दिल्ली के एमसीडी स्कूलों में बच्चों पर बैग का बोझ खत्म करने के लिए 'नो स्कूल बैग पॉलिसी' को लागू होगी. प्राइमरी स्कूल के बच्चों को किताबों का एक सेट स्कूल के लिए और दूसरा घर के लिए दिया जाएगा, ताकि उन्हें स्कूल में भारी स्कूल बैग नहीं ले जाना पड़े. इसके अलावा लैंगिक समानता के बारे में शिक्षित करने के लिए दो शिफ्ट वाले स्कूलों को एकल शिफ्ट यानी को-एड स्कूलों में बदलने की योजना बनाई जा रही है.
डिजिटल होंगे प्राइमरी स्कूल
दरअसल दिल्ली में प्राइमरी एजुकेशन की गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य से दिल्ली नगर निगम के शिक्षा विभाग ने एक रोडमैप-विजन @2047 तैयार किया है. एमसीडी एजुकेशन पॉलिसी के डिजिटलीकरण की दिशा में भी काम कर रही है. एमसीडी अपने सभी स्कूलों को स्मार्ट स्कूलों में अपग्रेड कर रही है. बदलते शैक्षिक परिदृश्य से निपटने के लिए ऑडियो विजुअल साधनों के माध्यम से शिक्षा प्रदान करने के लिए इंटरनेट सुविधा, प्रोजेक्टर और साउंड सिस्टम के साथ एक कंप्यूटर से लैस है.
मातृभाषा पर होगा जोर
निगम ने प्राथमिक स्तर पर शिक्षा प्रदान करने के माध्यम के रूप में मातृभाषा के उपयोग को बढ़ावा देने की योजना बनाई है. शिक्षा विभाग स्कूलों में बच्चों को उनकी स्थानीय भाषा का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
CCTV से रखी जाएगी स्कूल कैंपस की निगरानी
स्कूल कैंपस की ऑनलाइन निगरानी के लिए जरूरत के हिसाब से इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले सीसीटीवी लगाए जाएंगे. शिक्षा विभाग स्कूल स्टाफ के साथ-साथ छात्रों को ट्रेनिंग देने के लिए आपदा जोखिम प्रबंधन सुरक्षा उपकरण और तकनीक अभियान शुरू किया जाएगा. समुदाय को संवेदनशील बनाने के लिए सामुदायिक संपर्क कार्यक्रम, प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मोड का उपयोग किया जाएगा.
आर्ट एंड क्राफ्ट टीचरों की होगी भर्ती
पढ़ाई से अलग एक्टिविटीज को बढ़ावा देने के लिए निगम ने हर एक स्कूल में एक म्यूजिक, एक आर्ट एंड क्राफ्ट टीचर की नियुक्ति करने का प्लान बनाया है. छात्रों के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने के लिए ऐसी गतिविधियों को एकीकृत करने और बढ़ाने के लिए स्कूलों में अलग घंटे देगा.