दिल्ली में बदमाश जिस तरह बेखौफ हो चले हैं, उसमें कहीं न कहीं पुलिस की लापरवाही का हाथ है. इसका ताजा उदाहरण रविवार को मयूर विहार के त्रिलोकपुरी इलाके में देखने को मिला. पुलिस के सामने ही बदमाश एक युवक को बीच बाजार बेरहमी से मारते पीटते रहे और पुलिस हाथ पर हाथ धरे सिर्फ देखती रही.
पूरी घटना का CCTV फुटेज भी आ गया है, जिसमें दिख रहा है कि बदमाश किस तरह एक युवक पर जानलेवा हमले कर रहे हैं. ऐसा लग रहा है कि वे युवक को जान से ही मार देना चाहते हैं. सैकड़ों लोगों के बीच बदमाश युवक की पिटाई कर रहे हैं, लेकिन कोई भी उसे बचाने आगे नहीं आया.
वारदात का सीसीवीटी फुटेज सामने आने के बाद पुलिस ने केस दर्ज किया है. अब पुलिस सीसीटीवी फुटेज के जरिए हमलावरों की पहचान कर उनके खिलाफ जल्द ही कार्रवाई करने का दावा कर रही है. लेकिन इतनी बड़ी घटना होने के बाद जब 'आजतक' की टीम मौके पर पहुंची तो वहां पुलिस चौकी पर एक भी पुलिसकर्मी मौजूद नहीं मिला.
आजतक की पड़ताल में एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है. जिस इलाके में यह घटना हुई वहां 2015 में दंगे हो चुके हैं और तब से पूरे इलाके को अति संवेदनशील घोषित किया जा चुका है. लेकिन हैरानी वाली बात यह है कि अति संवेदनशील इलाके में भी दिल्ली पुलिस घटना के प्रति बिल्कुल भी संवेदनशील नजर नहीं आई.
पीड़ित की पहचान विक्की के रूप में हुई है और जानकारी के मुताबिक, उस पर जानलेवा हमला करने वाले दूसरे संप्रदाय के लोग थे. पीड़ित ने बताया कि उसके पड़ोस में शादी थी और शादी की तैयारियों के सिलसिले में ही वह 27 ब्लॉक मार्केट गया था.
पीड़ित बाजार में खड़ा मोबाइल से किसी से बात कर रहा था. इतने में कुछ युवक आए और उस पर लाठी-डंडों की बरसात कर दी. सीसीटीवी फुटेज में भी देखा जा सकता है कि बदमाश पीड़ित को हवा में उछाल-उछाल कर सड़क पर पटक रहे हैं . ऐसा लग रहा है कि हमलावर उसे जान से मार देना चाहते हैं.
पीड़ित युवक ने किसी तरह एक दुकान में घुसकर अपनी जान बचाई. घटना स्थल से पुलिस चौकी चंद मीटर की दूरी पर है और घटना के वक्त वहां सिपाही भी मौजूद थे, लेकिन वे भी खड़े-खड़े तमाशा देखते रहे. पुलिस का कहना है कि हमलावर और पीड़ित चूंकि दो अलग संप्रदायों के हैं, इसलिए मामले की हर कोंण से जांच की जा रही है.