निर्भया के दोषियों को 20 मार्च की सुबह पांच बजकर 30 मिनट पर देने का आदेश दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों को फांसी से बचाने की एक और तरकीब को खारिज कर दी है. न्यायलय की ओर से इससे पहले भी इनके डेथ वारंट पर रोक लग चुकी है. पवन के वकील ने अपराध के समय दोषी के नाबालिग होने का दावा करते हुए कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल की थी लेकिन उच्चतम न्यायलय ने उसे खारिज कर दिया है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने दोषी पवन कि नाबालिग होने की दलील पहले ही खारिज कर चुकी है.