उत्तर प्रदेश के रायबरेली में जिला पंचायत अध्यक्ष अवधेश सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव से पहले सदर विधायक अदिति सिंह और बीडीसी सदस्यों पर हुए हमले के मामले में पुलिस ने 10 लोगों को गिरफ्तार किया है. इसमें एक आरोपी प्रधान संघ का अध्यक्ष भी है. ये गिरफ्तारियां सीसीटीवी फुटेज के आधार पर की गई हैं. सीसीटीवी फुटेज में हमलावर मारपीट करते और गाड़ियां तोड़ते हुए नजर आ रहे हैं.
आपको बता दें कि जिला पंचायत अध्यक्ष अवधेश सिंह के अविश्वास प्रस्ताव को लेकर 14 मई को लखनऊ-इलाहाबाद राजमार्ग पर टोल प्लाजा के पास डीडीसी सदस्यों के साथ मारपीट की गई थी और रायबरेली सदर से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह पर भी हमला किया गया था. इस मामले में कांग्रेस की तरफ से बछरावां थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी.
इस हमले के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं का हाल-चाल लेने रायबरेली गई थीं. उन्होंने मामले को लखनऊ से लेकर दिल्ली तक उठाने की बात कही थी. साथ ही उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं को मामले में कार्रवाई कराए जाने का आश्वासन दिया था. प्रियंका गांधी वाड्रा के दौरे के बाद प्रशासन हरकत में आया था और मामले की जांच शुरू की थी.
इस मामले में ज्यादातर गिरफ्तारियां सीसीटीवी फुटेज देखकर की गई हैं. हालांकि बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस विधायक अदिति सिंह और दूसरे कांग्रेस नेताओं के साथ किसी भी तरीके की कोई मारपीट नहीं करने की बात कही है. बीजेपी नेताओं का कहना है कि कांग्रेस पार्टी जानबूझकर उनके खिलाफ झूठे आरोप लगा रही है. वहीं, इस मामले की गंभीरता को देखते हुए बछरावां थाने के हरचंदपुर शिवगढ़ और लालगंज इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है.
इस मामले में रायबरेली लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार और एमएलसी दिनेश सिंह को भी आरोपी बनाया गया है. दिनेश सिंह का कहना है, 'कांग्रेस विधायक अदिति सिंह पर किसी भी तरीके का कोई हमला नहीं किया गया. अदिति सिंह को मैं बेटी की तरह मानता हूं. इस मामले में प्रशासन ने मजिस्ट्रेट जांच भी शुरू कर दी है.' दूसरी तरफ बीजेपी के नेताओं ने इसे कांग्रेस की साजिश करार देते हुए उत्तर प्रदेश के राज्यपाल से निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग की है.
इस मामले में बीजेपी नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल लखनऊ में राज्यपाल को ज्ञापन देने भी गया है. बहरहाल, चुनावी मौसम में आरोप और प्रत्यारोप का दौर जारी है, क्योंकि यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के बेहद करीबी एमएलसी दिनेश सिंह अब उन्हीं के खिलाफ रायबरेली लोकसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. लिहाजा दोनों पार्टियां एक-दूसरे को नीचा दिखाने की कोई कोर कसर बाकी नहीं रखना चाहती हैं.