सैटेलाइट तस्वीरों से साबित हो गया है कि चीन ने अपने सबसे एडवांस स्टेल्थ ड्रोन GJ-11 'शार्प स्वॉर्ड' को तिब्बत के शिगात्से एयर बेस पर तैनात कर दिया है. यह बेस भारत की सीमा के बिल्कुल पास है. अगस्त से सितंबर 2025 तक ये ड्रोन वहां टेस्टिंग के लिए रखे गए. यह इनका पहला ऑपरेशनल इस्तेमाल है.
TWZ के अनुसार ये ड्रोन छिपकर हमला कर सकते हैं. जासूसी कर सकते हैं. इलेक्ट्रॉनिक युद्ध लड़ सकते हैं. इससे लगता है कि ये ड्रोन अब जंग के लिए लगभग तैयार हैं. यह चीन की हिमालय क्षेत्र में ऊंचाई वाली हवाई ताकत बढ़ाने का संकेत है, जहां J-20 फाइटर जेट और WZ-7 ड्रोन भी हैं.
यह भी पढ़ें: तोप, गोलीबारी और हवाई हमले... रात भर चले पाकिस्तान-तालिबान युद्ध की पूरी कहानी
GJ-11 एक तरह का बिना पायलट वाला विमान है. यह 'फ्लाइंग विंग' डिजाइन का है – मतलब यह पंख जैसा सपाट दिखता है, जैसे चमगादड़. इससे यह रडार से बच जाता है यानी स्टील्थ होता है. चीन ने इसे 2013 में पहली बार दिखाया था, लेकिन अब यह असली जंग के लिए तैयार लग रहा है.
China Deploys GJ-11 “Sharp Sword” Stealth Drones to Tibet — A Game-Changer in Himalayan Airpower
— Defence Security Asia (@defence_asia) October 11, 2025
(CLICK LINK BELOW AND READ)https://t.co/T9qdkLJwAd pic.twitter.com/zEfVjEWN7J
यह भी पढ़ें: वैज्ञानिकों ने ढूंढ ली ब्रह्मांड में पृथ्वी जैसी कई दुनिया, पानी की मौजूदगी पर बड़ा दावा
शिगात्से एयर बेस तिब्बत में है, जो हिमालय के पास है. यह भारत की सिक्किम सीमा से सिर्फ 200-300 km दूर है. सैटेलाइट तस्वीरें (प्लैनेट लैब्स की) दिखाती हैं कि अगस्त 2025 में तीन GJ-11 ड्रोन यहां पहुंचे. सितंबर तक वे रनवे पर खड़े रहे.
यह पहली बार है जब इन्हें किसी ऑपरेशनल एयर बेस पर देखा गया. पहले ये सिर्फ फैक्ट्री या टेस्ट साइट पर थे. तिब्बत की ऊंचाई 4,000 मीटर से ज्यादा है, इसलिए यहां ड्रोन टेस्टिंग मुश्किल होती है. लेकिन चीन ने इसे सफलतापूर्वक किया.

यह टेस्टिंग थी, लेकिन इससे साबित होता है कि ड्रोन अब नियर-कॉम्बैट रेडी हैं – यानी जंग के लिए लगभग तैयार.
यह भी पढ़ें: टोमाहॉक मिसाइल पर कुछ ज्यादा नहीं हांक रहे ट्रंप? गिराने के लिए पुतिन के पास हैं ये अस्त्र
हिमालय क्षेत्र में भारत-चीन के बीच तनाव है. 2020 के गलवान झड़प के बाद से दोनों देश सैन्य ताकत बढ़ा रहे हैं. चीन अब ऊंचाई वाली हवाई ताकत मजबूत कर रहा है...
यह सब मिलकर चीन को हिमालय में हवाई बढ़त देता है. ऊंचाई पर इंजन कमजोर पड़ जाते हैं, लेकिन चीन के ड्रोन इसके लिए बने हैं.
भारत के लिए यह चिंता की बात है. शिगात्से से सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश नजदीक हैं. अगर ये ड्रोन जासूसी या हमला करें, तो भारतीय सेना को चुनौती मिलेगी. भारत के पास भी ड्रोन हैं, जैसे 'रुस्तम' और 'तपस', लेकिन स्टेल्थ वाले कम हैं. विशेषज्ञ कहते हैं कि यह चीन का संदेश है – हम तैयार हैं. लेकिन अभी कोई झड़प नहीं हुई. दोनों देश बातचीत से तनाव कम करने की कोशिश कर रहे हैं.