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नक्सली समर्थक होने के आरोप में 7 गिरफ्तार, दो वकील और एक पत्रकार शामिल

छत्तीसगढ़ के बस्तर में पुलिस ने नक्सलादियों के समर्थक होने के आरोप में 7 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के दो वकील और एक पत्रकार भी शामिल हैं. बाकी चार लोगों ने खुद को सामाजिक कार्यकर्ता बताया है. पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.   

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छत्तीसगढ़ के बस्तर में हुई गिरफ्तारी
छत्तीसगढ़ के बस्तर में हुई गिरफ्तारी

छत्तीसगढ़ के बस्तर में पुलिस ने नक्सलादियों के समर्थक होने के आरोप में 7 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के दो वकील और एक पत्रकार भी शामिल हैं. बाकी चार लोगों ने खुद को सामाजिक कार्यकर्ता बताया है. पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.

सुकमा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जीतेंद्र शुक्ला के मुताबिक गिरफ्तार किए गए लोगों के खिलाफ नक्सलियों के समर्थक होने के पुख्ता सबूत मौजूद हैं. पुलिस ने इनके पास से प्रतिबंधित माओवादी साहित्य और पर्चे मिलने का दावा किया है. साथ ही इनके पास से 1000 और 500 के पुराने नोटों में एक लाख रुपये भी जब्त किए गए.

गिरफ्तार किए गए लोगों में सीएच प्रभाकर और रवींद्रनाथ वकील हैं और हैदराबाद हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं. वहीं राजेंद्र प्रसाद पत्रकार है. इसके अलावा आर लक्ष्मिया, डी प्रभाकर, मोहम्मद नाजीम और दुर्गा प्रसाद ने खुद को सामाजिक कार्यकर्ता बताया है. ये सभी लोग हैदराबाद और विशाखापट्टनम से होते हुए सुकमा में दाखिल हुए थे.

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पुलिस के मुताबिक, इन लोगों ने रास्ते में पड़ने वाले गांव में नक्सलियों का पैसा बदलवाने के लिए ग्रामीणों से संपर्क भी किया. हालांकि गिरफ्तार हुए लोगों ने पुलिस के आरोपों को सिरे से खारिज किया है. उन्होंने पुलिस पर झूठे आरोप में फंसाने का आरोप लगाया. इसके साथ ही कहा कि वे पुलिस की बर्बरता का जायजा लेने बस्तर आए थे.

इस बीच, तेलंगाना डेमोक्रेटिक फोरम के समन्वयक प्रो. पी एल विश्वेश्वर ने कहा है कि गिरफ्तार किए गए सभी लोग उनके फोरम से जुड़े हैं. विश्वेश्वर के मुताबिक ये सभी लोग 25 दिसंबर की सुबह हैदराबाद से बस्तर के लिए रवाना हुए थे. जब ये लोग तेलंगाना के करीब खम्ममजिले में पहुंचे तो वहां दुगुडाम क्षेत्र की पुलिस ने उनसे कड़ी पूछताछ की.

इनके पास पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड होने के बावजूद पुलिस ने उन्हें नक्सली गतिविधियों में लिप्त बताया. उन्हें सुकमा के धरमपेटा क्षेत्र में छत्तीसगढ़ पुलिस को सौंप दिया. गिरफ्तारी की सूचना मिलने पर तेलंगाना डेमोक्रेटिक फोरम ने ये मुद्दा हैदराबाद में पुलिस महानिदेशक अनुराग शर्मा के समक्ष उठाया.

फोरम के मुताबिक पुलिस महानिदेशक ने गिरफ्तारी को छत्तीसगढ़ पुलिस का मामला बताते हुए पल्ला झाड़ लिया. फोरम ने आरोप लगाया कि तेलांगना में विधानसभा सत्र चल रहा है इसीलिए गिरफ्तारी पर बवाल से बचने के लिए सारी जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ पुलिस पर डाल दी गई. फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है.

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