बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर पर गैंगरेप का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री आवास के पास आत्मदाह की कोशिश करने वाली युवती के जेल में बंद पिता की संदिग्ध हालात में मौत होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा है कि सरकार और कानून इस घटना के दोषियों के साथ कोई रियायत नहीं करेगा.
पीड़ित पक्ष ने बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर पर जेल में हत्या कराने का आरोप लगाया है. इस मामले में चार नामजद अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया है. वहीं, लापरवाही बरतने के आरोप में संबंधित थाना प्रभारी समेत छह पुलिसकर्मियों को निलम्बित कर दिया गया है. निष्पक्ष जांच सुनिश्चित कराने के लिये तफ्तीश को लखनऊ स्थानान्तरित कर दिया गया है.
इस मामले के आरोपी विधायक सीएम योगी से मिलने लखनऊ पहुंचे. उन्होंने कहा है कि उनके खिलाफ राजनीतिक साजिश हो रही है और उन्हें इस मामले में फंसाया जा रहा है.
It is an unfortunate incident. ADG Lucknow has been asked to probe the matter thoroughly. Those at fault, whoever they might be, will not be spared: UP CM Yogi Adityanath on death of rape victim's father. Victim along with her family attempted suicide outside CM residence, y'day. pic.twitter.com/kAX7IlmzG9
— ANI UP (@ANINewsUP) April 9, 2018
पुलिस सूत्रों ने बताया कि भाजपा विधायक सेंगर पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली माखी थाना क्षेत्र के एक गांव की निवासी 18 वर्षीय लड़की के पिता को रविवार रात को जेल में पेट दर्द के साथ खून की उल्टियां शुरू हुई थीं. इस पर उसे तुरंत जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था. इलाज के दौरान तड़के लगभग तीन बजे उसकी मौत हो गई.
BJP MLA पर गैंगरेप-मारपीट का आरोप
मृतक की उम्र करीब 50 वर्ष थी. मृतक के परिजन ने बलात्कार के आरोपी बांगरमऊ से भाजपा विधायक सेंगर पर जेल में हत्या कराने का आरोप लगाया है. उनका इल्जाम है कि मुकदमा वापस ना लेने पर पिछले 4 अप्रैल को विधायक के भाई अतुल सिंह ने पीड़िता के पिता को मारापीटा था. पुलिस ने इसका मुकदमा दर्ज करने के बजाय उसे ही जेल भेज दिया था.
CM ने घटना को बताया दुर्भाग्यपूर्ण
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि लखनऊ जोन के अपर पुलिस महानिदेशक से मामले की जांच करने के निर्देश दिये गये हैं. सरकार और कानून इस घटना के दोषियों के साथ कोई रियायत नहीं करेगा. ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित कराने के लिये तफ्तीश को लखनऊ स्थानान्तरित कर दिया गया है.
मजिस्ट्रेट से जांच के आदेश दिए
इस मामले की मजिस्ट्रेट से जांच के आदेश दिये गये हैं. पुलिस महानिदेशक ओ.पी. सिंह ने कहा कि इस मामले की जांच के लिये लखनऊ पुलिस की एक टीम गठित की गयी है. भाजपा विधायक पर लगा आरोप अभी सिद्ध नहीं हुआ है. जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. किसी भी दोषी को किसी सूरत में बक्शा नहीं जाएगा.
चार आरोपियों को किया गिरफ्तार
उन्नाव की पुलिस अधीक्षक पुष्पांजलि ने बताया कि मामले के चार नामजद अभियुक्तों सोनू, बउवा, विनीत और शैलू को गिरफ्तार कर लिया गया है. वहीं, माखी के थाना प्रभारी अशोक कुमार समेत छह पुलिसकर्मियों को लापरवाही बरतने के आरोप में निलम्बित कर दिया गया है. जिलाधिकारी रवि कुमार एनजी ने बताया कि दोनों पक्षों की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया था.
अखिलेश यादव ने साधा निशाना
ऐसे में एक पक्ष को ही जेल क्यों भेजा गया, इसकी जांच करायी जायेगी. इसके साथ ही मृतक का डाक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम कराने के आदेश दिये गये हैं. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मामले पर लगातार दो ट्वीट किए हैं. उन्होंने ट्वीट के जरिये योगी सरकार पर निशाना साधते हुए तंज कसा है. इसके साथ ही इसे चिंता का विषय बताया है.
मुख्यमंत्री आवास पर आत्मदाह की कोशिश करनेवाली दुष्कर्म की पीड़िता के पिता की ‘पुलिस कस्टडी’ में दर्दनाक मृत्यु अत्यंत दुखदायी है। इसकी सर्वोच्च स्तरीय निष्पक्ष जाँच होनी चाहिए। महिलाओं के मान की रक्षा के लिए नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री को तुरंत इस्तीफ़ा दे देना चाहिए।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 9, 2018
बीजेपी विधायक के दबाव में पुलिस
कांग्रेस प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि यदि स्थानीय प्रशासन आरोपी भाजपा विधायक सेंगर के दबाव में ना आकर न्याय करता तो इतनी बड़ी घटना को टाला जा सकता था. लेकिन इस घटना में राजनीतिक दबाव में आकर पुलिस ने सही कार्रवाई नहीं की है.
CM आवास पर आत्मदाह का प्रयास
बताते चलें कि उन्नाव की रहने वाली 18 वर्षीय एक युवती ने बांगरमऊ से विधायक कुलदीप सेंगर और उनके भाइयों पर पिछले साल गैंगरेप का आरोप लगाया था. अदालत के आदेश पर इस मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था. आरोपियों के बजाय अपने पिता के खिलाफ कार्रवाई किये जाने से क्षुब्ध होकर पीड़ित युवती ने आत्मदाह का प्रयास किया था.