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पहले फीस हाइक, फिर गेट पर बाउंसर... DPS द्वारका में थम नहीं रहा बवाल, देखें VIDEO

पिछले दो महीनों से पेरेट्ंस द्वारका के दिल्ली पब्लिक स्कूल के बाहर अभिभावक लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. अभिभावकों का कहना है कि वे केवल शिक्षा निदेशालय द्वारा अनुमोदित फीस ही देना चाहते हैं, लेकिन स्कूल प्रशासन मनमानी तरीके से फीस बढ़ा रहा है. वहीं, विवाद उस समय और गहरा गया जब स्कूल प्रबंधन ने प्रदर्शन कर रहे अभिभावकों को रोकने के लिए स्कूल के चारों गेटों पर भारी संख्या में महिला और पुरुष बाउंसरों की तैनाती कर दी.

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Delhi Public School Dwarks, Parents Protest Against Fee Hike
Delhi Public School Dwarks, Parents Protest Against Fee Hike

DPS Fee Hike Protest Video: दिल्ली के द्वारका स्थित डीपीएस स्कूल में फीस वृद्धि को लेकर मचा विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है. पिछले दो महीने से स्कूल के बाहर अभिभावक लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उनका आरोप है कि स्कूल प्रशासन मनमानी तरीके से फीस बढ़ा रहा है, जबकि वे केवल शिक्षा निदेशालय द्वारा अनुमोदित फीस देने के लिए तैयार हैं. अभिभावकों का कहना है कि स्कूल प्रशासन ने बिना किसी वैध कारण के फीस में वृद्धि की है, जो बिल्कुल ठीक नहीं है.

बाउंसरों की तैनाती और धक्का-मुक्की का आरोप

विरोध प्रदर्शन के दौरान स्कूल प्रबंधन ने प्रदर्शन कर रहे अभिभावकों को रोकने के लिए स्कूल के चारों गेटों पर भारी संख्या में महिला और पुरुष बाउंसरों की तैनाती कर दी. इस दौरान अभिभावकों और बच्चों के साथ बाउंसरों ने धक्का-मुक्की कीय कई बच्चों को स्कूल गेट पर रोक दिया गया और उन्हें अंदर जाने नहीं दिया गया. आरोप है कि इससे पहले भी स्कूल प्रशासन ने बच्चों के साथ अभद्रता करते हुए कुछ बच्चों को लाइब्रेरी में बंधक बना लिया था और कई बच्चों को तेज धूप में प्लेग्राउंड में बैठने के लिए मजबूर किया था. इस सब के बाद अभिभावक और अधिक गुस्से में आ गए और उन्होंने शिक्षा  प्रदर्शन किया.

शिक्षा निदेशालय और सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग

अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल प्रशासन अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर रहा है और छात्रों और उनके परिवारों को परेशान कर रहा है. इसके मद्देनजर उन्होंने शिक्षा निदेशालय और सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की है. उनका कहना है कि सरकार को निजी स्कूलों पर कड़ी निगरानी रखनी चाहिए और ऐसे स्कूलों के खिलाफ एक सशक्त नियामक तंत्र बनाना चाहिए, ताकि अभिभावकों का शोषण रोका जा सके.

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महेश मिश्रा का बयान

राष्ट्रीय युवा चेतना मंच के राष्ट्रीय महासचिव महेश मिश्रा ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, "यह आंदोलन किसी व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं, बल्कि पूरे अभिभावक वर्ग के अधिकारों की रक्षा के लिए किया जा रहा है. बच्चों के साथ जो व्यवहार हो रहा है, वह एक नए प्रकार का शोषण है. स्कूल प्रशासन ने फीस बढ़ाकर अभिभावकों को सिर्फ एटीएम समझ लिया है."

फिलहाल यह मामला कोर्ट में है और अभिभावकों को न्याय मिलने की उम्मीद है. हालांकि, शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी शोकॉज नोटिस के बावजूद स्कूल प्रशासन की ओर से कोई ठोस जवाब नहीं आया है. ऐसे में इस विवाद ने शिक्षा व्यवस्था पर एक बार फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं और एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि निजी स्कूलों की जवाबदेही तय करना समय की सख्त जरूरत बन गई है. फिलहाल स्कूल की तरफ से इस मामले पर कोई बयान नहीं आया है.

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