भारत ने पेरिस ओलंपिक में शूटिंग में पहला पदक जीतकर मेडल लिस्ट में अपना नाम जोड़ लिया है. शूटर मनु भाकर ने शूटिंग में पहला पदक जीता है. इसके अलावा शूटिंग में ही एक पदक आने से रह गया. दरअसल, भारतीय निशानेबाज अर्जुन बाबूता सोमवार को पेरिस 2024 ओलंपिक में पुरुषों के 10 मीटर एयर राइफल फाइनल में चौथे स्थान पर रहे. आपने देखा होगा कि अर्जुन पदक से थोड़ा सा चूक गए, नहीं तो भारत के हाथ में एक और पद आ सकता था.
मैच के साथ आपने गौर किया होगा कि शूटर शूटिंग के वक्त एक सूट पहने हुए थे, लेकिन क्या आप जानते हैं शूटिंग में सूट का क्या काम होता है और ये कितना भारी होता है. तो जानते हैं ये सूट पहनने के पीछे क्या वजह है? बता दें कि शूटिंग के वक्त शूटर जो सूट पहनते हैं, उसे शूटिंग सूट कहते हैं. इसमें एक शूटिंग जैकेट, शूटिंग ट्राउजर और शूटिंग ग्लॉव्स होते हैं. शूटिंग के वक्त इसे खास कारणों से पहना जाता है.
क्यों पहना जाता है शूटिंग?
दरअसल, जब शूटर शूटिंग करते हैं तो कई राउंड फायरिंग होती है और इसे फायरिंग एक खास तरह का स्ट्रेस होता है. इस स्ट्रेस से बचाने के लिए शूटिंग सूट पहने जाते हैं और इस आवाज के स्ट्रेस से बचाने के लिए शूटिंग किट को डिजाइन किया जाता है. इसके लिए भी खास नियम तय किए गए हैं और नियमों के हिसाब से ही इनकी मोटाई आदि तय होती है. इन सूट में टाइट फिटिंग जैकेट होती है, जिसमें शॉल्डर्स और चेस्ट पर पैडिंग होती है और ट्राउजर में घुटनों और हिप्स पर पैडिंग होती है. शूटिंग सूट भी तीन तरह के होते हैं, जिनके वजन अलग अलग होते हैं.
ये सूट शूटर की बॉडी को स्टेबिलिटी और सपोर्ट देती है और एक खास पॉजिशन बनाने में इस सूट से मदद मिलती है. सूट पहनने से शूटर के मूवमेंट काफी कम हो जाते हैं. साथ ही जब सूट पहनकर फायर किया जाता है तो कपड़े से जुड़ी कोई परेशानी नहीं होती है, क्योंकि ये बॉडी से पूरी तरह चिपके होते हैं. शूटिंग सूट ना सिर्फ शूटर की स्किन को बचाते हैं बल्कि पॉजिशन और अलाइनमेंट में भी इससे मदद मिलती है.
होते हैं खास तरह के जूते, चश्मा
वहीं शूटिंग के वक्त एक खास तरह का चश्मा भी पहना जाता है और इससे आंखों प्रोटेक्शन दिया जाता है. ये चश्मा उनकी टोपी से जुड़ा होता है और ये 40 मिलिमीटर से बड़ा नहीं हो सकता है. इनके साथ खास जूते भी पहने जाते हैं और इन जूतों के लिए नियम तय किए गए हैं.
कितना होता है एक सूट में वजन?
वैसे तो हर कंपनी के हिसाब से अलग अलग शूटिंग सूट आते हैं और इनके जैकेट, ट्राउजर में अलग अलग वजन होता है. आम तौर पर इसमें तीन तरह की जैकेट आती है, जिसमें लाइटवेट, स्टैंडर्ड और हेवी ड्यूटी शामिल है. लाइटवेट जैकेट में 1.5 किलो तक वजन होता है, स्टैंडर्ड में 2.5 किलो तक वजन होता है और हेवी ड्यूटी में 3.5 किलो तक वजन होता है. वहीं, लाइटवेट ट्राउजर में 1 किलो, स्टैडर्ड में 15 किलो और हेवी ड्यूटी में 2 किलो वजन होता है. आम तौर पर इन जैकेट में 1.8-5.5 किलो तक वजन होता है.