दिल्ली में अधिकारों की जंग चलती रही, जिम्मेदारियां एक दूसरे के ऊपर थोपी जाती रहीं और जब पहली जोरदार बारिश हुई तो सारी तैयारियां मिनटों में बह गईं. चंद मिनटों की बारिश में दिल्ली दरिया बन गई और देश की राजधानी की रफ्तार पर मॉनसून का ब्रेक लग गया.