कर्नाटक कैडर के आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत की जांच जारी है. इस मामले में लखनऊ के एसएसपी दीपक कुमार ने कहा कि मौत से जुड़े तमाम साक्ष्य जुटा लिए गए हैं. केस की जांच के लिए बनाई गई एसआईटी जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.
एसएसपी दीपक कुमार ने बताया, एसआईटी की रिपोर्ट के बाद आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी की मौत के कारण सामने आ जाएंगे. उन्होंने आगे कहा, 'वैसे तो हमारी पुलिस इस केस की जांच में सक्षम हैं लेकिन परिवार को अगर लगता है कि इसकी जांच सीबीआई या किसी अन्य एजेंसी से करवानी चाहिए तो हम इसके लिए पूरी तरह से तैयार हैं. सरकार जब चाहे केस की जांच सीबीआई को सौंप सकती है.'
एसएसपी दीपक कुमार के अनुसार, प्राथमिक जांच के बाद अनुराग तिवारी की मौत किसी एक्सीडेंट या सामान्य हार्ट अटैक की वजह से होना जान पड़ती है. सिर पर लगी चोट इसी ओर इशारा कर रही है. उन्होंने कहा, पुलिस ने पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी कराई है. तीन ऑर्गन स्कोर और विसरा को सुरक्षित रखा गया है.
एसएसपी दीपक कुमार ने अपनी बात पूरी करते हुए कहा कि अभी तक अनुराग तिवारी के परिजनों की ओर से कोई एफआईआर दर्ज नहीं कराई गई है. परिवार अगर केस दर्ज करवाता है तो उस पर भी संभावित कार्रवाई की जाएगी.
क्या था मामला
बीते बुधवार को हजरतगंज के मीराबाई सरकारी गेस्ट हाऊस के बाहर कर्नाटक कैडर के आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी मृत पाए गए. सूत्रों की मानें तो आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के खिलाफ हजारों करोड़ रुपये के घोटाले का पर्दाफाश करने वाले थे. इस वजह से कर्नाटक के राजनेता और कुछ अधिकारी उनके पीछे पड़ गए थे.
काम से खुश नहीं था एक मंत्री
2007 बैच के आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी बंगलुरु में खाद्य और आपूर्ति विभाग में तैनात थे. अनुराग तिवारी के बड़े भाई मयंक ने बताया कि अनुराग को पहले से खतरा था. उन्होंने कहा, भाई अनुराग तिवारी ने दो महीने पहले उन्हें बताया था कि एक मंत्री उनके काम से खुश नहीं है. वह एक घोटाले में सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे. मयंक की मानें तो अनुराग ने पहले ही अपने साथ किसी तरह का हादसा होने की आशंका जताई थी.