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झारखंड: मिडिल स्‍कूल में खाली पड़े हैं प्रिंसिपल के 95% और सीनियर टीचर्स के 56% पद

अखिल प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले प्राथमिक शिक्षक संघ ने CM हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर प्रमोशन पर रोक लगाने वाले आदेश को वापस लेने की मांग की है. महासचिव राममूर्ति ठाकुर ने कहा कि उनके कई सहयोगियों को बिना प्रमोशन के रिटायर होना पड़ा है.

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Photo by Yasir Iqbal
Photo by Yasir Iqbal
स्टोरी हाइलाइट्स
  • राज्‍य के 10 जिलों में प्रधानाचार्य नहीं हैं
  • TGT के 50 प्रतिशत से ज्‍यादा पद खाली हैं

झारखंड के प्राथमिक शिक्षक, राज्य के माध्यमिक विद्यालय में खाली पड़े 95% प्रधानाध्यापकों के पदों को भरने में सरकार की उदासीनता से नाराज हैं. पात्रता के बावजूद कई शिक्षकों को प्रमोट नहीं किया जा रहा है. अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के कर्मचारियों के कैडर उन्नयन में कुछ विसंगतियों और विसंगतियों का पता चलने के बाद सरकारी आदेश द्वारा प्रमोशन पर रोक लगा दी गई थी. यह आदेश अप्रैल 2020 में प्रभावी हुआ था जिसके बाद किसी को भी किसी कैडर में पदोन्नत नहीं किया गया है.

अखिल प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले प्राथमिक शिक्षक संघ ने CM हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर प्रमोशन पर रोक लगाने वाले आदेश को वापस लेने की मांग की है. महासचिव राममूर्ति ठाकुर ने कहा कि उनके कई सहयोगियों को बिना प्रमोशन के रिटायर होना पड़ा है. सरकार के मनमाने आदेश से शिक्षकों के मनोबल पर विपरीत असर पड़ा है. इस नियम ने उन्हें उनके अधिकारों से वंचित कर दिया है. मिडिल स्‍कूल में 3046 प्रधानाध्यापक के पद खाली हैं. वरिष्ठ शिक्षकों के 3772 पद भी खाली पड़े हैं, जिससे छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है.

राज्य के मिडिल स्‍कूलों में कार्यरत प्रधानाध्याको की संख्या और रिक्तियां
स्वीकृत पद –3192
कार्यरत पद –144
रिक्त – 3046 (95 प्रतिशत)

प्रधानाध्यापक विहीन जिले (10)
1. हजारीबाग
2. साहेबगंज
3. सिमडेगा
4.चतरा
5. लोहरदगा
6. सरायकेला खरसावां
7. खूंटी
8. रामगढ़
9. पाकुड़
10.कोडरमा

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राज्य के मिडिल स्‍कूलों में विषय आधारित ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर्स की गिनती
स्वीकृत पद– 6683
कार्यरत संख्या– 2911
रिक्ति– 3772 (56 प्रतिशत)

 

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