उत्तर प्रदेश के कानपुर में गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. अब एनकाउंटर का ये मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक पहुंच गया है. तहसीन पूनावाला की ओर से NHRC में एनकाउंटर को लेकर शिकायत दर्ज की गई है.
इस शिकायत में गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर के अलावा उसके पांच साथियों के मारे जाने की बात शामिल की गई है. साथ ही लिखा गया है कि विकास दुबे ने खुद सभी के सामने सरेंडर किया था.
इसके अलावा दावा किया गया है कि वीडियो फुटेज में विकास दुबे टाटा सफारी में बैठा हुआ दिख रहा है, जबकि जो गाड़ी पलटी है वो दूसरी है. ऐसे में इस एनकाउंटर और घटना पर शक पैदा होता है. ऐसे में इस मामले में जांच के लिए अपील की गई है.
I have filled a complaint with the National Human Rights Commission on the alleged #fake_encounter of #vikasDubeyEncounter this #fridaymorning as part of a "script" to protect UP politicians & the Yogi Adityanath ji govt & other UP police officers. #vikasDubeyEncounter pic.twitter.com/d5JlHM4BmC
— Tehseen Poonawalla Official (@tehseenp) July 10, 2020
तहसीन पूनावाला की ओर से आरोप लगाया गया कि विकास दुबे को इसलिए फर्जी एनकाउंटर में मार दिया गया, ताकि उसके राजनीतिक और पुलिस महकमे में संबंध सामने ना आ पाएं.
Vikas Dubey encounter: मारा गया गैंगस्टर, UP एसटीएफ ने कानपुर में किया ढेर
आपको बता दें कि जिस तरह से विकास दुबे का एनकाउंटर हुआ है, उसपर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. फिर चाहे एनकाउंटर साइट से कुछ दूर पहले ही मीडिया को रोक देना हो या फिर समर्पण के बाद भी विकास दुबे के भागने की बात कहना हो.
बीच सड़क पर गाड़ी पलटी, हथियार छीनकर भागने की कोशिश कर रहा था विकास दुबे
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी कहा कि विकास दुबे का एनकाउंटर इसलिए कर दिया गया, ताकि राजनीतिक राज सामने ना आ सकें. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी विकास दुबे के एनकाउंटर पर सवाल खड़े किए.
हालांकि, यूपी पुलिस का कहना है कि गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे हथियार छीनकर भागने की कोशिश कर रहा था. इसी दौरान पुलिसवालों से उसकी मुठभेड़ हुई, इसमें विकास दुबे मारा गया जबकि चार पुलिसवाले घायल हो गए.