निर्भया रेप केस के चारों दोषियों को 20 मार्च सुबह 5.30 बजे फांसी दिए जाने का वक्त मुकर्रर था. लेकिन इस फांसी को टालने के लिए दोषियों के वकील एपी सिंह की ओर से हर तरह की कोशिशें की गईं. दिल्ली हाई कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद एपी सिंह ने देर रात सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. हालांकि, यहां पर भी उनके पैंतरे नहीं चले और सुप्रीम कोर्ट ने फांसी टालने की याचिका को खारिज कर दिया.
देर रात 12 बजे जब दिल्ली हाई कोर्ट से याचिका खारिज हुई तो करीब पौने दो बजे निर्भया के दोषियों के वकील सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार के घर पहुंचे और तुरंत सुनवाई के बारे में बात की. दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के बाद एपी सिंह दिल्ली के किदवई नगर इलाके में पहुंचे, जहां पर सर्वोच्च अदालत के मेंशनिंग रजिस्ट्रार के घर गए.
इसके बाद जब सुनवाई शुरू हुई तो सुप्रीम कोर्ट ने एपी सिंह की सभी दलीलों को खारिज कर दिया गया. इसी के बाद ये तय हो गया कि सुबह 5.30 बजे चारों दोषियों को फांसी होगी.
सुनवाई से पहले निर्भया के दोषियों के वकील एपी सिंह ने आरोप लगाया कि उन्हें जानबूझ कर दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले की कॉपी नहीं दी जा रही है, ताकि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई ना हो सके. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की वजह से कई जगह कागजों और याचिकाओं की फोटो कॉपी नहीं हो रही है.
दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज की याचिका
आपको बता दें कि 19 मार्च को वकील एपी सिंह की ओर से दिल्ली हाई कोर्ट में डेथ वारंट को टालने के लिए याचिका दायर की गई थी लेकिन अदालत ने कहा कि उनकी दलीलों में कोई दम नहीं है और ऐसा कोई कारण नहीं है, जिसके दम पर फांसी को टाला जा सके. इसी के साथ रात को 12 बजे फांसी नहीं टालने का फैसला दिया गया, इसी के बाद निर्भया के दोषियों के वकील ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया.
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