अरबी प्रायद्वीप के पूर्व-दक्षिण में स्थित मुस्लिम देश ओमान अब संविधान में संशोधन की घोषणा कर चुका है. ओमान की सरकारी न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, ओमान में संविधान संशोधन के जरिए पहली बार क्राउन प्रिंस की नियुक्ति का प्रावधान किया गया है यानी अब सऊदी अरब की तरह ओमान में भी एक क्राउन प्रिंस होगा. जानिए- इस देश की कुछ खास बातें...
सरकार के कामकाज में और पारदर्शिता लाने के मकसद से भी यहां संविधान में कुछ बदलाव किए गए हैं. इस देश के बारे में सबसे खास बात यह है कि सातवीं सदी में मुहम्मद साहब के जीवनकाल में ही ओमान में इस्लाम का आगमन हो गया था.
यहां का इतिहास क्रांति और जीत की कहानियों से भरा है. सन् 1508-1648 तक यहां पर पुर्तगालियों के उपनिवेश थे जो वास्को दा गामा द्वारा भारत की खोज करने के बाद समुद्री रास्तों पर नियंत्रण के लिए बनाए गए.
फिर पुर्तगाल पर स्पेन का अधिकार हो जाने के बाद पुर्तगालियों को वापस जाना पड़ा. इसके बाद ओमानियों ने पूर्वी अफ़्रीकी तटीय प्रदेशों से भी पुर्तगालियों को मार भगाया.
ओमान के मूल कानून परंपरा पर आधारित है जिसके अनुसार मूल कानून यह घोषित करता है कि इस्लाम राजकीय धर्म है और शरीयत (इस्लामी कानून) कानून का स्रोत है. यहां धर्म पर आधारित भेदभाव पर भी रोक है और धार्मिक संस्कारों की प्रैक्टिस करने की आजादी है. ऐसा करने से सार्वजनिक व्यवस्था बाधित नहीं होती है
ओमान में भारतीय हिंदुओं के समुदाय भी हैं. मस्कट में दो हिंदू मंदिर हैं. उनमें से एक सौ साल से अधिक पुराना है. ओमान में एक महत्वपूर्ण सिख समुदाय भी है, हालांकि कोई स्थायी गुरुद्वारे नहीं हैं, लेकिन कई छोटे गुरुद्वारों में अस्थायी शिविर मौजूद हैं और सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त हैं.
भारत-ओमान के बीच व्यापार का हज़ारों सालों का इतिहास है. ओमान में हुए पुरातात्विक उत्खनन के अनुसार तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व के लगभग (शास्त्रीय युग के दौरान) भारत और ओमान के बीच व्यापार होता था. बाद में, ओमान के गुजरात और मालाबार तट पर मौजूद भारतीय राज्यों के साथ संबंध थे. टीपू सुल्तान ने अपने शासनकाल के दौरान ओमान में एक राजनयिक प्रतिनिधिमंडल भेजा था.
ओमान में पांच लाख से ज्यादा इंडियन रहते हैं, ये उस देश का सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय हैं. भारतीय सालाना तकरीबन 780 मिलियन अमेरिकी डॉलर रेमिटन्स भारत भेजते हैं.
वहीं ओमान की युवा पीढ़ी हायर एजुकेशन के लिए भारत का रुख करती है. मेडिकल टूरिज्म का विस्तार होने से ओमान से भारत आने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है. अगर आज से ठीक 10 साल पहले की बात करें तो भारत से 12 हजार पर्यटक वहां गए थे. आज ये संख्या और बढ़ी है.
आपको बता दें कि ओमान पहला ऐसा खाड़ी देश है जिसने भारत के साथ रक्षा संबंधों को औपचारिक रूप दिया है. दोनों देशों ने 2006 में संयुक्त सैन्य अभ्यास किया और बाद में एक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर भी किए. यही नहीं भारतीय नौसेना के पास ओमान में बर्थिंग (berthing) अधिकार है.