बच्चों के घर टूट कर बिखर गए हैं, किसी ने अपना भाई खो दिया है तो किसी ने अपनी बहन. उनकी किताबें, खिलौने और सपने उन टूटी इमारतों के मलबों के नीचे दबकर रह गए हैं जिन में वो रहा करते थे. य़ुद्ध के बीच उनका क्या वर्तमान है क्या ही भविष्य? गाजा शहर के अल-शिफा अस्पताल में इजरायली सैन्य हमले में मारे गए एक बच्चे के चारों ओर एकत्रित हुए लोग. (AP)
अल-शिफा अस्पताल के मुर्दाघर में इजरायली सैन्य हमले में मारे गए अपने बच्चों के शवों पर विलाप करता पिता. (AP)
इजरायली सेना के हमले में घायल हमाम अल-फरानी अपनी बहन के बगल बैठा है, जबकि उनके पिता अला का शव गाजा शहर के शिफा अस्पताल में दफनाने के लिए तैयार किया जा रहा है. (AP)
गाजा सिटी के विस्थापित शिविरों में अपने घरों से बेघर हुए फिलिस्तीनी बच्चे जंग के डर से दूर खेलते हुए. (AP)
विस्थापित फिलिस्तीनी बच्चे गाजा शहर में संयुक्त राष्ट्र एजेंसी यूएनआरडब्ल्यूए द्वारा संचालित एक स्कूल में खेलते हुए, जो अब लगभग खंडहर में बदल चुका है. (AP)
उत्तरी गाजा पट्टी के बेत लाहिया में सहायता सामग्री प्राप्त करने के लिए एकत्रित हुए फिलिस्तीनियों के बीच गत्तों का गट्ठर लेकर खड़ा एक लड़का अपने जीवन के लिए संघर्ष करता हआ. (Reuters)
गाजा शहर में संयुक्त राष्ट्र एजेंसी यूएनआरडब्ल्यूए द्वारा संचालित एक स्कूल अब लगभग खंडहर में बदल चुका है. यहां अब विस्थापित हो चुके लोग रहते हैं. यहां एक बहन अपने भाई को खाना खिलाने की कोशिश करती हुई. (AP)
गाजा शहर में संयुक्त राष्ट्र एजेंसी यूएनआरडब्ल्यूए द्वारा संचालित एक स्कूल, जो अब लगभग खंडहर में बदल चुका है अब विस्थापित हो चुके लोगों के रहने के काम आता है. (AP)