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एजुकेशन न्यूज़

दिल्ली एजुकेशन बोर्ड का इंटरनेशनल एजुुकेशन बोर्ड के साथ हाथ मिलाने का क्या फायदा होगा?

प्रतीकात्मक फोटो (Getty)
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अब दिल्ली के बच्चों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा मिलने का रास्ता साफ हो गया है. बुधवार को दिल्ली सचिवालय में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मौजूदगी में दिल्ली शिक्षा बोर्ड का इंटरनेशनल शिक्षा बोर्ड के साथ एमओयू साइन हुआ. शिक्षा निदेशक उदित प्रकाश राय और आईबी की ओर से भारत-नेपाल के हेड ऑफ़ डेवलपमेंट एंड रिकॉग्निशन महेश बालाकृष्णन ने समझौते पर हस्ताक्षर किए. जानिए इस एमओयू का स्टूडेंट्स को क्या फायदा होगा. 

प्रतीकात्मक फोटो (PTI)
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सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जिस शिक्षा के लिए बड़े-बड़े अमीरों के बच्चे तरसते हैं, अब वह शिक्षा दिल्ली के गरीब बच्चों को मिला करेगी. इस समझौते के बाद दिल्ली के स्कूली बच्चों का मूल्यांकन अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की देखरेख में तय प्रणाली के तहत की जाएगी और स्कूलों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाया जाएगा. अभी 30 स्कूलों से शुरू किया जा रहा है. इन स्कूलों के शिक्षकों की ट्रेनिंग अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ करवाएंगे. अब हमारे बच्चे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुकाबला करने के लायक बनेंगे. 

प्रतीकात्मक फोटो (AP)
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सीएम केजरीवाल ने इस पर कहा है कि ये मॉडल पूरे देश को एक दिशा दिखाएगा और दिल्ली के साथ हमारे देश से गरीबी दूर होगी. इस दौरान उपमुख्यमंत्री और दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि हम चाहते हैं कि हमारे छात्र वैश्विक लीडर बनें. आईबी के साथ हमारी साझेदारी उस दिशा में एक कदम है. हम नहीं चाहते कि हमारे छात्र सिर्फ परीक्षा पास करें, बल्कि दुनिया के सर्वश्रेष्ठ पेशेवर और जिम्मेदार नागरिक बनें. 

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प्रतीकात्मक फोटो (Getty)
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वहीं, इंटरनेशनल बैकलॉरिएट के एशिया-पैसिफिक की डेवलपमेंट और रिकॉग्निशन प्रमुख स्टेफनी लिओंग ने कहा कि इंटरनेशनल शिक्षा बोर्ड स्कूली शिक्षा को उच्चतम गुणवत्ता पर लाकर व्यावसायिक आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करता है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज अंतरराष्ट्रीय शिक्षा बोर्ड के साथ हुए करार के बारे में बताते हुए कहा कि जब हमने दिल्ली का शिक्षा बोर्ड बनाया था, तो कई लोगों ने हमसे पूछा कि जैसे अन्य राज्यों का बोर्ड है, वैसे ही आपका भी बोर्ड होगा. दिल्ली एक राज्य है, तो आपने भी दिल्ली में अपना एक शिक्षा बोर्ड बना लिया. 

प्रतीकात्मक फोटो (Getty)
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सीएम ने कहा कि जैसे हर राज्य का अपना एक शिक्षा बोर्ड है और केंद्र सरकार का अपना एक शिक्षा बोर्ड है, ऐसे ही एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा बोर्ड है, जिसको इंटरनेशनल बैकलोरीएट कहते हैं. यह जो इंटरनेशनल शिक्षा बोर्ड है, वह अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा प्रदान करता है और बहुत अच्छा माना जाता है. दुनिया भर के और हमारे देश के भी जो बड़े-बड़े स्कूल हैं, जहां अमीरों के बच्चे पढ़ते हैं, उनका यह सपना रहता है कि हमें किसी भी तरह से इंटरनेशनल बोर्ड की शिक्षा मिलनी चाहिए. 

 

प्रतीकात्मक फोटो (Reuters)
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पूरी दुनिया के अंदर इंटरनेशनल बैकलोरीएट (आईबी) के 5500 स्कूलों के साथ समझौते हैं. यह 159 देशों में काम करता है अर्थात 159 देशों के अंदर उनके स्कूलों के साथ इनके समझौते हैं. साथ ही, अंतरराष्ट्रीय बोर्ड के कुछ देशों की सरकारों के साथ समझौते हैं. जैसे- अमेरिका, कनाडा, स्पेन, जापान और साउथ कोरिया समेत बड़े-बड़े विकसित देशों के साथ इनके समझौते हैं. 

प्रतीकात्मक फोटो (Getty)
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शैक्षणिक सत्र 2021-22 में आईबी दिल्ली सरकार के 30 स्कूलों के साथ सीधे तौर पर काम करेगी. ये सभी स्कूल दिल्ली बोर्ड ऑफ़ स्कूल एजुकेशन द्वारा एफिलिएटेड होंगे. आगामी वर्षों में दूसरे स्कूलों को भी आईबी के साथ जोड़ा जाएगा. इंटरनेशनल बैकलॉरिएट के एशिया-पैसिफिक की डेवलपमेंट और रिकॉग्निशन प्रमुख स्टेफनी लिओंग ने कहा कि आईबी वर्ल्ड स्कूल बनने का मतलब दुनिया भर के पांच हजार से भी अधिक स्कूलों के समुदाय में शामिल होना है.

 

प्रतीकात्मक फोटो (Getty)
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आईबी कार्यक्रमों को कार्यान्वित करना और नियमित रूप से विकसित हो रहे वैश्विक शिक्षा नेटवर्क का हिस्सा बनना हमारे लिए गर्व की बात है. छात्र नेताओं और शिक्षकों के लिए आईबी विकास कार्यशालाएं नया सीखने का अवसर प्रदान करती हैं और स्कूलों की उच्चतम गुणवत्ता की व्यावसायिक आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करती हैं. इन स्कूलों के प्रमुख और शिक्षकों को विश्व-स्तर की प्रतिष्ठित ट्रेनिंग आईबी विशेषज्ञों द्वारा दी जाएगी. 

प्रतीकात्मक फोटो (Getty)
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गठजोड़ इस प्रकार है :

गठबंधन के लिए निर्धारित 30 स्कूलों में से 10 सर्वाेदय स्कूल और 20 स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस के हैं। एसओएसई का ख़ास ध्यान रखा जाएगा. आईबी कार्यक्रम की प्रकृति इस प्रकार हैं. 

ए. 10 सर्वोदय विद्यालयों में प्राइमरी ईयर प्रोग्राम (पीवाईपी) कक्षा नर्सरी से कक्षा 5 के लिए चलाया जाएगा और मिडिल ईयर प्रोग्राम (एमवाईपी) कक्षा 6-8 के लिए चलाया जाएगा. 

बी. स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस के 20 स्कूलों में मिडिल ईयर प्रोग्राम (एमवाईपी) कक्षा 9-10 के लिए और डिप्लोमा प्रोग्राम (डीपी) और करियर प्रोग्राम (सीपी) अगले साल से कक्षा 11-12 के लिए चलेगा. 

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सर्वोदय स्कूलों के 400 से अधिक शिक्षकों और स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस के 250 शिक्षक को आईबी द्वारा व्यावसायिक विकास कार्यशालाओं का हिस्सा बनाया जाएगा, जो उनकी क्षमता निर्माण और कौशल विकास में मदद करेगा. आईबी के सहयोग से इन स्कूलों में पढ़ने वाले करीब 15 हजार छात्रों को बेहतरीन लाभ मिलेगा. 

प्रतीकात्मक फोटो (Getty)
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आईबी के सहयोग के साथ डीबीएसई स्कूलों को यह लाभ होगा: 

ए. आईबी के विश्व स्तरीय प्रशंसित शैक्षिक कार्यक्रमों के माध्यम से शिक्षण प्रक्रिया और सीखने की प्रक्रिया का दृष्टिकोण. 

बी. आंकलन- आईबी के कार्यक्रम संसाधन केंद्र के माध्यम से शिक्षक आईबी कार्यक्रमों की बेहतरीन कार्यप्रणाली का आंकलन करेंगे. 

सी. शिक्षक प्रशिक्षण- आईबी कार्यक्रमों को लागू करने वाले स्कूलों के शिक्षकों को आईबी व्यावसायिक विकास कार्यशालाओं के माध्यम से लक्ष्यों और विकास के लिए कार्यशालाओं का संचालन करना होता है. 

डी. स्कूल कार्यक्रमों की तैयारी के लिए परामर्श यात्रा, सत्यापन यात्रा, मूल्यांकन यात्राओं, आईबी संगोष्ठियों का आयोजन करना. इसके अलावा सम्मेलनों में भागीदारी और ज्ञान साझा कर सकारात्मक अनुभव प्राप्त करने के लिए प्रोग्राम नेटवर्क मीटिंग का आयोजन करना. 

ई. स्कूलों में आईबी कार्यक्रम को लागू कर वैश्विक सर्वाेत्तम प्रथाओं को अपनाना। स्कूल के पाठ्यक्रम की समीक्षा के लिए निष्पक्ष दृष्टिकोण अपनाना

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