भारत की ‘लौह महिला’ के नाम से मशहूर कर्णम मल्लेश्वरी ने भारत के लिए इतिहार रचा है. वह ओलंपिक में पदक जीतने पहली भारतीय महिला बनी थीं. 2000 के सिडनी ओलंपिक में मल्लेश्वरी ने यह उपलब्धि हासिल की थी. तब उन्होंने 69 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक हासिल किया था. अब उन्हें दिल्ली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की पहली कुलपति बनाया गया है. जानिए उनके बारे में ये खास बातें...
आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में पैदा हुईं कर्णम मल्लेश्वरी ने 12 साल की उम्र से ही वेट लिफ्टिंंग का अभ्यास शुरू कर दिया था. भारतीय खेल प्राधिकरण की एक योजना के तहत मल्लेश्वरी को उन्हें प्रशिक्षण मिला. इसके बाद एक के बाद एक सफलता उनके कदम छूने लगी. मल्लेश्वरी ने इसके बाद अर्जुन पुरस्कार, खेल रत्न पुरस्कार और पद्म श्री सम्मान भी जीता.
खेलों की दुनिया में अपना करियर बनाने के लिए वो अपनी बहन के साथ दिल्ली शिफ्ट हो गईं थीं. यहां स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया की उन पर नजर पड़ी. 1990 में मल्लेश्वरी नेशनल कैंप का हिस्सा बनीं और चार साल बाद 54 किलो वर्ग में वो विश्व चैम्पियनशिप जीतने में सफल रहीं. उन्होंने 1993 से 1996 के बीच विश्व वेटलिफ्टिंग चैम्पियनशिप में दो गोल्ड और दो ब्रॉन्ज मेडल जीते थे.
साल 1997 में उन्होंने अपने साथी वेटिलिफ्टर राजेश त्यागी से शादी कर ली. 2001 में उन्होंने एक बेटे को जन्म दिया. इसके बाद वो 2002 के कॉमनवेल्थ गेम्स से खेलों में फिर से अपनी वापसी करना चाहती थी, लेकिन पिता की मौत के कारण वो इन खेलों का हिस्सा नहीं बन सकीं. इसके बाद 2004 के एथेंस ओलंपिक में मेडल नहीं जीत पाने के बाद उन्होंने वेटलिफ्टिंग से संन्यास का ऐलान कर दिया था.
बता दें कि दिल्ली विधानसभा ने 2019 में दिल्ली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी (DSU) स्थापित करने के लिए एक विधेयक पारित किया था. इस यूनिवर्सिटी में क्रिकेट, फुटबॉल और हॉकी के अलावा अन्य खेलों में ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और डॉक्टरेट की डिग्री दी जाएगी. अब उन्हें स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी का कुलपति बनाया गया है.
कर्णम मल्लेश्वरी को 1994 में अर्जुन पुरस्कार और सिडनी ओलंपिक से एक साल पहले देश का सबसे बड़ा खेल पुरस्कार खेल रत्न से सम्मानित किया गया था. उन्हें इसी साल पद्मश्री भी दिया गया था. वो फिलहाल फूड कॉरपोरेशन में ऑफ इंडिया में चीफ जनरल मैनेजर भी हैं. अब उन्हें एक नई जिम्मेदारी दी जा रही है. पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित कर्णम मल्लेश्वरी ये जिम्मेदारी पाकर खुश हैं.
बता दें कि दिल्ली सरकार ने साल 2021-22 के बजट में दिल्ली में वर्ष 2048 के ओलंपिक खेलों के आयोजन का विजन दिया है. सरकार ने अपने देशभक्ति बजट में खेल को लेकर यह बड़ा सपना देखा है. सरकार का सपना है कि दिल्ली ओलंपिक खेलों की मेजबानी करे. इसके लिए अभी से तैयारी भी शुरू कर दी गई है. राजधानी में खेलों का बुनियादी ढांचा बड़े स्तर पर मजबूत किया जाएगा.