कोविड-19 की लहर से पूरा देश परेशान है. ऐसे में सरकार एक मई से राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान का दूसरा चरण शुरू कर रही है. जिसमें 18 साल से ज्यादा की उम्र के लोगों का वैक्सीनेशन किया जाएगा. लेकिन इस बीच एक बड़ा सवाल उठ रहा है कि क्या गर्भवती माताएं भी वैक्सीनेशन करा सकती हैं. उनके लिए क्या है व्यवस्था, एक्सपर्ट की सलाह जानें.
हमारे देश में कहा जा रहा है कि अभी भी ऐसी कोई स्टडी नहीं आई है कि गर्भवती माताओं को वैक्सीनेशन कराना चाहिए या नहीं. लेकिन अमेरिका के यूएसए सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (US CDC) के एक बड़े अध्ययन के अनुसार, मॉडर्न और फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन गर्भावस्था के दौरान उपयोग के लिए सुरक्षित हैं.
यही नहीं यह संक्रामक बीमारी से भी बच्चे की रक्षा करने में सक्षम है. इसके लिए US CDC ने गर्भवती मांओं को कोविड -19 वैक्सीन लगवाने की सिफारिश की है. NPR.org ने CDC के निदेशक रोशेल वालेंस्की ने इसकी पुष्टि की है. इसलिए अमेरिका में गर्भवती मांएं भी वैक्सीनेशन करा रही हैं.
इसके अलावा द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार टीम ने 35,000 से अधिक गर्भवती महिलाओं के डेटा का मूल्यांकन किया, जिन्होंने 14 दिसंबर से 28 फरवरी के बीच एमआरएनए कोविड-19 के टीके लगवाए. द ट्रिब्यून में छपी रिपोर्ट के अनुसार प्रारंभिक निष्कर्षों में कोई स्पष्ट सेफ्टी कंसर्न सामने नहीं आए.
खासकर थर्ड ट्राइमेस्टर में टीका लगाए गए लोगों में उनके बच्चों के लिए भी किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं देखी गई. इसके लेकर सीडीसी ने अनुशंसा की है कि गर्भवती मांओं को भी कोविड-19 का टीका दिया जाना चाहिए. लेकिन भारतीय वैक्सीन को लेकर इस तरह की कोई स्टडी अभी सामने नहीं आई है, इसलिए अपने हेल्थ केयर प्रोवाइडर की सलाह पर ही आप ये कदम उठाएं.
वहीं एक मेडिकल जर्नल में हार्टफोर्ड हेल्थकेयर डिवीजन ऑफ इन्फेक्शियस डिजीजेज की डॉ एन पॉमर के हवाले से कहा गया है कि कोरोना वैक्सीन अभी तक गर्भवती महिलाओं के लिए स्वीकृत नहीं की गई है. इसके पीछे की वजह बताई गई है कि प्रारंभिक अध्ययन में गर्भवती मांओं को शामिल नहीं किया गया था.
बता दें कि 26 अप्रैल को छपी रिपोर्ट में कहा गया है कि इस समय गर्भावस्था में वैक्सीन को लेकर अध्ययन चल रहा है, हालांकि, वैक्सीन की संरचना के पीछे के विज्ञान पर आधारित, विशेषज्ञों का मानना है कि गर्भावस्था के दौरान इसका उपयोग करना सुरक्षित है. बता दें कि पूरी दुनिया में ऐसी हजारों महिलाएं हैं जिन्होंने टीकाकरण के जोखिमों और लाभों के बारे में अपने प्राथमिक प्रदाता के साथ परामर्श करने के बाद वैक्सीनेशन कराना चुना है.