गुरुग्राम में क्रिकेट को लेकर एक समुदाय के एक ही परिवार की पिटाई के मामले में गुरुग्राम पुलिस अब तक एक ही आरोपी को गिरफ्तार कर पाई है. ऐसे में पीड़ित परिवार खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है. वहीं, आरोपियों के गांववालों का दावा है कि पहले उनके लड़कों को पीटा गया उसके बाद ही मामले ने तूल पकड़ा.
गुरुग्राम के भोंडसी इलाके में होली के दिन साजिद के परिवार के साथ हुई मारपीट के मामले में पुलिस अब तक केवल एक ही आरोपी महेश को गिरफ्तार कर पाई है. शाजिद के घर के बाहर पुलिस की सुरक्षा है लेकिन फिर भी परिवार खुद को असुरक्षित महूसस कर रहा है. परिवार का कहना है कि ये घर उनके सपनों का घर है. इसे बनाने में न सिर्फ उनकी सारी जोड़ी हुई कमाई लग गई बल्कि कई लाख रुपये उधार लेने पड़े.
लेकिन गुरुवार को जो कुछ हुआ उसे देख कर उन्हें लगता है कि ये जगह उन्हें छोड़ना पड़ेगा. इस मामले में पीड़ित परिवार पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठा रहा है. पीड़ित परिवार का कहना है कि हमलावर इतने उग्र थे कि उन्हें जो दिखा उसपर उन्होंने हमला कर दिया. एक मासूम बच्ची जो डर कर आलमारी में छिप गई, उसे भी आलमारी से निकाल कर पीटा.
इतना ही नहीं वीडियो बनाने वाली परिवार की लड़की दानिस्था का कहना है कि अगर उन्हें ये पता नहीं चलता कि इसका वीडियो बनाया जा रहा है तो वो न जाने क्या कर जाते. वीडियो बनाने वाली लड़की का कहना है कि उन्हें जैसे ही ये पता चला कि इस हमले का वीडियो बनाया जा रहा है तो वो उसपर भी हमला करने के फिराक में थे लेकिन लड़की किसी तरह से बच गई.
पीड़ित परिवार का कहना है कि मारपीट के वीडियो में साफ दिख रहा है कि भीड़ किस तरह महिलाओं और घर में मौजूद लोगों को मार रही है, पथराव और तोड़फोड़ कर रही है, 15 लोग घायल हुए हैं जिनमें 5 बच्चे भी हैं, ये वीडियो नहीं होता तो शायद सच्चाई सामने नहीं आ पाती. परिवार अपील किया है कि इस मामले को जातीय रंग न दें.
वहीं, जिस नयागांव के लड़कों पर मारपीट का आरोप है उनके गांव के मुखिया बदन सिंह का कहना है कि क्रिकेट के झगड़े में पहले उनके गांव के लड़कों को पीटा गया उसके बाद मामले ने तूल पकड़ा. गांववालों का कहना है कि ये क्रिकेट को लेकर झगड़ा है, इसे जातीय रंग न दिया जाए. हम पुलिस की जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं. उनके मुताबिक दूसरे पक्ष के लोगों को घर छोड़ने की कोई जरूरत नहीं. हम सब शांति से रह रहे हैं.