कोलकाता के आरजी मेडिकल कॉलेज में हुए रेप कांड ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है. सड़कों से लेकर सोशल मीडिया पर लोग रेप के खिलाफ कड़ी सजा की मांग कर रहे हैं. हालांकि यह पहली बार नहीं है, रोजाना ना जाने कितनी लड़कियां इस घिनौने अपराध का शिकार हो जाती हैं. भारत में रेप के दोषी को फांसी, उमक्रैद जैसी सजाएं दी जाती हैं. कोलकाता केस को कई दिन बीत चुके हैं लेकिन अभी तक सभी दोषियों को सजा नहीं मिली है. ऐसे में आइए जानते हैं कि दुनिया के अलग देशों में यह अपराध हुआ होता तो वहां क्या सजा मिलती.
यहां सेना सीधा गोली मार देती
नॉर्थ कोरिया अपने सख्त कानूनों के लिए जाना जाता है. यहां रेप होने पर दोषी को सेना सीधा गोली मार देती है. इसके लिए उम्र कैद या कुछ सालों की सजा जैसा कोई प्रावधान नहीं है. वहीं, सऊदी अरब में इस अपराध की सजा काफी सख्त है. अगर यहां कोई शख्स रेप करता है तो जनता के सामने खड़ा करके उसका सिर कलम कर दिया जाता है. चीन में भी रेप के दोषी को मौत की सजा होती है या फिर कई मामलों में दोषी के गुप्तांग काटने की सजा भी दी जाती है.
इस देश में दोषी को मारे जाते हैं पत्थर
नीदरलैंड की बात करें तो यहां अगर कोई शख्स किसी के साथ दुष्कर्म करता है तो इसे 4 से 15 साल की जेल हो सकती है. ईराक में जनता के सामने रेप के दोषी को जमकर पत्थर मारे जाते हैं. यहां लोग दोषी को तब तक पत्थर मारते हैं जब तक कि वह मर नहीं जाता.

अमेरिका में क्या है रेप की सजा?
अमेरिका का फेडेरल लॉ "बलात्कार" या रेप शब्द का इस्तेमाल नहीं करता है. इसे वहां का कानून बिना सहमति के यौन कर्म करने का अपराध मानता है. ये वहां के कानून अमेरिका कोड (18 यू.एस.सी.। 2241-224) के चेप्टर 109 ए के तहत समूहीकृत किया गया है. फेडरल लॉ में इस जुर्म की सजा जुर्माना से लेकर आजीवन कारावास तक हो सकती है.
रूस में 30 साल तक की सजा
क्रिमिनल कोड ऑफ Russia के अनुच्छेद 131 के अनुसार, बलात्कार को हिंसा या हिंसा की धमकी का उपयोग करके विषमलैंगिक योनि संभोग (heterosexual vaginal intercourse) के रूप में परिभाषित किया गया है. यहां रेप जैसे अपराध के लिए अधिकतम सजा 30 साल तक की है. ये अपराध की संगीनता पर निर्भर करता है.
पाकिस्तान में मौत या कठोर कारावस
पाकिस्तान में रेप को एक जघन्यतम अपराध के तौर पर देखा जाता है. यहां बलात्कारी को सजा-ए-मौत से लेकर कठोरतम कारावास है. पाकिस्तान में हुदूद अध्यादेश में ज़िनाह अल-जब्र (बलात्कार) कानून के अनुसार गैंग रेप को विशेष रूप से मौत की सजा दी जाती है. इसके अलावा शारीरिक दंड के साथ बलात्कारियों को कारावास की सजा का भी एक विकल्प है. ज्यादातर इस्लामिक देशों में रेप को लेकर कड़ी सजा का प्रावधान है. जैसे इराक में भी रेपिस्ट को सजा-ए-मौत दी जाती है. वो भी बेहद कठोर तरीके से उसे पत्थर मारकर मौत की सजा दी जाती है. अपराधी को मिली सजा को देखकर लोगों में इस कदर दहशत होती है कि वो कभी ऐसा जुर्म करने से डरते हैं.
भारत में क्या है दुष्कर्म की सजा?
आईपीसी की धारा 376 के तहत रेप का दोषी पाए जाने पर 10 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान है. बीएनएस की धारा 64 में भी यही सजा रखी गई है. बता दें कि आईपीसी में धारा 375 में रेप को परिभाषित किया गया है, जबकि 376 में इसके लिए सजा का प्रावधान है. जबकि, भारतीय न्याय संहिता में धारा 63 में रेप की परिभाषा दी गई है और 64 से 70 में सजा का प्रावधान किया गया है.
बीएनएस में नाबालिगों से दुष्कर्म में सख्त सजा कर दी गई है. 16 साल से कम उम्र की लड़की के साथ दुष्कर्म का दोषी पाए जाने पर कम से कम 20 साल की सजा का प्रावधान किया गया है. इस सजा को आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है. आजीवन कारावास की सजा होने पर दोषी की सारी जिंदगी जेल में ही गुजरेगी.
बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न को लेकर भारत में क्या है कानून?
पॉक्सो यानी प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस एक्ट. इस कानून को 2012 में लाया गया था. ये बच्चों के खिलाफ होने वाले यौन शोषण को अपराध बताता है. ये कानून 18 साल से कम उम्र के लड़के और लड़कियों, दोनों पर लागू होता है. इसका मकसद बच्चों को यौन उत्पीड़न और अश्लीलता से जुड़े अपराधों से बचाना है. इस कानून के तहत 18 साल से कम उम्र के लोगों को बच्चा माना गया है और बच्चों के खिलाफ अपराधों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है. पेनेट्रेटिव यौन हमले के लिए कम से 10 साल की सजा का प्रावधान है. इसे बढ़ाकर आजीवन कारावास तक किया जा सकता है. साथ ही जुर्माने का भी प्रावधान है. वहीं, धारा 6 के तहत गंभीर पेनेट्रेटिव यौन हमले के मामले में 20 साल की सजा का प्रावधान है. ऐसे मामलों में उम्रकैद और फांसी की सजा का प्रावधान भी है. पॉक्सो कानून के तहत, उम्रकैद की सजा में अपराधी को जिंदा रहने तक जेल में रहना होगा.