मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं के बीच शुक्रवार को पिंक सिटी जयपुर में भी मॉब लिंचिंग की एक घटना होते-होते बच गई. अपने दिवंगत दोस्त के शव को बोरे में भरकर साइकिल पर ले जाते एक व्यक्ति को लोगों ने पकड़ लिया. उसकी जमकर पिटाई कर दी. इसी बीच मौके पर पहुंची पुलिस ने उसे भीड़ के चंगुल से बचाया.
हुआ यह कि उत्तर प्रदेश का निवासी राजकुमार गुप्ता अपने दोस्त का शव बोरे में भरकर अंत्येष्टि के लिए ले जा रहा था. इसी बीच विश्वकर्मा चौराहे के समीप साइकिल पर रखे बोरे से निकलता सिर देखकर लोगों ने घेर लिया. वह अपने दोस्त की शराब पीने से मौत होने की दुहाई देता रहा, लेकिन भीड़ कहा सुनने वाली थी.
लोगों ने उसकी पिटाई शुरू कर दी. लोगों ने घेर कर उसे पीटना शुरू ही किया था कि मौके पर पुलिस पहुंच गई. पुलिस ने उसे भीड़ के चंगुल से किसी तरह बचाया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसकी मौत शराब की वजह से होने की पुष्टि हुई है. पुलिस भी देख कर हैरत में थी कि कैसे कोई साइकिल पर रखकर किसी व्यक्ति की लाश सीमेंट के बोरे में बांधकर ले जा सकता है.
पुलिस को बताया, श्मशान ले जा रहा था
राजकुमार ने पुलिस को बताया कि उसका दिवंगत दोस्त 35 वर्षीय हीरालाल यादव मूल रूप से बिहार का रहने वाला था. उसने बताया कि उसके पास किराए के पैसे नहीं थे, इसलिए वह अंत्येष्टि के लिए कोई वाहन नहीं कर सका. मजबूर होकर शव बोरे में भरकर साइकिल से ही श्मशान ले जा रहा था.
हीरालाल को घरवालों ने निकाल दिया था
राजकुमार के अनुसार मृतक हीरालाल की पत्नी और बच्चे जयपुर में ही रहते हैं. उसके अत्यधिक शराब पीने की लत से परेशान होकर घरवालों ने उसे घर से निकाल दिया था. वह उसके साथ ही रहता था. उसने बताया कि सुबह भी जब वह मजदूरी करने जा रहा था तो हीरालाल बैठकर शराब पी रहा था. दोपहर में लौटा तो कमरे में उसकी मौत हो गई थी.
एसीपी ने कहा, मामला संदिग्ध नहीं
असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर (एसीपी) बजरंग सिंह शेखावत ने कहा कि हमने पूछताछ की है. मामला संदिग्ध नहीं है. उन्होंने अधिक शराब के सेवन को मौत की वजह बताते हुए कहा कि मृतक के शरीर पर किसी तरह की चोट के निशान नहीं हैं.
एसीपी ने पोस्टमार्टम के संबंध में बताया कि कांवटिया अस्पताल में मृतक के शव का पोस्टमार्टम कराया गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी शराब के अधिक सेवन को मौत की वजह बताया गया है.