CBSE New Scheme: कोरोना के खतरों के चलते डेढ़ साल से स्कूल नहीं खुले हैं, इसी बीच CBSE ने शैक्षणिक वर्ष 2021-22 के लिए नई स्कीम की घोषणा कर दी है. इसके तहत 10वीं और 12वीं (CBSE 10th-12th Board) के बोर्ड के लिए इस शैक्षणिक वर्ष को दो भागों में बांटा है.
अब इसे लेकर छात्रों और अभिभावकों के मन में कई सवाल हैं. मसलन अगर कोरोना से हालात बदल गए और परीक्षाएं ऑफलाइन हुईं तो कैसे एग्जाम होंगे. या कोरोना के कारण स्कूल टर्म टू एग्जाम के दौरान पूरी तरह बंद हो गए तो कैसे एग्जाम होंगे, ऐसे खास हालातों पर आइए जानते हैं सीबीएसई बोर्ड ने क्या तैयारी की है.
पहली सिचुएशन- माना महामारी के हालात पूरी तरह सुधर जाते हैं और स्टूडेंट्स स्कूल या सेंटरों पर जाकर परीक्षा दे सकते हैं तो...
ऐसे हालात होने पर बोर्ड का कहना है कि बोर्ड टर्म 1 व 2 परीक्षाएं स्कूल या सेंटर्स पर लेगा. इसमें थ्योरी के नंबर दोनों एग्जाम्स के बीच बराबर बांट दिए जाएंगे.
दूसरी सिचुएशन- माना महामारी के कारण हालात ऐसे हो जाते हैं कि नवंबर-दिसंबर 2021 के दौरान स्कूलों को पूरी तरह बंद कर दिया जाता है, लेकिन टर्म 2 एग्जाम स्कूलों या परीक्षा केंद्रों पर होते हैं.
इस पर बोर्ड का कहना है कि टर्म 1 एग्जाम एमसीक्यू बेस्ड एग्जाम है इसे छात्र ऑनलाइन अपने घर से या ऑफलाइन दोनों तरह से दे सकते हैं. ऐसे मामले में इस एग्जाम का वेटेज फाइनल स्कोर में घटा दिया जाएगा, और टर्म टू का वेटेज फाइनल रिजल्ट में बढ़ा दिया जाएगा.
तीसरी सिचुएशन- माना ऐसा होता है कि दूसरी सिचुएशन के ठीक उलट नवंबर दिसंबर के बजाय मार्च-अप्रैल 2022 में पूरी तरह से स्कूल बंद हो जाते हैं, लेकिन टर्म 1 एग्जाम स्कूल या सेंटर्स पर हुए हैं तो ऐसे में कैसे असेसमेंट या एग्जाम होंगे.
इस हालात पर बोर्ड का तर्क है कि ऐसे में रिजल्ट स्टूडेंट्स की टर्म वन एग्जाम में परफार्मेंस और इंटरनल असेसमेंट के आधार पर बनेगा. टर्म वन एग्जाम में मिले नंबरों का वेटेज रिजल्ट में उस साल बढ़ा दिया जाएगा.
चौथी सिचुएशन: अगर मान लीजिए ऐसी स्थिति बनती है कि स्कूल पूरी तरह बंद हो जाते हैं और स्टूडेंट्स 2021-22 में टर्म 1 व 2 दोनों ही एग्जाम घर से देते हैं तो कैसे रिजल्ट बनेगा.
इस पर बोर्ड की तैयारी कुछ इस तरह है कि इन हालातों में बोर्ड इंटरनल असेसमेंट/प्रैक्टिकल/प्रोजेक्ट वर्क और टर्म वन और टू के घर से क्लास 10 व 12 के सब्जेक्ट व थ्योरी मार्क्स के अलावा मॉडरेशन या असेसमेंट के अन्य मानकों पर विचार करेगा. बोर्ड का कहना है कि इन सभी मामलों में आंतरिक मूल्यांकन और गृह आधारित परीक्षाओं की अखंडता सुनिश्चित करने के लिए छात्रों के अंकों का डेटा विश्लेषण किया जाएगा.
बता दें कि बोर्ड का टर्म वन यानी प्रथम सत्र का एग्जाम नवंबर-दिसंबर महीने में होगा, जबकि दूसरे सत्र की परीक्षा मार्च-अप्रैल में करवाई जाएगी. इसके अलावा, कक्षा 9वें और 10वीं के लिए इंटरनल असेसमेंट में तीन पीरियोडिक टेस्ट, पोर्टफोलियो और प्रैक्टिकल वर्क को शामिल किया जाएगा. वहीं, कक्षा 11वें और 12वें के इंटरनल असेसमेंट में यूनिट टेस्ट/प्रैक्टिकल्स/प्रोजेक्ट्स को शामिल किया जाना तय किया गया है.