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पाकिस्तान में टूटने की आहट: आसिम मुनीर के 'टुकड़े-टुकड़े' प्लान से सिंध-बलूचिस्तान में गुस्सा, गिलगित में फिर बवाल?

पाकिस्तान में आसिम मुनीर का 'टुकड़े-टुकड़े' प्लान है. वो 4 प्रांतों को 12 में बांटने की तैयारी कर रहे हैं. सरकार कहती है इससे शासन बेहतर होगा. लेकिन सिंध-बलूचिस्तान में भयंकर गुस्सा है, #Sindhudesh और #FreeBalochistan ट्रेंड कर रहा है. गिलगित में भी बवाल हो रहा है. विशेषज्ञ बोले- ये 1971 जैसी स्थिति की ओर बढ़ता कदम है. देश में अलगाव की आग तेज हो रही है.

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फील्ड मार्शल आसिम मुनीर का प्लान है पाकिस्तान 4 राज्यों को 12 हिस्सों में तोड़ना. (File Photo: AP)
फील्ड मार्शल आसिम मुनीर का प्लान है पाकिस्तान 4 राज्यों को 12 हिस्सों में तोड़ना. (File Photo: AP)

पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर का कथित 'डिवाइड एंड फ्रैगमेंट' (टुकड़े-टुकड़े) प्लान देश को 12 नए प्रांतों में बांटने का है. सरकार इसे 'बेहतर शासन' का नाम दे रही है, लेकिन विशेषज्ञ इसे 'बांटो और राज करो' की पुरानी ब्रिटिश चाल बताते हैं.

सिंध और बलूचिस्तान जैसे इलाकों में यह प्लान विद्रोह की चिंगारी बन सकता है, जबकि गिलगित-बाल्टिस्तान में पहले से चल रही अशांति और भड़क सकती है. क्या पाकिस्तान फिर 1971 जैसे टूटने की ओर बढ़ रहा है? आइए समझते हैं इस प्लान के पीछे की हकीकत, इलाकों की प्रतिक्रिया और संभावित खतरे.

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आसिम मुनीर का 'टुकड़े-टुकड़े' प्लान: क्या है असलियत?

पाकिस्तान की सरकार और सेना मिलकर देश को वर्तमान 4 प्रांतों (पंजाब, सिंध, बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा) से ज्यादा छोटे-छोटे 12 प्रांतों में बांटने की योजना बना रही है. फेडरल कम्युनिकेशंस मिनिस्टर अब्दुल अलीम खान ने 8 दिसंबर को जीयो टीवी पर कहा कि छोटे प्रांत बनाना जरूरी है, इससे प्रशासन आसान होगा और विकास तेज होगा. लेकिन आलोचकों का कहना है कि यह आसिम मुनीर की सत्ता मजबूत करने की चाल है.

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Pakistan Fragmentation

राजनीतिक तथ्य

  • 1947 में पाकिस्तान के पास 5 प्रांत थे, लेकिन 1971 में पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) टूट गया. अब नया प्लान पंजाब को 4 हिस्सों में, सिंध को 2-3 में और बलूचिस्तान को छोटे टुकड़ों में बांटेगा. 
  • मुनीर ने हाल ही में 27वें संशोधन से अपनी टेन्योर 5 साल बढ़ाई और ISI चीफ को अपने कंट्रोल में लिया. विशेषज्ञों के मुताबिक, यह प्लान PTI जैसे विपक्ष को कमजोर करने और सैन्य कंट्रोल बढ़ाने के लिए है.
  • न्यूट्रैक की रिपोर्ट (10 दिसंबर) कहती है कि यह योजना विद्रोह बढ़ाएगी, क्योंकि इलाकाई पार्टियां जैसे PPP (सिंध) और ANP (पख्तूनख्वा) इसका विरोध करेंगी.

मुनीर का यह प्लान 'टुकड़े-टुकड़े' इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि यह छोटे प्रांत बनाकर केंद्र की सत्ता को मजबूत करेगा, लेकिन अल्पसंख्यक और अलगाववादी समूहों को और उकसाएगा.

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सिंध का गुस्सा: 'सिंधुदेश' की मांग तेज, क्या होगा नतीजा?

सिंध, पाकिस्तान का आर्थिक इंजन (कराची यहां है), पहले से ही अलगाव की आग में जल रहा है. PPP की बिलावल भुट्टो ने प्लान को 'सिंध की साजिश' कहा है. 

  • प्रतिक्रिया: सोशल मीडिया पर 'सिंधुदेश' (अलग सिंध देश) की मांग तेज हो गई. 8 दिसंबर को कराची में हजारों ने प्रदर्शन किया, जहां बैनर लगे थे – मुनीर का प्लान सिंधी संस्कृति को मिटाएगा. सिंधी राष्ट्रवादी ग्रुप जैसे जय सिंध मुताहिदा महाज ने कहा कि यह ब्रिटिश 'डिवाइड एंड रूल' है, हम अपनी जमीन नहीं देंगे.
  • कारण: दशकों से गायब लोग, जमीन हड़पना, आर्थिक शोषण. सिंध में 80% आबादी गरीब, लेकिन राजस्व का ज्यादातर हिस्सा इस्लामाबाद जाता है. प्लान से सिंध को 2-3 टुकड़ों में बांटने की बात है, जो PPP की पकड़ कमजोर करेगी.
  • तथ्य: 2024 चुनावों में सिंध में PPP ने 80% सीटें जीतीं, लेकिन मुनीर की हस्तक्षेप से विवाद बढ़ा. X (ट्विटर) पर #Sindhudesh ट्रेंड कर रहा है, जहां यूजर्स कह रहे हैं – सिंध अब डरता नहीं, मुनीर का प्लान हमें आजादी की ओर ले जाएगा.

सिंध के लोग इसे 'अंतिम धक्का' मान रहे हैं. अगर लागू हुआ, तो कराची बंद हो सकता है. हिंसा भड़क सकती है.

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बलूचिस्तान का विद्रोह: आयरन फिस्ट से और आग, अलगाव की मांग क्यों?

बलूचिस्तान, पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत संसाधनों से भरपूर लेकिन गरीबी में डूबा, यहां अलगाव की लपटें पहले से ही तेज हैं. बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) जैसे ग्रुप सीपीईसी प्रोजेक्ट्स पर हमले कर रहे हैं. मुनीर ने अप्रैल 2025 में बलूच विद्रोहियों को 'भारत की साजिश' कहा, लेकिन स्थानीय इसे सेना की क्रूरता मानते हैं. 

  • प्रतिक्रिया: प्लान को 'आयरन फिस्ट' कंसोलिडेट करने की कोशिश बताया जा रहा है. बलूच नेता मीर यार बलोच ने ट्रंप को पत्र लिखा कि मुनीर ने तेल भंडारों को 'पाकिस्तान का' बताया, लेकिन ये बलूचिस्तान के हैं. सोशल मीडिया पर #FreeBalochistan ट्रेंड कर रहा है.  
  • कारण: संसाधनों का शोषण, जबरन गायब करना और आर्थिक उपेक्षा. मई 2025 में 138 गायब, 72 मारे गए. प्लान से बलूचिस्तान को 3 टुकड़ों में बांटना विद्रोह को दबाने का हथियार लगता है, लेकिन विशेषज्ञ कहते हैं कि ये आग भड़काएगा. अगर लागू हुआ, तो BLA जैसे ग्रुप और सक्रिय हो सकते हैं, गृहयुद्ध की आशंका बढ़ जाएगी. 

गिलगित-बाल्टिस्तान में अशांति: लोगों को जबरन गायब करना और सड़कें ब्लॉक?

गिलगित-बाल्टिस्तान (GB), पाक अधिकृत कश्मीर का हिस्सा, यहां पहले से ही जमीन हड़पना, बिजली कटौती और राजनीतिक बहिष्कार पर विरोध चल रहे हैं. नवंबर 2025 में बड़े प्रदर्शन हुए, जहां कराकोरम हाईवे ब्लॉक रहा. मानवाधिकार संगठन जबरन गायब करने की शिकायत कर रहे हैं. 

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  • प्रतिक्रिया: दिसंबर 2025 में काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट (CTD) को GB में फैलाने का फैसला लिया – स्थानीय इसे दमन का हथियार मानते हैं. जून 2025 में व्यापारियों ने चीन सीमा पर धरना दिया, हाईवे 3 दिन बंद रहा. अब प्लान से GB को नए प्रांतों में बांटना संवैधानिक संकट बढ़ा सकता है, क्योंकि GB को प्रांतीय दर्जा ही नहीं. प्रदर्शनकारी बैनर लहरा रहे – पाकिस्तान का कंट्रोल खत्म. 
  • कारण: कोई संवैधानिक दर्जा नहीं, संसाधनों का शोषण (CPEC), मानवाधिकार उल्लंघन. नवंबर 2025 में भारी क्रैकडाउन और गिरफ्तारियां हुईं. प्लान लागू होने से अशांति पूरे क्षेत्र में फैल सकती है, कश्मीर विवाद को नई आग दे सकती है.

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क्या पाकिस्तान वाकई 1971 जैसे बिखराव की ओर? संभावित खतरे और रास्ता

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था चरमरा चुकी है – 73 अरब डॉलर कर्ज है. ऊपर से महंगाई. मुनीर की सख्ती से लोकतंत्र कमजोर होगा. छोटे प्रांतों में अलगाव तेज हो जाएगा.  

विशेषज्ञ चेताते हैं कि नए प्रांत बनाना विद्रोह दबाने का हथियार है, लेकिन 1971 की तरह बिखराव ला सकता है. बलूचिस्तान, सिंध, GB में आंदोलन फैल रहे हैं. सोशल मीडिया पर #FreeSindh, #BalochistanIsNotPakistan ट्रेंड कर रहा है. 

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मुनीर कहते हैं कि हम अखंडता की रक्षा करेंगे. लेकिन सड़कों पर लोग बोल रहे हैं. गुस्सा दब नहीं रहा है. अंतरराष्ट्रीय दबाव (अमेरिका, चीन) बढ़ सकता है, लेकिन अंदरूनी कलह बुझाना मुश्किल है. अगर प्लान लागू हुआ, तो गृहयुद्ध या नई आजादी की लहर आ सकती है. संकेत साफ हैं – पाकिस्तान टूटने की कगार पर है. 

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