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Kandahar Plane Hijack: जब बंदूक के दम पर किडनैप कर लिया था विमान, छोड़ने पड़े थे 3 आतंकी

Kandahar Plane  Hijack: कंधार विमान अपहरण एक ऐसी घटना थी, जिसने अटल बिहारी वाजपेयी सरकार को आतंकियों की मांग मानने पर मजबूर कर दिया था.  जानें- क्या थी वो मांग

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प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो

आज 31 दिसंबर यानी साल का आखिरी दिन है और लोग नए साल के आगाज के जश्न की तैयारी कर रहे हैं. लेकिन 19 साल पहले आज ही के दिन साल 1999 में भारत के इतिहास में एक ऐसा दिन आया था, जब भारत कांधार विमान अपहरण घटना का गवाह बना था. दरअसल यह वो घटना थी, जब इंडियन एयरलाइंस के विमान आईसी-814 का किडनेप हो गया था और सात दिनों की बातचीत और तमाम कोशिशों के बाद भारत को अपने विमान को मुक्त कराने के लिए 3 कुख्यात आतंकियों को रिहा कराया था.

दरअसल 24 दिसंबर 1999 के दिन इस फ्लाइट ने काठमांडू, नेपाल के त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से दिल्ली के लिए उड़ान भरी थी. इस विमान में कुल 180 यात्री और क्रू मेंबर यात्रा कर रहे थे. जैसे ही विमान करीब शाम के साढे 5 बजे भारतीय हवाई क्षेत्र में दाखिल हुआ, तभी बंदूकधारी आतंकियों ने विमान को किडनैप कर लिया और वे विमान को अमृतसर, लाहौर और दुबई होते हुए कंधार, अफगानिस्तान ले गए.

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इंडियन एयरलाइंस के विमान आईसी-814 का अपहरण

खास बात ये है कि आतंकी इस विमान को सीधे कांधार नहीं लेकर गए, बल्कि उससे पहले उन्होंने दुबई में उतारा और 27 को दुबई में छोड़ दिया. वहीं रुपेन कात्याल नामक एक घायल यात्री को भी उतारा गया था. जिसे आतंकियों ने विमान में चाकू मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया था. बाद में रुपेन की मौत गई थी. उस वक्त अफगानिस्तान में तालिबान का शासन था और तालिबान ने भारत की स्पेशल फोर्स को विमान पर हमला करने से रोकने की पूरी तैयारी कर ली थी.

उस वक्त आतंकियों ने शुरू में भारतीय जेलों में बंद 35 उग्रवादियों की रिहाई और 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर नगद देने की मांग की थी. दूसरी ओर, भारत में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी समेत कई नेता आतंकियों की मांग पर विचार विमर्श कर रही थी और लगातार बात चल रही थी. तालिबान और भारत सरकार के अधिकारी लगातार अपहरणकर्ताओं के साथ बातचीत कर रहे थे.

कंधार विमान अपहरण कांड से जुड़े हर राज की तहकीकात

बाद में, सात दिन बाद यानी साल के आखिरी दिन 31 दिसंबर 1999 को बातचीत रंग लाई. अपहरणकर्ता 3 कैदियों की रिहाई की मांग पर आकर मान गए और 3 आतंकियों को रिहा किया गया. उस दौरान तत्कालीन विदेश मंत्री जसवंत सिंह खुद उन 3 कुख्यात आतंकियों को लेकर कांधार के लिए रवाना हुए थे. साथ ही आतंकी मौलाना मसूद अजहर, अहमद ज़रगर और शेख अहमद उमर सईद को रिहा कर दिया गया. तीनों आतंकियों के रिहा होते ही विमान संख्या आईसी-814 में बंधक बनाए गए सभी यात्रियों को रिहा कर दिया गया.

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