रेव पार्टियों में नौजवानों के थिरकते कदम. नशे की मद में हर कोई मदहोश होता जाता है. जैसे-जैसे नशे का सुरूर चढ़ता है वैसे-वैसे ड्रग्स की डिमांड भी बढ़ जाती है. इसी तरह की पार्टियों में लोगों को अपनी धुनों पर नचाकर और मदहोश करता था डीजे कमल कालरा. जब ड्रग की डिमांड बढ़ती तो इसका फायदा उठाकर कमल रेव पार्टी में ड्रग्स का सौदा करता था.
रोहिणी के रहने वाले कमल कालरा का साथ उसका साथी महेश गोयल चेन्नई से देता था. इन ड्रग सप्लायरों ने नया तरीका इज़ाद किया था ताकि ऑनलाइन वेबसाइट के जरिए ये अपने इस काले कारोबार को पुलिस की नजरों से बचाकर आगे बढ़ा सकें. ड्रग्स सप्लाई करने का ये पहला तरीका हिन्दुस्तान की पुलिस के हाथ मे लगा तो उसके भी होश उड़ गए.
ये ड्रग्स वर्ल्डवाइड है किसी भी देश मे बैठा शख्स इसे मंगा सकता है. इस बार ड्रग्स को ऑनलाइन खरीदकर पोस्ट के जरिए नीदरलैंड से इंडिया में भेजा गया था. इसमें बिटकॉइन के जरिए पेमेंट का तरीका अपनाया गया था. डीसीपी क्राइम ब्रंच राजेश देव ने बताया कि डिजिटल सिस्टम का गलत फायदा उठाकर ड्रग सप्लाई करने का ये बिल्कुल नया तरीका है.
उन्होंने बताया कि स्कूली बच्चों से लेकर हर युवा के लिए इसके जरिए ड्रग्स मंगवाना आसान है, क्योंकि इसमें खास तरह के सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके डीप नेट और डार्क नेट के जरिए खास टोर ब्रॉउजेर डाउनलोड करके गूगल में जाकर इन्हें कोई भी ड्रग आसानी से मिल जाती थी. यह अपने आप में हर किसी को चौंका देने वाला तरीका है.
पुलिस ने कमल कालरा और महेश के पास से करोड़ों की कीमत वाली एक्सटेसी यानि एमडीएमए नाम की ड्रग्स की सौ टेबलेट पकड़ी हैं. इन टेबलेट्स को ग्रिटिंग कार्डस् में छिपाकर नीदरलैंड से हिंदुस्तान भेजा गया था. पुलिस की आंखो में धूल झोंक कर ऑनलाइन वेबसाइट के जरिए कमल कालरा और महेश ड्रग्स तस्करी के इस गौरखधंधे को अंजाम दे रहे थे.
पुलिस का कहना है कि ये चौथी मर्तबा है जब चेन्नई के रहने वाले महेश गोयल को ड्रग्स तस्करी में गिरफ्तार किया गया है. पुलिस को शक है कि इस गैंग की जड़े कई दूसरे शहरों में भी फैली हो सकती हैं. लिहाजा, दोनों इंटरनेश्नल ड्रग तस्करों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है. जानकारी के आधार पर नेटवर्क की जांच की जाएगी.
- नीदरलैंड, जर्मनी, फिलिपिंस और होलैंड के रास्ते हिंदुस्तान आती थी ड्रग्स
- ग्रिटिंग कार्ड में छिपाकर लाई जाती थी ड्रग्स
- ड्रग्स की ये पूरी डील ऑनलाइन होती थी
- बिटकोइंस में होती थी ड्रग्स की पेमेंट