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तेज बारिश, रफ्तार.. विकास दुबे को ले जा रही गाड़ी का ऐसे हुआ एक्सिडेंट

दुर्घटना के दौरान आजतक या अन्य मीडिया की कोई टीम मौजूद नहीं थी. सिर्फ पुलिस और एसटीएफ के जवान मौजूद थे. कानपुर एसएसपी दिनेश कुमार ने बताया कि जब गाड़ी पलटी उस दौरान तेज रफ्तार में थी. गाड़ी के पलटते ही विकास दुबे घायल एसटीएफ के जवान से हथियार छीन कर भागने की कोशिश करने लगा.

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पुलिस एनकाउंटर में मारा गया गैंगस्टर विकास दुबे
पुलिस एनकाउंटर में मारा गया गैंगस्टर विकास दुबे

  • सुबह 6.32 बजे एसटीएफ का काफिला कानपुर सिटी पहुंचा
  • एनकाउंटर से 10 मिनट पहले गाड़ियों की आवाजाही रोकी गई
कानपुर का कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे शुक्रवार सुबह यूपी एसटीएफ के हाथों एनकाउंटर में मारा गया. पुलिस का कहना है कि कानपुर नगर भौंती के पास पुलिस की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त होकर पलट गई. विकास दुबे ने भागने की कोशिश की. इस दौरान एनकाउंटर हुआ और वह मारा गया. कानपुर पुलिस के मुताबिक विकास दुबे घायल पुलिस कर्मी की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश कर रहा था.

पुलिस टीम द्वारा पीछा कर उसे घेर कर आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया, लेकिन वह नहीं माना और पुलिस टीम पर फायर करने लगा. पुलिस ने आत्मरक्षा में जवाबी फायरिंग की. इस दौरान विकास दुबे घायल हो गया. बाद में अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. हालांकि पुलिस की इस कहानी को लेकर काफी सवाल उठ रहे हैं.

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गाड़ी कैसे पलटी, इसको लेकर भी लोगों के अंदर कई सारे सवाल हैं. अब तक की जानकारी के अनुसार यही माना जा रहा है कि तेज बारिश और तेज रफ्तार की वजह से यह हादसा हुआ. तेज रफ्तार को लेकर कहा जा रहा है कि मीडिया की गाड़ी से बचने के लिए एसटीएफ की टीम गाड़ी तेज चला रही थी. लेकिन पुलिस मीडिया की गाड़ी से बचने की कोशिश क्यों कर रही थी?

आजतक संवादाता अरविंद ओझा के मुताबिक सुबह 6.32 मिनट पर एसटीएफ का काफिला कानपुर सिटी में घुसता है. एनकाउंटर की घटना से 10 मिनट पहले कानपुर पुलिस का चेकिंग अभियान शुरू किया जाता है और सभी प्राइवेट गाड़ियों की आवाजाही रोक दी जाती है. जैसे ही रास्ता खुला और आजतक की टीम आगे बढ़ी, उन्हें सड़क पर पलटी हुई गाड़ी दिखी. एसटीएफ के जवान भी मौके पर मौजूद थे. उन्होंने कैमरे पर इस बात की तस्दीक की थी कि विकास दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी में ही सवार था.

Vikas Dubey encounter: यूपी एसटीएफ ने कानपुर में किया ढेर

हालांकि दुर्घटना के दौरान आजतक या अन्य मीडिया की कोई टीम मौजूद नहीं थी. सिर्फ पुलिस और एसटीएफ के जवान मौजूद थे. कानपुर एसएसपी (वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक) दिनेश कुमार ने बताया कि जब गाड़ी पलटी उस दौरान तेज रफ्तार में थी. गाड़ी के पलटते ही विकास दुबे ने घायल एसटीएफ के जवान से हथियार छीन कर भागने की कोशिश करने लगा.

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विकास दुबे हाईवे की दूसरी तरफ खेतों में भाग रहा था. तभी एसटीएफ के जवान ने विकास दुबे पर फायरिंग की. जिसके बाद पुलिस के घायल चार जवानों के साथ विकास दुबे को भी अस्पताल ले जाया गया. विकास दुबे की अस्पताल में ही मौत हो गई.

कानपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार ने बताया, 'तेज बारिश हो रही थी. पुलिस ने गाड़ी तेज भगाने की कोशिश की जिससे वह डिवाइडर से टकराकर पलट गयी और उसमें बैठे पुलिसकर्मी घायल हो गये. उसी मौके का फायदा उठाकर दुबे ने पुलिस के एक जवान की पिस्तौल छीनकर भागने की कोशिश की और कुछ दूर भाग भी गया.'

कुमार ने कहा, 'तभी पीछे से एस्कार्ट कर रहे एसटीएफ के जवानों ने उसे गिरफ्तार करने की कोशिश की और उसी दौरान उसने एसटीएफ पर गोली चला दी जिसके जवाब में जवानों ने भी गोली चलाई और वह घायल होकर गिर पड़ा. हमारे जवान उसे अस्पताल लेकर गये जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.'

पुलिस के दावों के उलट विकास दुबे के एनकाउंटर को लेकर अब कई सारे सवाल भी उठ रहे हैं. क्योंकि विकास गुरुवार को उज्जैन के महाकाल मंदिर के बाहर अपनी गिरफ्तारी दी थी. वो मीडिया के सामने चिल्ला-चिल्लाकर कह रहा था कि वो कानपुर वाला विकास दुबे है और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है.

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Vikas Dubey encounter: विकास दुबे के एनकाउंटर पर पुलिस को देने हैं कई सवालों के जवाब

विकास दुबे का एनकाउंटर ठीक उसी तरह हुआ, जिस तरह गुरुवार को उसके साथी प्रभात मिश्रा का एनकाउंटर हुआ था. पुलिस के मुताबिक, कार पंक्चर होने के बाद प्रभात मिश्रा ने पुलिस का हथियार छीनकर भागने की कोशिश की थी और जब पुलिस ने सरेंडर करने के लिए कहा तो उसने फायरिंग शुरू कर दी. जवाबी कार्रवाई में प्रभात मारा गया.

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