दिल्ली के कई स्कूल प्रिंसिपलों ने लगभग 10 महीने बाद कक्षा 10 और 12 के छात्रों के लिए स्कूलों को फिर से खोलने के सरकार के हालिया फैसले का स्वागत किया है. उनका कहना है कि इससे छात्रों को आगामी बोर्ड परीक्षाओं के लिए बेहतर तैयारी करने का मौका मिलेगा.
मॉडर्न पब्लिक स्कूल, शालीमार बाग के प्रिंसिपल, अलका कपूर ने एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा कि इस फैसले से बोर्ड के छात्रों को पढ़ाई में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि छात्रों के लिए कोविड-19 के मद्देनजर सुरक्षित वातावरण बनाए रखने के लिए स्कूल कई सावधानियां बरतेंगे.
एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, एक समय में केवल कुछ ही छात्र कक्षा में उपस्थित होंगे ताकि स्कूल अधिकारियों को छात्रों के बीच उचित सोशल डिस्टेंसिंग को आसानी से बनाए रखना आसान हो सके.
माउंट आबू स्कूल की प्रिंसिपल ज्योति अरोड़ा ने कहा कि 10वीं और 12वीं के लिए स्कूलों को फिर से खोलना बहुप्रतीक्षित था. यह छात्रों के डाउट्स को क्लियर करने और जिन विषयों में वो कमजोर हैं उनकी तैयारी और बोर्ड परीक्षा से पहले वार्म अप करने में मदद करेगा. इन सबसे ऊपर, स्कूल बिरादरी हमारे दिल की धड़कन यानी बच्चों को स्कूल परिसरों में वापस पाकर प्रसन्न है.
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एमआरजी स्कूल, रोहिणी की प्रिंसिपल प्रियंका बरारा के अनुसार अब जबकि सरकार ने अभिभावकों को अपने बच्चों को स्कूल भेजने का निर्णय वैकल्पिक कर दिया है. ऐसे में बच्चों से यही सिफारिश की जाती है कि वे बेहतर बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिए आएं. उन्होंने कहा कि स्कूलों को फिर से खोलने का निर्णय सही समय पर आया है. अब जब टीकाकरण अभियान शुरू किया गया है. ये फैसला आने वाले सकारात्मक समय का सूचक है.
बता दें कि दिल्ली सरकार ने दसवीं और बारहवीं के लिए स्कूल खोलने के आदेश दिए हैं. स्कूल 18 जनवरी से खुलेंगे. बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियों को देखते हुए ये फैसला लिया गया है. पिछले दिनों ही दिल्ली के डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा था कि बोर्ड परीक्षा को देखते हुए हम स्कूल खोलने पर विचार कर रहे हैं.
इस बाबत शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट करके कहा था, 'दिल्ली में CBSE बोर्ड परीक्षाओं व प्रैक्टिकल के मद्देनज़र 10वीं और 12 वीं क्लास के लिए 18 जनवरी से प्रैक्टिकल, प्रोजेक्ट, काउंसिलिंग आदि के लिए स्कूल खोलने की अनुमति दो जा रही है. अभिभावकों की सहमति से ही बच्चों को बुलाया जा सकेगा. बच्चों को आने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा.'
आपको बता दें कि दिल्ली में कोरोना महामारी को देखते हुए 16 मार्च, 2020 को केजरीवाल सरकार ने सभी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया था. राजधानी के सभी स्कूल तभी से बंद हैं. हालांकि ऑनलाइन क्लास चल रही हैं. अब कोरोना की रफ्तार थमने और कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत के साथ ही स्कूल खोलने का आदेश जारी कर दिया गया है.
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