BPSC Protest Live Updates BPSC Protest in Patna Live Updates: पटना में पिछले 12 दिनों से बीपीएससी (Bihar Public Service Commission) 70वीं की संयुक्त परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर छात्रों का प्रदर्शन जारी है. बिहार के पटना में BPSC अभ्यर्थियों का आंदोलन जारी है. इस बीच छात्रों के डेलिगेशन ने मुख्य सचिव से मुलाकात की है. मुख्य सचिव ने अभ्यर्थियों को भरोसा दिया है कि सीएम नीतीश कुमार पटना लौटेंगे तो उनसे मुलाकात करने की कोशिश की जाएगी.
मुख्य सचिव से बातचीत के बाद डेलिगेशन में शामिल अभ्यर्थी सत्यम ने कहा, 'काफी सकारात्मक माहौल में बातचीत हुई है. मुख्य सचिव ने हमारी पूरी बात धैर्यपूर्वक सुनी. उनको पहले से भी इस मामले की पूरी जानकारी है. सरकार की तरफ से मुख्य सचिव ने कहा है कि वह इस पूरे मामले को देख रहे हैं. जब तक सरकार फैसला नहीं लेती, गर्दनीबाग में धरना जारी रहेगा.
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मुख्य सचिव ने क्या कहा?
मुख्य सचिव के कार्यालय ने अपने बयान में कहा, 'बीपीएससी परिक्षार्थियों के मांग-पत्र समर्पित करने के क्रम में बापू परीक्षा केंद्र के अलावा कुछ अन्य परीक्षा केंद्रों के संबंध में मुद्दे समर्पित किए हैं. सभी बिन्दुओं पर गहराई से चर्चा करने के उपरांत प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया गया है कि उनके द्वारा समर्पित मांग-पत्र पर विधि-सम्मत कार्रवाई की जाएगी. परीक्षार्थियों को यह भी सुझाव दिया गया है कि वे शांति बनाए रखें.'
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बिहार के पटना में BPSC अभ्यर्थियों का आंदोलन जारी है. इस बीच छात्रों के डेलिगेशन ने मुख्य सचिव से मुलाकात की है. मुख्य सचिव ने अभ्यर्थियों को भरोसा दिया है कि सीएम नीतीश कुमार पटना लौटेंगे तो उनसे मुलाकात करने की कोशिश की जाएगी.
जवाहरलाल नेहरू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने बीपीएससी उम्मीदवारों के मुद्दे पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का घेराव किया. यह प्रदर्शन बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर हो रहे विरोध का हिस्सा था. जेएनयूएसयू ने जेडीयू पार्टी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की. छात्र संघ ने परीक्षा में अनियमितताओं की जांच कराने और पूरी परीक्षा को रद्द कर नए सिरे से आयोजन की मांग की है.
री-एग्जाम की मांग को लेकर बीपीएससी अभ्यर्थियों ने पूर्णिया के स्वतंत्र सांसद पप्पू यादव से मुलाकात की है.
पटना में चल रहे बीपीएससी आंदोलन को लेकर मुख्य सचिव से मिलने अभ्यर्थियों का एक दल गया था. मुख्य सचिव से मीटिंग में अभ्यर्थियों ने री-एग्जाम की मांग रखी थी, हालांकि अभी अभी मीटिंंग खत्म हुई है. मीटिंंग में बात बनी या नहीं, अभी पता नहीं चल सका है. आगे की अपडेट के लिए ताजा अपडेट पढ़ें.
बीपीएससी सचिव ने कहा कि चार जनवरी को केवल एक केंद्र पर पुनर्परीक्षा होगी. जनवरी के अंत तक 70वीं बीपीएससी पीटी परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया जाएगा.
BPSC सचिव सत्य प्रकाश शर्मा ने सोमवार को कहा है कि री-एग्जाम का कोई सवाल ही नहीं उठता. मैं उम्मीदवारों से बात करने को तैयार हूं. बीपीएससी के दरवाजे बातचीत के लिए हमेशा खुले हैं. हमारे पास राज्य के 912 केंद्रों में से 911 केंद्रों पर हुई परीक्षा में किसी भी गड़बड़ी का कोई सबूत नहीं है.
प्रशांत किशोर ने आगे कहा, "हम पटना पुलिस के खिलाफ एफआईआर दर्ज करेंगे और अदालत में भी जाएंगे, साथ ही ह्यूमन राइट्स में भी इसकी शिकायत करेंगे. हमने यह भी तय किया है कि आज डेलिगेशन मुख्य सचिव से मिलने जाएगा. हमें उम्मीद है कि सरकार अभ्यर्थियों की बात मानेगी. अगर यह मामला हल नहीं हुआ, तो 2 जनवरी से मैं खुद धरने पर बैठूंगा."
प्रशांत किशोर ने मुख्य सचिव से बातचीत के लिए सहमति बनने को लेकर कहा कि एक 5 सदस्यीय डेलिगेशन का गठन किया गया है. उन्होंने कहा, मुख्य सचिव से बातचीत पर सहमति बने इसके लिए हमारे 5 साथी का डेलिगेशन तय हुआ है. मैनें छात्रों से अपील है कि जिसको घर जाना है घर जाएं. मैं निकलकर फिर से गांधी मैदान जाकर बैठा. हजार दो हजार छात्रों ने मेरी बात नहीं मानी. उनका मानना था कि आज वापस नहीं जाएंगे. मैं गांधी मैदान से निकला उसके 45 मिनट बाद लाठीचार्ज हुआ. मैं वहां से नहीं हटा बल्कि मेरे हटने के बाद लाठीचार्ज हुआ, जिन्होंने लाठीचार्ज किया ये गलत हुआ है.
प्रशांत किशोर ने प्रेस वार्ता के दौरान BPSC छात्र आंदोलन से जुड़ी कई बातें शेयर की हैं. उन्होंने कहा, "मैं बीपीएससी अभ्यर्थियों के साथ प्रेस वार्ता कर रहा हूं और आमरण अनशन पर बैठे छात्र मेरे साथ मौजूद हैं. कल छात्र संसद में यह तय हुआ था कि इस आंदोलन का नेतृत्व छात्र ही करेंगे. हमने प्रशासन को जानकारी दी थी कि छात्र संसद का आयोजन करना चाहते हैं, लेकिन प्रशासन ने यह गलत कहा कि हमें अनुमति नहीं दी गई थी. गांधी मैदान में बैठकर बात करने के लिए किसी अनुमति की जरूरत नहीं थी. कल छात्र संसद में कोई हंगामा नहीं हुआ था, और फिर यह तय हुआ कि हम मार्च के जरिए आगे बढ़ेंगे और सरकार को ज्ञापन देंगे". प्रशांत किशोर ने आगे कहा, "हमने यह तय किया था कि जहां प्रशासन हमें रोकेगा, वहीं ज्ञापन देने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी. जब हम जेपी गोलंबर पहुंचे, हमें प्रशासन ने रोका और कहा कि मुख्य सचिव बातचीत करने के लिए तैयार हैं".
बीपीएससी (बिहार लोक सेवा आयोग) के अभ्यर्थियों का एक 4 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आज राज्यपाल से मिलने के लिए राजभवन पहुंचा है. यह प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपेगा, जिसमें बीपीएससी की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा के संदर्भ में प्रमुख मांगें उठाई जाएंगी.
रविवार रात पुलिस ने छात्रों को मुख्यमंत्री आवास तक पहुंचने से रोकने के लिए लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया, जिससे कुछ छात्र घायल हो गए. इस बीच, जन स्वराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर घायल छात्रों से मिलने अस्पताल पहुंचे हैं.

BPSC छात्रों का कहना है कि अन्य सेंटर्स पर भी कई अनियमितताएं थीं. कुछ का कहना है कि किसी सेंटर पर सीसीटीवी कैमरे नहीं चल रहे थे. वहीं कुछ छात्रों का आरोप है कि कुछ कोचिंग संस्थानों के मॉडल प्रश्न पत्रों और बीपीएससी परीक्षा के प्रश्नपत्र में काफी समानताएं थीं साथ ही कुछ का कहना है कि पुलिस भर्ती परीक्षा के स्तर का प्रश्न पत्र बीपीएससी की परीक्षा में दिया गया था. हालांकि बीपीएससी ने इन सभी आरोपों को निराधार बताया और कहा कि अगर परीक्षा आसान थी तो कटऑफ ज्यादा जाएगी और इसमें चिंतित होने की जरूरत नहीं हैं. हालांकि छात्रों का कहना है कि परीक्षा में इतनी गड़बड़ी हैं तो एग्जाम पूरी तरह कैंसिल होना चाहिए.
बिहार के पूर्णिया से सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने प्रशांत किशोर पर तीखा हमला करते हुए कहा कि वह अब खुद को नया नेता मान रहे हैं और छात्रों को धमका रहे हैं. पप्पू यादव ने ट्वीट कर कहा, "प्रशांत जी ख़ुद नया नेता बने हैं, और छात्रों को धमका रहे हैं, अपनी औक़ात का धौंस दिखा रहे हैं." उन्होंने आरोप लगाया कि जब प्रशांत किशोर की चुनावी स्थिति कमजोर है, तब उनके अहंकार का प्रदर्शन हो रहा है. बता दें कि छात्रों के इस प्रदर्शन में प्रशांत किशोर भी शामिल हुए थे लेकिन आंदोलन बीच में छोड़ने को लेकर छात्रों ने नाराजगी जाहिर की है.
प्रियंका गांधी ने पटना में आंदोलन करने रहे बीपीएससी अभ्यर्थियों का समर्थन किया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'बिहार में तीन दिन के अंदर दूसरी बार छात्रों पर अत्याचार किया गया. परीक्षाओं में भ्रष्टाचार, धांधली, पेपर लीक रोकना सरकार का काम है लेकिन भ्रष्टाचार रोकने की जगह छात्रों को आवाज उठाने से रोका जा रहा है. इस कड़ाके की ठंड में युवाओं पर पानी की बौछार और लाठी चार्ज करना अमानवीय है. भाजपा का डबल इंजन युवाओं पर डबल अत्याचार का प्रतीक बन गया है.'
पटना सेंट्रल SP स्वीटी सहरावत ने कहा, "लाठीचार्ज नहीं हुआ, उनसे (अभ्यर्थियों से) बार-बार यहां से हटने का अनुरोध किया गया... हमने उनसे कहा कि वे अपनी मांगें हमारे सामने रखें, हम बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन वे अड़े रहे. अभ्यर्थियों द्वारा प्रशासन के साथ धक्का-मुक्की की गई. अंत में हमें मजबूरन वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा. उसमें भी हम बीच में आए और उन्हें हटाया, लेकिन तब भी वे नहीं हटे. छात्रों के प्रदर्शन की वजह से सड़क पर जाम लग गया था. यहां बड़ी संख्या में लोग फंस गए थे. उनकी तरफ से कोई प्रतिनिधि मिलने नहीं आया. प्रशांत किशोर जो पूरे मार्च को लीड कर रहे थे, वे छात्रों को जेपी गोलंबर पर जाम करके निकल गए थे. छात्रों से हटने की अपील की गई, लेकिन वे नहीं माने और आखिरी में उनपर वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया."
1- एकीकृत 70वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा को रद कर नए सिरे से आयोजन किया जाए.
2- प्रश्न पत्र की तैयारी से लेकर परीक्षा आयोजित कराने की पूरी प्रक्रिया की गहन जांच हो.
3- प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए एसओपी बने, ताकि छात्रों को अनावश्यक परेशानी नहीं हो.
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के कथित प्रश्नपत्र लीक मामले को लेकर छात्र परीक्षा रद्द करवाने पर अड़े हैं तो वहीं बिहार लोकसेवा आयोग छात्रों की बात सुनने को तैयार नहीं है. छात्रों पर पुलिस के बल प्रयोग को लेकर विपक्ष नीतीश सरकार पर हमलावर है. इस बीच AISA ने BPSC री-एग्जाम को लेकर आज 30 दिसंबर को बिहार बंद और चक्का जाम का ऐलान किया है. सीपीआई ने भी इस आंदोलन को समर्थन देने की घोषणा की है.
BPSC परीक्षा को फिर से आयोजित करने की मांग को लेकर आज बिहार में लेफ्ट के छात्र संगठनों ने चक्का जाम का आह्वान किया है. छात्रों के इस चक्का जाम का भाकपा-माले कार्यकर्ताओं ने समर्थन किया है.
बिहार की राजधानी पटना में रविवार की देर रात प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज और वाटर कैनन के इस्तेमाल को लेकर खूब बवाल मचा हुआ है. हालांकि छात्रों का कहना है कि वह अपनी मांग से पीछे नहीं हटेंगे. (Bihar Public Service Commission) 70वीं की संयुक्त परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर छात्रों का अभी भी प्रदर्शन जारी है.