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ग्रेटर नोएडा: पुलिस मुठभेड़ में एक बदमाश गिरफ्तार, दारोगा घायल

दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हुई है. इस मुठभेड़ में दो बदमाशों के पैर में गोली लगी है, वहीं एक दारोग घायल हो गया है. पुलिस ने एक बदमाश को मौके से गिरफ्तार कर लिया है.

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अस्पताल में उपनिरीक्षक प्रीतम सिंह
अस्पताल में उपनिरीक्षक प्रीतम सिंह

दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हुई है. इस मुठभेड़ में दो बदमाशों के पैर में गोली लगी है, वहीं एक दारोगा घायल हो गया है. पुलिस ने एक बदमाश को मौके से गिरफ्तार कर लिया है. घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. एक बदमाश मौके से फरार हो गया है. पुलिस उसकी तलाश कर रही है.

जानकारी के मुताबिक, पुलिस को सूचना मिली कि ग्रेटर नोएडा में दो बदमाश किसी वारदात को अंजाम देने वाले हैं. इसके बाद पुलिस की टीम ने दोनों को घेर लिया. तभी बदमाश फायरिंग करने लगे. पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग किया. इसमें दो बदमाशों को गोली लगी. एक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, जबकि दूसरा फरार हो गया.

पुलिस के मुताबिक, इस मुठभेड़ के दौरान एक उपनिरीक्षक प्रीतम सिंह को गोली लगी है. उनको इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया है. बदमाश तिलपता गोल चक्कर से क्रेटा कार लूट कर भाग रहे थे. खेड़ी भनोता गोल चक्कर पर पुलिस ने उनको घेर लिया था. पुलिस ने एक बदमाश को गिरफ्तार करके कार बरामद कर लिया है.

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बताते चलें कि उत्तर प्रदेश में बदमाशों की शामत आ गई है. अपराधियों को लेकर यूपी पुलिस एक्शन में है. ऑपरेशन 'ऑलआउट' के मोड में कार्रवाई करते हुए यूपी पुलिस ने कुछ दिन पहले 72 घंटे में 24 एनकाउंटर कर डाले, जिसमें 36 कुख्यात अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया गया, जबकि 3 इनामी बदमाश ढेर कर दिए गए.

बताया गया कि 3 दिन के अंदर यूपी के 15 जिलों में पुलिस और बदमाशों के बीच जबरदस्त मुठभेड़ें हुईं, जिसमें सबसे ज्यादा चार एनकाउंटर शामली में, तीन एनकाउंटर बुलंदशहर में, जबकि कानपुर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर और लखनऊ में दो-दो एनकाउंटर हुए. मुठभेड़ के दौरान बदमाशों के पास से बड़ी मात्रा में हथियार बरामद किए गए.

आतंक का पर्याय बन चुके बावरिया गैंग के 4 डकैतों को गिरफ्तार किया गया, जबकि दूसरे में दो डकैतों को गोली लगी है. यह दोनों बावरिया गैंग से जुड़े डकैत हैं. पुलिस ने तड़ातड़ हुए इन एनकाउंटर में जिन बदमाशों का काम तमाम किया है, उनमें कईयों पर 10 हजार से 50 हजार तक का इनाम घोषित था. कई सनसनीखेज केस दर्ज थे.

1982 में हुआ था पहला एनकाउंटर

एनकाउंटर यानी मुठभेड़ शब्द का इस्तेमाल हिंदुस्तान और पाकिस्तान में बीसवीं सदी में शुरू हुआ. एनकाउंटर का सीधा सीधा मतलब होता है. बदमाशों के साथ पुलिस की मुठभेड़. हालांकि बहुत से लोग एनकाउंटर को सरकारी क़त्ल भी कहते हैं. हिंदुस्तान में पहला एनकाउंटर 11 जनवरी 1982 को मुंबई के वडाला कॉलेज में हुआ था.

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पहला एनकाउंटर ही विवादों में घिरा

उस वक्त मुंबई पुलिस की एक स्पेशल टीम ने गैंगस्टर मान्या सुरवे को छह गोलियां मारी थी. कहते हैं कि पुलिस गोली मारने के बाद उसे गाड़ी में डाल कर तब तक मुंबई की सड़कों पर घुमाती रही, जब तक कि वो मर नहीं गया. इसके बाद उसे अस्पताल ले गई. आज़ाद हिंदुस्तान का ये पहला एनकाउंटर ही विवादों में घिर गया था.

यूपी में 455 फर्जी एनकाउंटर

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एक रिपोर्ट के मुताबिक एक जनवरी 2005 से लेकर 31 अक्टूबर 2017 तक यानी पिछले 12 सालों में देश भर में 1241 फर्जी एनकाउंटर के मामले सामने आए. इनमें से अकेले 455 मामले यूपी पुलिस के खिलाफ़ थे. मानवाधिकार आयोग के मुताबिक इन्हीं 12 सालों में यूपी पुलिस की हिरासत में 492 लोगों की भी मौत हुई.

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