बताया कि क्‍यों परीक्षाएं रद्द करना जरूरी था और शिक्षा मंत्रालय का अब आगे का क्‍या प्‍लान है.

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Education Minister Exclusive Interview:
Education Minister Exclusive Interview:

Education Minister Exclusive: देश में 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं रद्द होने की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी. उस दौरान केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पोस्ट कोविड सिंप्टम्स के चलते अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था. इस फैसले के बाद पहली बार Aajtak से उन्होंने परीक्षा कैंसिल होने और इसके कई पहलुओं पर बात की. यहां पढ़‍िए उनसे बातचीत के खास अंश... 

CBSE 12वीं बोर्ड परीक्षा भी कैंसिल कर दी गई है. इसके पीछे सरकार की क्या सोच थी?
 

देश के प्रधानमंत्री के निर्णय का आधार हमारी परामर्श प्रक्रिया है. भारत में लगभग 33 करोड़ बच्चे हैं. अभी तक उनके करियर को प्रभावित करने वाला कोई भी फैसला सभी हितधारकों के साथ विचार-विमर्श के बाद लिया गया. इसी क्रम में 12वीं परीक्षा को लेकर भी छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों से सुझाव मांगे गए थे. राज्य के शिक्षामंत्रियों और शिक्षा सचिवों के साथ बैठकें की गईं.  हर तरफ से मिले इनपुट और सुझावों पर विचार करके ही सीबीएसई कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने का निर्णय लिया गया जो पूरी तरह छात्र केंद्रित है. 

आने वाले दिनों में 12वीं के छात्रों के सामने क्या विकल्प होंगे?
 

कक्षा 12 के छात्रों को वस्तुनिष्ठ मानदंडों के आधार पर मार्कशीट दी जाएंगी. मार्कशीट छात्र की योग्यता को प्रदर्शित करेंगे, जिसका उपयोग देश में विभिन्न ग्रेजुएट कोर्सेज़ में एडमिशन के लिए किया जा सकेगा. हालांकि, आने वाले समय में, बोर्ड परीक्षाएं नेशनल एजुकेशन पॉलिसी NEP यानी राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुसार आयोजित की जाती रहेंगी, जो अधिक कारगर हैं.  एनईपी बेहतर मार्किंग पैटर्न के लिए जरूरी भी  है. एनईपी में व्यवस्था है कि छात्रों को वर्ष में दो बार बोर्ड परीक्षाओं में बैठने की अनुमति होगी.

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छात्रों की सुरक्षा के अलावा परीक्षा कैंसिल करने का निर्णय लेते समय और कौन से ब‍िंदुओं पर ध्यान रखा गया. 
 

इसके जवाब में निशंक ने कहा क‍ि सीबीएसई कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा पर निर्णय लेते समय हमारे पास दो बुनियादी मानदंड थे. पहला, हमारे छात्रों की सुरक्षा और दूसरा उनका करियर. CBSE अब आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर 12वीं के रिजल्‍ट की तैयारी कर रहा है. छात्रों को घर से बाहर निकालने के बजाय घर पर ही रखने से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती थी. इस प्रकार, छात्रों के जीवन की सुरक्षा व स्वास्थ्य के अलावा उनका शैक्षणिक नुकसान भी न हो, इन्हीं बिंदुओं को ध्यान में रखा गया. 

अब बाक़ी राज्य भी 12वीं बोर्ड एग्जाम कैंसिल कर रहे हैं तो क्या पूरे देश में इसकी ज़रूरत है?

पिछले एक वर्ष में, Covid की विषम परिस्थितियों के बावजूद, हम सभी राज्यों के संयुक्त प्रयासों व समर्थन से उत्पन्न चुनौतियों को अवसरों में बदलने का काम कर पाए हैं. सीबीएसई कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द होने के बाद, हमें अपने छात्रों की सुरक्षा और भविष्य सुनिश्चित करने के लिए 'टीम इंडिया' के रूप में पुनः एक साथ आगे बढ़ना चाहिए. शिक्षा समवर्ती सूची का विषय है और मुझे विश्वास है कि सभी राज्य इस निर्णय का सम्मान करेंगे. 

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देशभर में छात्र अभी भी तनाव में हैं, उनको क्या संदेश देना चाहेंगे?
 

मैं अपने सभी छात्रों को बताना चाहता हूं कि वे अकेले नहीं हैं. सरकार हमेशा उनके साथ खड़ी रहेगी. छात्रों को मानसिक सहायता प्रदान करने और उनकी मनोवैज्ञानिक जरूरतों को पूरा करने के लिए ही हमने मनोदर्पण ऐप लॉन्च की है. मैं सभी छात्रों से मनोदर्पण का उपयोग करने का आग्रह करता हूं ताकि वे मानसिक रूप से सशक्त बन सकें. सीबीएसई कक्षा 12 की परीक्षा पर निर्णय के बाद मुझे उम्मीद है कि अब छात्र अपनी सभी चिंताओं और आशंकाओं को पीछे छोड़, अपनी उच्च शिक्षा के लिए तैयारी शुरू कर देंगे.

 

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