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दिल्ली: सरकारी स्कूल के टीचर को मिला नेशनल टीचर अवॉर्ड, इसलिए हैं स्टूडेंट्स के फेवरेट

विपिन दिल्ली से इकलौते सरकारी स्कूल के टीचर हैं, जिन्हें इस साल ये अवॉर्ड दिया जा रहा है. स्कूल में टीचर के अलावा वाइस प्रिंसिपल पद की जिम्मेदारी भी विपिन के ऊपर है. साल 2017 से वो इस जिम्मेदारी पर भी वो खरे उतरे हैं.

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विप‍िन कुमार को मिला नेशनल टीचर अवार्ड
विप‍िन कुमार को मिला नेशनल टीचर अवार्ड
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दिल्ली के सरकारी स्कूल के टीचर को मिला शिक्षा के क्षेत्र में सर्वोच्च पुरुस्कार
  • नेशनल टीचर अवॉर्ड से सम्मानित हुए प्रतिभा विकास विद्यालय के श‍िक्षक विपिन कुमार

राजधानी दिल्ली के राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय में पढ़ाने वाले विपिन कुमार को शिक्षक दिवस पर नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा. विपिन कुमार यहां गणित के टीचर हैं और पिछले 17 साल से बच्चों को पढ़ा रहे हैं. इस साल विपिन दिल्ली से इकलौते सरकारी अध्यापक है जिनको ये महत्वपूर्ण अवॉर्ड दिया जा रहा है. 

बता दें टीचिंग के साथ इस स्कूल में वाइस प्रिंसिपल पद की जिम्मेदारी भी विपिन के ऊपर है. साल 2017 से इस जिम्मेदारी पर भी वो खरे उतरे हैं. कहते हैं कि सम्मान उसी को मिलता है कि मेहनत और लगन में औरों से अलग हो, विपिन में यह जज्बा साफ नजर आता है. वो रोज सुबह आकर यहां पर पहले दिन भर का पढ़ाया जाने वाला सिलेबस तैयार करते हैं. इसके बाद टीचर से बात करके क्लास में पढ़ाने चले जाते हैं. 

विपिन मूल रूप से मुजफ्फरनगर के रहने वाले हैं. उनके गांव में उन्हें अवॉर्ड मिलने की खुशियां मनाई जा रही हैं. वहीं विपिन के और उनके स्कूल के लिए भी बड़े गौरव और सम्मान की बात है. विपिन कुमार कहते हैं कि यह बहुत ही सम्मान की बात है कि मुझे इस लायक समझा गया. और मुझे इस अवॉर्ड से नवाजा गया. शायद मैंने हमेशा से अपने पर सब्जेक्ट पर ही फोकस किया क्योंकि आप जब अपने विषय मे महारत हासिल कर लेंगे तो फिर बच्चों को उतना ही बेहतर पढ़ा पाएंगे. 
 
इस स्कूल की प्रशासनिक जिम्मेदारी भी विपिन के पास है. पिछले तीन साल में हर साल यहां करीब 50% से ज्यादा छात्र JEE, NEET में सेलेक्ट होते हैं. इसकी जिम्मेदारी भी विपिन ने उठा रखी है. वो पढ़ाई में कमजोर बच्चों को अलग से क्लास भी देते हैं. शायद उनकी यही खासियत उन्हें बच्चों का फेवरेट सर बनाती है. विपिन कुमार का कहना है कि हमारी कोशिश इस बात पर ज्यादा रहती है कि हमारे से बच्चे कॉम्पिटिशन क्रैक करें, ये उनके भविष्य के लिए बेहतर तो है साथ ही ऐसे और बच्चों को भी प्रेरणा देना टीचर का काम होता है.

(रिपोर्ट: वरुण सिन्हा)

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