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क्रिकेट मैच में स्क्रीन पर ये रन कौन अपडेट करता है, कितनी होती है उसकी सैलरी?

Cricket Match Score: आपने क्रिकेट मैच में देखा होगा कि स्कोर काफी तेजी से अपडेट होता रहता है. ऐसे में जानते हैं कि आखिर ये काम किसका होता है?

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क्रिकेट मैच का स्कोर स्कोरर अपडेट करता है. (Photo: X/GabbbarSingh)
क्रिकेट मैच का स्कोर स्कोरर अपडेट करता है. (Photo: X/GabbbarSingh)

आपने देखा होगा कि जब भी कोई क्रिकेट मैच चलता है तो टीवी की स्क्रीन पर मैच से जुड़े रन, स्कोरकार्ड भी तुरंत अपडेट होते रहते हैं. जैसे ही खिलाड़ी कोई रन लेता है यॉ बॉल करवाता है तो तुरंत बाद बॉलर, बल्लेबाज, टीम आदि सभी के स्कोर अपडेट हो जाते हैं. ऐसे में सवाल है कि आखिर ये कैसे अपडेट किया जाता है और अपडेशन का प्रोसेस क्या होता है. साथ ही क्रिकेट मैच की ब्रॉडकास्टिंग टीम में ग्राफिक्स का काम करने वाले शख्स से ही जानते हैं कि आखिर ये काम किसका होता है और जो ये काम करता है उसे कितना पैसा मिलता है...

स्कोर अपडेट कौन करता है?

आईपीएल, क्रिकेट वर्ल्ड कप या अलग-अलग सीरीज में रन अपडेशन का प्रोसेस एक जैसा ही रहता है. मैच की ब्रॉडकास्टिंग टीम में ग्राफिक्स से जुड़ा काम करने वाले एक शख्स ने बताया कि रनों को मैनुअली अपडेट करना होता है. ये काम जिस शख्स के जिम्मे होता है, उसे स्कोरर कहा जाता है. उसके पास एक सिस्टम होता है, जो कई सिस्टम से कनेक्ट होता है. वो शख्स इस सिस्टम में हर गेंद का ब्यौरा एड करता है. जैसे 5वें ओवर की पहली गेंद पर क्या क्या हुआ. जैसे- वो गेंद किसने फेंकी, कौन स्ट्राइक पर था, शॉट किस साइड में मारा और कितने रन गए और क्या कुछ हुआ.

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उन्होंने बताया, 'इससे कई सिस्टम जुड़े होते हैं. जैसे ही स्कोरर उस गेंद के बारे में एड करता है तो उसी के साथ साथ सिस्टम में ये डेटा अपडेट हो जाता है. जैसे- इससे ही डायरेक्ट ये अपेडट हो जाता है कि टीम के कितने रन बन गए, कितने विकेट गिर गए, किस खिलाड़ी के कितने रन बने, उसने चौका मारा है तो कौनसा चौका है, पारी का कौनसा चौका है, टूर्नामेंट का कौनसा चौका है... इससे सारे रिकॉर्ड ऑटोमैटिक अपडेट होते रहते हैं. सभी सिस्टम एक खास तरह की कोडिंग पर काम करते हैं और इंजीनियर मैच से पहले उसका सेटअप कर देते हैं.

स्कोरर से मिले डेटा पर सभी सिस्टम अपडेट होते हैं. उसके बाद ग्राफिक ऑपरेटर्स की एक टीम अलग अलग ग्राफिक्स बनाती है- जैसे किसी ने शतक मार दिया तो उसका पुराना रिकॉर्ड, उस ग्राउंड पर क्या रिकॉर्ड है... ये सब स्पेशल ग्राफिक टीम बनाती है. इसका प्रोसेस भी काफी तेज होता है और ये भी कुछ सेकेंड्स में तैयार करना होता है.

कितनी मिलती है सैलरी?

उन्होंने बताया, 'अगर सैलरी की बात करें तो ये अनुभव के आधार पर तय होती है. अगर कोई जूनियर है तो उसकी सैलरी कम होती है. वैसे ग्राफिक टीम में सबसे जूनियर शख्स को ही स्कोरर बनाया जाता है और उसकी सैलरी वहां मौजूद लोगों में कम ही होती है. आम तौर पर स्कोरर की सैलरी 25-30 हजार से शुरू होती है और फिर सीनियर होने के साथ ही बढ़ जाती है. लेकिन, ये काम काफी मुश्किल होता है और स्कोरर को बड़े ध्यान से देखना होता है कि उस गेंद पर क्या हुआ. उसको ये ध्यान भी होना जरूरी है कि किस साइड को क्या कहते हैं.'

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