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एक बार में पूरा एयरबेस कर सकता है तबाह... उस बम की है ये ताकत, जो रूस दे सकता है भारत को

रूस भारत को FAB-3000 ग्लाइड बम दे सकता है. 3 टन वजन, 1400 किलो विस्फोटक, 70 किमी दूर से छोड़ो – हवा में तैरकर टारगेट पर तबाही मचा देता है. यूक्रेन में बंकर-किले राख कर चुका है. UMPK किट से स्मार्ट बना, Su-30MKI पर फिट हो जाता है. सस्ता, भयानक और गेम-चेंजर है.

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ये है रूस का फैब-300 ग्लाइड बम, जो भारत को मिल सकता है. (Photo: Russian MOD)
ये है रूस का फैब-300 ग्लाइड बम, जो भारत को मिल सकता है. (Photo: Russian MOD)

पुतिन-मोदी मीटिंग में सिर्फ S-500 और SU-57 की ही बात नहीं हो रही, बल्कि एक और खतरनाक हथियार पर भी चर्चा चल रही है – वो है रूस का FAB-3000 ग्लाइड बम. यूक्रेन में यह बम जहां गिरता है, वहां सिर्फ राख और गड्ढा बचता है. अब रूस इसे भारत को देने की पेशकश कर रहा है. आइए, जानते हैं इस बम की पूरी कहानी – कितना ताकतवर है और भारत के लिए क्यों गेम-चेंजर बन सकता है.

क्या है FAB-3000? तीन टन का मौत का गोला

FAB-3000 का पूरा नाम है फैब-3000 (FAB-3000) – यानी 3000 किलोग्राम का हाई-एक्सप्लोसिव एरियल बम.  

  • लंबाई: 13.8 फीट (लगभग 4.2 मीटर)  
  • व्यास: 2.1 फीट  
  • कुल वजन: 3000 किलो  
  • विस्फोटक भरा हुआ: 1400 किलो (यानी आधे से ज्यादा वजन सिर्फ बारूद का)  
  • बारूद का प्रकार: ट्राइटोनॉल (TNT + एल्यूमिनियम पाउडर) – विस्फोट की ताकत कई गुना बढ़ जाता है.
  • पुराना बम था लेकिन रूस ने इसमें नया दिमाग लगा दिया.

यह भी पढ़ें: क्या भारत में बनेगा S-500 एयर डिफेंस सिस्टम? जानिए S-400 से कितना ज्यादा एडवांस है

नया जादू – UMPK गाइडेंस किट

पुराना FAB-3000 सीधे गिरता था, लेकिन अब इसमें UMPK (यूनिफाइड मॉड्यूल ऑफ प्लानिंग एंड करेक्शन) लगा दिया गया है. यह एक स्मार्ट किट है जिसमें...  

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  • फोल्ड होने वाले पंख (ग्लाइड विंग्स)  
  • सैटेलाइट + इनर्शियल नेविगेशन  
  • GPS/GLONASS सिस्टम

जेट से छोड़ा नहीं कि पंख खुल जाते हैं. बम हवा में तैरने लगता है. यह अपने आप टारगेट की तरफ मुड़ता है. इसे 70 किलोमीटर दूर से भी छोड़ा जा सकता है. यानी पायलट दुश्मन के एयर डिफेंस की रेंज में आए बिना ही हमला कर देता है.

यूक्रेन में मचाई है भयंकर तबाही

रूस की वायुसेना Su-34 फाइटर-बॉम्बर से इसे छोड़ रही है. 

  • जहां गिरता है, वहां 50-60 मीटर चौड़ा और 15-20 मीटर गहरा गड्ढा बन जाता है.  
  • कंक्रीट के बंकर, पुल, फैक्ट्री – सब मिनटों में राख.  
  • जमीन के नीचे बनी सुरंगों में छिपे सैनिक भी नहीं बचते.  
  • विस्फोट का शॉकवेव और छर्रे सैकड़ों मीटर तक तबाही मचाते हैं.
  • यूक्रेन के सैनिक इसे 'उड़ता हुआ मौत का बादल' कहते हैं.

fab-3000 glide bomb

अमेरिका का JDAM-ER जैसा, पर तीन गुना ताकतवर

लोग इसे रूसी JDAM कहते हैं, लेकिन सच यह है कि... 

  • अमेरिकी JDAM-ER: 500-1000 किलो का बम, 72 किमी रेंज  
  • रूसी FAB-3000: 3000 किलो का बम, 70 किमी रेंज, विस्फोटक 1400 किलो.
  • यानी वजन और तबाही में अमेरिकी बम कहीं नहीं ठहरता.

भारत को क्यों चाहिए FAB-3000?

  • पाकिस्तान और चीन के बंकर, कमांड सेंटर, एयरबेस एक ही बम में तबाह.  
  • LAC पर ऊंचे पहाड़ों में बने चीनी बंकरों को उड़ाने के लिए बेस्ट.  
  • भारतीय वायुसेना के Su-30MKI पर आसानी से लग सकता है.  
  • सस्ता और भरोसेमंद – एक बम से पूरा दुश्मन का कैंप खत्म.

यह भी पढ़ें: ...उस रूसी कैप्सूल की कहानी जिससे राकेश शर्मा धरती पर वापस आए थे

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रिपोर्ट्स कहती हैं कि रूस भारत को FAB-3000 के साथ UMPK किट की तकनीक भी देने को तैयार है. यानी भारत में ही इसे बनाया जा सकेगा.

कीमत और डिलीवरी

  • एक FAB-3000 + UMPK किट की कीमत: करीब 20-30 लाख रुपये (बहुत सस्ता).  
  • रूस पहले ही 500 से ज्यादा FAB-3000 यूक्रेन में इस्तेमाल कर चुका है.  
  • भारत को शुरुआत में 200-300 बम + किट मिल सकती है.

जब S-400 दुश्मन को आने नहीं देता और FAB-3000 आकर सब कुछ मिटा देता है – तो फिर कौन रोकेगा भारत को? रूस का यह तीन टन का 'उड़ता हुआ कयामत' अगर भारतीय वायुसेना के पास आ गया, तो दुश्मन की नींद उड़ जाएगी.  

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