CBSE Board Exam 2023 24: न्यू एजुकेशन पॉलिसी (NEP) 2020 के तहत कई भारतीय एजुकेशन सिस्टम में कई बड़े बदलाव होने वाले हैं जिसकी कवायद शुरू हो चुकी है. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने नेशनल करिकुल फ्रेमवर्क (NCF) की सिफारिशों का प्री-ड्राफ्ट जारी किया है. इस मसौदे में 2024 में होने वाली सीबीएसई बोर्ड परीक्षा (CBSE Board Exam 2024) का वेटेज सिस्टम भी शामिल है. इसके मुताबिक मल्टीपल च्वॉइस बेस्ड क्वेश्न (MCQ) का वेटेज बढ़ाया जा सकता है जिससे छात्रों पर थ्योरी का बोझ कम होगा.
सीबीएसई 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षा 2024 में शॉर्ट और लॉन्ग क्वेश्चन को कम और मल्टीपल च्वॉइस क्वेश्चन (MCQ) ज्यादा पूछने का प्लान है. बोर्ड की नई एजुकेशन पॉलिसी (NEP) 2020 के मद्देनजर रट्टामार पढ़ाई को खत्म किया जाएगा. साल 2023-24 की 10वीं की बोर्ड परीक्षा में एमसीक्यू का पेपर वेटेज 50 प्रतिशत और 12वीं का पेपर वेटेज 40 प्रतिशत हो सकता है.
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सीबीएसई 10वीं बोर्ड परीक्षा का क्वेश्चन पेपर कैसा होगा?
कक्षा 10 में, 50 प्रतिशत प्रश्न MCQs, केस-बेस्ड क्वेश्चंस, सोर्स-आधारित एकीकृत प्रश्न (source-based integrated questions) या किसी अन्य प्रकार के रूप में योग्यता-आधारित होंगे. बता दें कि पिछले शैक्षणिक सत्र में ऐसे प्रश्नों का वेटेज 40 फीसदी था. वस्तुनिष्ठ प्रश्न (objective questions) अब अनिवार्य रूप से 20 प्रतिशत वेटेज के साथ एमसीक्यू होंगे. लघु उत्तरीय और दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों का भार पिछले वर्ष के 40 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत कर दिया गया है.
सीबीएसई 12वीं बोर्ड परीक्षा का क्वेश्चन पेपर कैसा होगा?
इसी तरह कक्षा 12 में प्रश्नपत्र में 40 प्रतिशत सवाल एमसीक्यू, केस-बेस्ड क्वेश्चन, सोर्स-बेस्ड इंटीग्रेटेड क्वेश्चन या किसी अन्य प्रकार के रूप में योग्यता पर केंद्रित होंगे. पिछले शैक्षणिक सत्र में ऐसे प्रश्नों का वेटेज 30 फीसदी था. 12वीं कक्षा में भी वस्तुनिष्ठ प्रश्न अब अनिवार्य रूप से 20 प्रतिशत वेटेज के साथ एमसीक्यू होंगे. वहीं लघु उत्तरीय और दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों का भार पिछले वर्ष के 50 प्रतिशत से घटाकर 40 प्रतिशत कर दिया गया है.
साल में दो बार बोर्ड परीक्षा का सिस्टम
10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षाएं सेमेस्टर वाइज होंगी. छात्रों को अपने पसंद के चुने गए विषय को उसी सेमेस्टर में पूरा करना होगा. एनसीएफ द्वारा जारी किए गए ड्राफ्ट के मुताबिक, सेकेंडरी स्टेज को चार ग्रेड में बांटा गया है जिसमें 9वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं क्लास शामिल है. इस स्टेज में छात्रों को कुल 16 विकल्प आधारित पाठ्यक्रमों को पूरा करना होगा.
बता दें कि ये सभी बदलाव जो प्रस्तावित किए गए हैं, इस लेवल पर इसरो (ISRO) के पूर्व वैज्ञानिक के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय संचालन समिति (National Steering Committee या NSC) के सुझाव मात्र हैं. इस पॉलिसी को पूरी तरह ट्रांसपेरेंट बनाने के लिए शिक्षा मंत्री ने पब्लिक डोमेन में ड्राफ्ट जारी करके हितधारकों और एक्सपर्ट्स की राय मांगी है.