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AICTE की खास पहल: छात्राओं-दिव्यांगों को रोजगार पाने के लिए दी जाएगी ट्रेनिंग

देशभर के इंजीनियरिंग कॉलेजों की छात्राओं को 37 घंटे का विशेष प्रशिक्षण भी कराया जाएगा. आईआईटी और आईआईएम की मदद से भविष्य की जरूरत और चुनौतियों के अनुसार शिक्षक तैयार होंगे.

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AICTE की खास पहल, संस्थानों के साथ साइन किया एमओयू
AICTE की खास पहल, संस्थानों के साथ साइन किया एमओयू

देशभर के संस्थानों में तकनीकी शिक्षा ले रहे छात्र-छात्राओं के लिए नौकरी पाना अब और आसान हो जाएगा. इसके लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) ने हैदराबाद के यूथ फॉर जॉब्स फाउंडेशन, अमेजन डेवलपमेंट सेंटर (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड, नेशनल प्रोग्राम ऑन टेक्नोलॉजी एन्हांस्ड लर्निंग (एनपीटीईएल), आईआईटी मद्रास, आईआईएम बेंगलुरु और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल टीचर्स ट्रेनिंग रिसर्च (एनआईटीटीटीआर) चेन्नई के साथ समझौता किया है। बृहस्पतिवार को एआईसीटीई मुख्यालय में सभी हितधारकों ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए.

इस दौरान एआईसीटीई के अध्यक्ष टीजी सीताराम, सदस्य सचिव प्रो. राजीव कुमार, एडवाइजर डॉ. ममता रानी अग्रवाल आदि मौजूद रहे.  एआईसीटीई के अध्यक्ष टीजी सीताराम ने कहा कि इस पहल से इंजीनियरिंग की छात्राओं को अपने करियर में काफी लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि एआईसीटीई अप्रूव्ड कॉलेजों में छात्राओं की संख्या काफी अच्छी है. 

इनमें एडमिशन लेने वालों में 35 से 40 प्रतिशत छात्राएं हैं. एआईसीटीई की यह पहल नेशनल एजुकेशन पॉलिसी की भावना के भी अनुरूप है. पहले छात्रों के सामने स्पेशलाइजेशन के सीमित विकल्प होते थे लेकिन आज उनके पास स्पेशलाइजेशन और उस क्षेत्र में रोजगार के असीमित विकल्प खुल गए हैं. इसीलिए अब शिक्षकों की भूमिका में भी बड़े बदलाव हुए हैं. इसलिए एनपीटीईएल और एनआईटीटीटीआर के साथ मिलकर शिक्षकों के लिए भी विशेष ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाए जाएंगे ताकि वे इंजीनीयरिंग के छात्रों को भविष्य की जरूरतों और चुनौतियों के अनुसार शिक्षा दे सकें. 

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जॉब के लिए एआईसीटीई ने गूगल, मेटा और आईबीएम समेत सैकड़ों बड़ी कंपनियों के साथ समझौता किया है. परिषद ने इंटर्नशिप पोर्टल, ग्रामीण एवं आदिवासी इलाकों के छात्रों के लिए प्लेसमेंट पोर्टल के साथ ही कामकाजी पेशेवरों के कौशल विकास के लिए विभिन्न कोर्स भी शुरू किए हैं. आज हुए इन समझौतों के माध्यम से भी हमारे छात्रों के लिए रोजगार के नए द्वार खुल गए हैं.

एआईसीटीई के सदस्य सचिव प्रो. राजीव कुमार ने कहा कि दिव्यांगों, लड़कियों और कोरोना के कारण अनाथ हुये बच्चों को लेकर परिषद काफी संवेदनशील है. ऐसे छात्रों के लिए रोजगोरोन्मुखी पाठ्यक्रम चलाए जा रहे हैं. परिषद की इस पहल का भी छात्रों को काफी लाभ मिलेगा. इस दौरान एनआईटीटीटीआर की डायरेक्टर डॉ. उषा नातेसन, आईआईटी मद्रास के डीन प्रो. प्रताप हरिदोस, आईआईएम बेंगलुरु के चीफ एड्मिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर कर्नल एसडी अरवेंदन, अमेजन से सुमन यादव, यूथ फॉर जॉब्स फ़ाउंडेशन से मीरा शेरोय ने भी अपनी कार्ययोजना प्रस्तुत की. 

समझौते से यह होगा फायदा 
अमेज़न के वुमेन ऑफ द वर्ल्ड कार्यक्रम के तहत देशभर के इंजीनियरिंग कॉलेजों की छात्राओं को 37 घंटे का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसमें डेटा रिसर्च एंड एल्गोरिदम्स, लाइव कोडिंग एडवांस्ड, वर्कशॉप ऑन लीडरशिप स्किल्स, एडबल्यूएस क्लाउड कम्प्यूटिंग आदि पर फोकस किया जाएगा. इसे सफलतापूर्वक पूरा करने वाली छात्राओं को कोर्स पूरा होने के बाद कंपनी में इंटर्नशिप और नौकरी में प्राथमिकता मिलेगी.

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वहीं, एनपीटीईएल और एनआईटीटीटीआर द्वारा चलाये जाने वाले पाठ्यक्रमों के जरिये शिक्षकों को भविष्य की चुनौतियों के अनुसार तैयार किया जाएगा। यूथ फॉर जॉब्स के जरिये देश भर के दिव्यांग छात्र छात्राओं को ग्रासरूट अकेडमी, दिव्यांग शक्ति, कॉलेज कनैक्ट आदि प्रोग्राम के जरिये जॉब के लिए तैयार किया जाएगा और उन्हें जॉब दिलाई जाएगी. 

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