भारत में कोरोना के पहले पांच सौ मरीजों की तादाद डेढ़ महीने में पहुंची. जबकि पांच सौ से पांच हजार पहुंचने में सिर्फ दो हफ्ते का वक्त लगा. उधर, इटली, स्पेन और अमेरिका जैसे देशों में इस दौरान कोरोना मरीज़ों की तादाद कुछ हज़ार से हज़ारों और लाखों में पहुंच गई. दुनिया के अन्य देशों में कोरोना के बढ़ते मरीजों को देख भारत यही चीज़ है जो डरा रही है कि अगले दो हफ्ते यहां क्या होगा? देशभर में 22 मार्च के बाद हर रोज़ कोरोना के औसतन 300 नए मामले सामने आने लगे. हालांकि अब भी ये रफ्तार दुनिया के कई देशों के मुकाबले कम है. दुनिया भर के आंकड़ों पर नज़र डालें तो नेता, अभिनेता और मंत्री तक इस वायरस की चपेट में हैं. ये मामले इसलिए सामने आए हैं क्योंकि वहां लोग ख़ुद टेस्ट करवा रहे हैं या फिर वहां की सरकारें सबका टेस्ट करवा रही हैं ताकि वक्त रहते इस बीमारी को फैलने से रोका जा सके. जबकि भारत में ऐसा नहीं है. यहां तो लोग इस बात से खौफ में हैं कि एक बार अगर ये वायरस गांवों में फैलने लगा तो फिर इस पर जल्दी काबू पाना आसान नहीं होगा. जबकि अभी सरकार का सारा ज़ोर देश के बड़े शहरों पर ही है.